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RJD के मुस्लिम उम्मीदवारों को यादव वोट नहीं देते हैं: गुलाम रसूल बलियावी

बिहार में एमवाई (मुस्लिम और यादव) समीकरण को राजद (RJD) का वोट बैंक माना जाता है. जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी (Ghulam Rasool Baliyavi) ने राजद के एमवाई समीकरण पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि चुनाव के समय राजद के मुस्लिम उम्मीदवारों को यादव वोट नहीं देते.

jdu leader gulam rasool baliyavi
जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी
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Published : Jul 13, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 4:29 PM IST

पटना: बिहार में 2 सीटों पर उप चुनाव होने हैं. इसको लेकर राज्य की सियासत गर्म है. जदयू (JDU) नेता गुलाम रसूल बलियावी (Ghulam Rasool Baliyavi) ने दावा किया है कि दोनों सीटों पर जदयू के उम्मीदवार ही चुनाव जीतेंगे. बलियावी ने कहा कि एमवाई समीकरण पर राजद (RJD) अपनी अच्छी पकड़ बताता है. यह सिर्फ कहने की बात है.

यह भी पढ़ें- 'मुसीबत के वक्त बिहार से दूर रहते हैं तेजस्वी, बाहर रहने वाले क्या जाने जनता का हाल'

बलियावी ने कहा, "चुनाव के समय देखा गया है कि राजद द्वारा उतारे गए मुस्लिम उम्मीदवारों को यादव वोट नहीं दे रहे हैं. यदि यादव वोटर मुस्लिम प्रत्याशी को वोट देते तो अब्दुल बारी सिद्दीकी, हिना साहेब, रियाजुल हक राजू और सरफराज आलम चुनाव कैसे हार गए?"

देखें वीडियो

"यदि इन लोगों को एमवाई का वोट मिला होता तो शायद ये चुनाव नहीं हारते. सेकुलरिज्म के नाम पर मुस्लिम मतदाताओं ने राजद उम्मीदवारों को बढ़-चढ़कर वोट दिया, लेकिन राजद के मुस्लिम उम्मीदवारों को यादवों ने वोट नहीं दिया."- गुलाम रसूल बलियावी, जदयू नेता

गुलाम रसूल बलियावी द्वारा लगाए गए आरोप पर राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि गुलाम रसूल आरएसएस (RSS) की विचारधारा से प्रभावित होकर इस तरह के बयान देते हैं. यदि उनका यह कहना सही होता तो राजद के सबसे अधिक मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव नहीं जीतते.

"जदयू ने प्रवक्ताओं की जो लिस्ट जारी की है उसमें एक भी मुस्लिम का नाम नहीं है. जदयू सिर्फ मुसलमानों की भलाई की बात कहता है, लेकिन एक भी काम मुसलमानों के हित में नहीं किया. जदयू अपनी बुराई छिपाने के लिए गुलाम रसूल बलियावी जैसे मुस्लिम नेताओं का उपयोग करता है."- एजाज अहमद, प्रवक्ता, राजद

बता दें कि 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू के 43 विधायक चुने गए थे. इनमें से तारापुर के विधायक मेवालाल चौधरी और कुशेश्वर स्थान के विधायक शशि भूषण हजारी की मृत्यु हो चुकी है. यहां पर अब उपचुनाव होने हैं. बिहार में यादव करीब 14 फीसदी और मुसलमान करीब 15 फीसदी हैं. इनके वोट शेयर को जोड़ दें तो करीब 29 फीसदी होता है.

यह भी पढ़ें- 'कानून' पर CM नीतीश के विरोधी हैं उपेन्द्र कुशवाहा, BJP के हैं साथ

पटना: बिहार में 2 सीटों पर उप चुनाव होने हैं. इसको लेकर राज्य की सियासत गर्म है. जदयू (JDU) नेता गुलाम रसूल बलियावी (Ghulam Rasool Baliyavi) ने दावा किया है कि दोनों सीटों पर जदयू के उम्मीदवार ही चुनाव जीतेंगे. बलियावी ने कहा कि एमवाई समीकरण पर राजद (RJD) अपनी अच्छी पकड़ बताता है. यह सिर्फ कहने की बात है.

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बलियावी ने कहा, "चुनाव के समय देखा गया है कि राजद द्वारा उतारे गए मुस्लिम उम्मीदवारों को यादव वोट नहीं दे रहे हैं. यदि यादव वोटर मुस्लिम प्रत्याशी को वोट देते तो अब्दुल बारी सिद्दीकी, हिना साहेब, रियाजुल हक राजू और सरफराज आलम चुनाव कैसे हार गए?"

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"यदि इन लोगों को एमवाई का वोट मिला होता तो शायद ये चुनाव नहीं हारते. सेकुलरिज्म के नाम पर मुस्लिम मतदाताओं ने राजद उम्मीदवारों को बढ़-चढ़कर वोट दिया, लेकिन राजद के मुस्लिम उम्मीदवारों को यादवों ने वोट नहीं दिया."- गुलाम रसूल बलियावी, जदयू नेता

गुलाम रसूल बलियावी द्वारा लगाए गए आरोप पर राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि गुलाम रसूल आरएसएस (RSS) की विचारधारा से प्रभावित होकर इस तरह के बयान देते हैं. यदि उनका यह कहना सही होता तो राजद के सबसे अधिक मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव नहीं जीतते.

"जदयू ने प्रवक्ताओं की जो लिस्ट जारी की है उसमें एक भी मुस्लिम का नाम नहीं है. जदयू सिर्फ मुसलमानों की भलाई की बात कहता है, लेकिन एक भी काम मुसलमानों के हित में नहीं किया. जदयू अपनी बुराई छिपाने के लिए गुलाम रसूल बलियावी जैसे मुस्लिम नेताओं का उपयोग करता है."- एजाज अहमद, प्रवक्ता, राजद

बता दें कि 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू के 43 विधायक चुने गए थे. इनमें से तारापुर के विधायक मेवालाल चौधरी और कुशेश्वर स्थान के विधायक शशि भूषण हजारी की मृत्यु हो चुकी है. यहां पर अब उपचुनाव होने हैं. बिहार में यादव करीब 14 फीसदी और मुसलमान करीब 15 फीसदी हैं. इनके वोट शेयर को जोड़ दें तो करीब 29 फीसदी होता है.

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Last Updated : Jul 13, 2021, 4:29 PM IST
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