पटना: बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू में इन दिनों सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. 10 दिन पहले पार्टी कार्यालय में दो महासचिव और कार्यालय प्रभारी आपस में भिड़ गए. पार्टी नेतृत्व को दोनों पर कार्रवाई करनी पड़ी और संगठन के पद से मुक्त करने के साथ एक महीने तक पार्टी कार्यालय में प्रवेश निषेध कर दिया गया. अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी आपस में भिड़ गए हैं. जानकारी के अनुसार यह सब कुछ मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में हुआ.
ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच बहस: इससे पहले भी पार्टी के अंदर पिछले कुछ महीनो में लगातार विवाद देखने को मिला था. लेसी सिंह और बीमा भारती के बीच का विवाद किसी से छिपा नहीं है. वहीं अब ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच हुए विवाद मामले में भी पार्टी के नेता बोलने से बच रहे हैं. पार्टी के नेताओं का कहना है कि कोई विवाद है ही नहीं. वहीं वित्त मंत्री विजय चौधरी का कहना है कि यदि कोई विवाद हुआ तो उसे सुलझा लिया जाएगा लेकिन ऐसा कोई विवाद नहीं है.
पार्टी पर नीतीश की पकड़ कमजोर?: नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के नेताओं का यह दावा रहा है कि नीतीश कुमार पॉलिटिक्स फॉर डिफेंस के लिए जाने जाते हैं. अनुशासन उसमें से प्रमुख है, लेकिन पार्टी के अंदर विवाद बढ़ रहा है. इसके कारण नीतीश कुमार की पकड़ पार्टी पर कमजोर होते दिख रही है. वहीं नीतीश कुमार के बार-बार पाला बदलने से भी पार्टी के अंदर नेताओं के लिए मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं.
नीतीश ने अशोक चौधरी के प्रति दिखाया था अथाह प्रेम: नया विवाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के बीच का है. दोनों नीतीश कुमार के खास माने जाते हैं और यही कारण है कि ललन सिंह ने कभी नीतीश कुमार के नजदीकी रहे आरसीपी सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा था. अब अशोक चौधरी के साथ ललन सिंह का जिस प्रकार से विवाद हुआ है, वह चर्चा में है. अशोक चौधरी इन दोनों नीतीश कुमार के बेहद नजदीक है और इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से भिड़ने की ताकत भी दिखाई है.
नीतीश के दुलार का असर!: दरअसल बीते दिनों टीका टिप्पणी के सवाल पर नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी की गर्दन पकड़ ली थी. उसके कुछ दिनों बाद एक और तस्वीर सामने आई जिसमें नीतीश कुमार का अनोखा अंदाज देखने को मिला. नीतीश कुमार, मंत्री अशोक चौधरी के गले मिलते दिखे. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के दुलार के कारण अशोक चौधरी अब ललन सिंह की भी नहीं सुन रहे हैं.
पार्टी के अंदर गुटबाजी!: जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार के मौजूदगी में ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच बहल शुरू हो गई. मामला भले ही बरबीघा और जमुई क्षेत्र के दौरे को लेकर और वहां कार्यक्रम से जुड़ा है, लेकिन जिस प्रकार से ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच बहस हुई है कहीं ने कहीं पार्टी में गुटबाजी दिखने लगी है.
बहस का कारण: बताया जा रहा है कि सीएम आवास पर सोमवार को जेडीयू की बैठक के दौरान पार्टी के दिग्गज नेता पहुंचे थे. इसी दौरान ललन सिंह ने अशोक चौधरी से बात करनी चाही. उन्होंने अशोक चौधरी से कहा कि आप जमुई और बरबीघा की सियासत में दखलअंदाजी ना करें. ललन सिंह को इस बात से भी आपत्ति थी कि अशोक चौधरी बरबीघा विधानसभा की सियासत पर बार-बार दखलअंदाजी कर रहे. बरबीघा के एमएलए सुदर्शन ने इसे लेकर शिकायत दर्ज करायी है.
ललन को अशोक चौधरी का करारा जवाब: ललन सिंह ने कहा कि अशोक चौधरी के कदम से वहां के विधायक थोड़े असहज महसूस कर रहे हैं. सीएम के सामने ललन सिंह ने ये भी बात कही कि अशोक चौधरी को जमुई प्रभारी मंत्री पद से हटाया जा चुका है तो फिर वहां क्यों जा रहे हैं? इतना सुनते ही अशोक चौधरी भड़क गए और कहा कि वो कौन होते हैं उन्हें कहीं जाने से मना करने वाले. अशोक चौधरी ने आगे कहा कि वो सीएम को बता कर जाते हैं.
पहले भी कई बार JDU में विवाद: वहीं ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच हुई बहस को लेकर मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि इस तरह का कोई विवाद हुआ ही नहीं है. पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक ठाक होने का दावा किया गया है. लेकिन महागठबंधन की सरकार बनने के बाद ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच विवाद पार्टी के अंदर कोई पहला विवाद नहीं है, इससे पहले भी पार्टी के अंदर कई बार विवाद देखने को मिला था. मामलों को शांत करने के लिए कई बार नीतीश कुमार को खुद हस्तक्षेप भी करना पड़ चुका है.
"मुख्यमंत्री जब तक थे मैं भी वहां था. मुख्यमंत्री के सामने ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ है. एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं दूसरा पार्टी के वरिष्ठ मंत्री दोनों के बीच यदि कोई विवाद हुआ तो उसे सुलझा लिया जाएगा. लेकिन ऐसा कोई विवाद हुआ ही नहीं है."- विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार
"यह विरोधियों की साजिश है. ऐसे में वहां मौजूद नहीं था लेकिन इस तरह की कोई बात नहीं हुई है."- जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, बिहार
"इस तरह की घटना की बात तो आप ही से हम सुन रहे हैं. पार्टी के अंदर सब ठीक है. ऐसा कुछ नहीं हुआ है."- संजय गांधी,जदयू एमएलसी
अशोक चौधरी ने मामले से काटा कन्नी: वहीं मंत्री अशोक चौधरी इस पूरे मामले को लेकर कन्नी काटते दिखे. सधा हुआ जवाब देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि कोई बहस नहीं हुई है. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस मामले में मीडिया से बातचीत करने से ही इनकार कर दिया है.
पार्टी के अंदर कई बड़े नेताओं के बीच विवाद: इससे पहले मंत्री लेसी सिंह और विधायक बीमा भारती के बीच विवाद सबने देखा था. बीमा भारती ने कई तरह के आरोप मंत्री लेसी सिंह पर लगाए थे. मंत्री से हटाने की मांग तक की थी. पार्टी के शीर्ष नेताओं को बीच बचाव करना पड़ा था. वहीं विधान पार्षद रामेश्वर महतो और मंत्री अशोक चौधरी के बीच विवाद भी खूब चर्चा में रहा था. महागठबंधन की सरकार बनने से पहले उपेंद्र कुशवाहा और आरसीपी सिंह के बीच विवाद भी किसी से छिपा नहीं है. वहीं आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच भी विवाद काफी चर्चा में रहा था.