पटना: बीजेपी की 30 साल पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना के अलग होने के बाद एनडीए की दूसरी बड़ी पार्टी जदयू ने गठबंधन में आदर्श स्थिति के लिए को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग की है. जदयू ने कहा है कि को-ऑर्डिनेशन कमेटी बन जाने से एनडीए के सभी घटक दलों के बीच आपसी संवादहीनता और वैचारिक भिन्नता खत्म होगी, सभी एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे.
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि एनडीए में को-ऑर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए. इससे घटक दलों के बीच आपसी टकराव से बचाव होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा हर चुनाव अपने बलबूते लड़ना चाहती है, वो घटक दलों का साथ नहीं चाहती. यही कारण है कि झारखंड चुनाव में जहां भाजपा अकेले लड़ रही है, वहीं जदयू और लोजपा भी अलग-अलग लड़ रहे हैं. हालांकि, उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर भरोसा जताते हुए कहा कि जदयू अपनी भूमिका से संतुष्ट है.
एनडीए का संयुक्त घोषणा पत्र बनाने की मांग
इसके साथ ही पार्टी ने एनडीए का संयुक्त घोषणा पत्र बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है. जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने यह मांग उठायी है. बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार में हिस्सेदारी है. इनके अलावा यहां एनडीए में लोजपा भी शामिल है. राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए में शिवसेना के अलग हो जाने के बाद 19 दल रह गये हैं, जिनमें लोकसभा में दूसरी बड़ी सहयोगी पार्टी जदयू होगी और राज्यसभा में 11 सदस्यों वाली एआइडीएमके बड़ी सहयोगी पार्टी होगी.
जदयू के इस प्रस्ताव से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज
बता दें कि सत्ता में भागीदारी के सवाल पर महाराष्ट्र में एनडीए टूट गया है. शिवसेना ने अपनी अलग राह पकड़ ली है. झारखंड में पहले ही जदयू सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुका है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी वह अलग होकर अपनी ताकत आजमाएगा. इधर, आजसू ने भाजपा से इतर अपने अलग 11 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में जदयू के इस प्रस्ताव को राजनीतिक हलकों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.