पटना: जदयू के पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी आज कल बिहार और झारखंड के अल्पसंख्यक समाज को जागरूक करने में लगे हुए है. उनका मानना है कि जातीय गणना के बाद से जो स्थिति सामने आई है इसके अनुसार अल्पसंख्यकों को भी सत्ता में भागीदारी मिलनी चाहिए. यह जब तक नहीं मिलेगा हम अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे. वहीं, गुलाम रशुल बलियाबी ने कहा कि यहां सब कुछ जाति की संख्या के आधार पर हो रहा है तो सत्ता में भी अल्पसंख्यक समाज को भागीदारी मिलनी चाहिए. इसके लिए आवाज उठाना गलत कहां है.
जागरूकता सम्मेलन कर रहे पूर्व विधान पार्षद: दरअसल, गुलाम रसूल बाल्यावी बिहार और झारखंड के कई जगहों पर ईदारे सरिया सह जागरूकता सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं. 17 दिसंबर से लेकर 21 दिसंबर तक वह झारखंड के कई शहर के साथ-साथ बिहार के औरंगाबाद में भी ईरादे सरिया सह जागरूकता सम्मेलन करेंगे. उनका मानना है कि अल्पसंख्यक समाज ने जिस पर भरोसा किया है और जिसका साथ दिया है उन्हें भी इस बात का एहसास होना चाहिए. उन्हें भी हिस्सेदारी देनी चाहिए. इसके लिए हमने अपनी हक की लड़ाई शुरू कर दी है.
अल्पसंख्यक समाज का डिप्टी सीएम हो: वहीं, कुछ दिन पहले गुलाम रसूल बलियाबी ने अपने बयान में कहा था कि बिहार में अल्पसंख्यक समाज का डिप्टी सीएम होना चाहिए. आज भी गुलाम रसूल बलियावी अपने बयान पर कायम है. वह साफ-साफ यह कहते हुए नजर आते हैं कि हमने जिस भरोसे और विश्वास के साथ जिन पार्टियों का साथ दिया था, हमें उम्मीद है कि इस भरोसे और विश्वास के साथ हमें अपनी सत्ता में हिस्सेदारी मिलेगी. इसको लेकर हम अल्पसंख्यक समाज के पास जा रहे हैं. उन्हें बता रहे हैं, उन्हें जागरुक कर रहे हैं. इसमें कहीं कोई गलत काम नहीं है. जो लोग इसे गलत समझते हैं वह नादान हैं.
"जिस तरह से हमने निस्वार्थ भावना से किसी पार्टी का साथ दिया है. उसी तरह से पार्टी को भी हमारा साथ देना चाहिए. वह हमें भी हिस्सेदारी दे. बिहार में अल्पसंख्यक समाज का डिप्टी सीएम होना चाहिए. साथ ही सत्ता में भी अल्पसंख्यक समाज को भागीदारी मिलनी चाहिए." - गुलाम रसूल बलियावी, पूर्व विधान पार्षद.