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'नीतीश अकेले नहीं लड़ सकते विधानसभा चुनाव, इस बार BJP से डील करने में होगी मुश्किल'

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि नीतीश कुमार सोशल इंजीनियरिंग के माहिर हैं, इसलिए हमेशा सरकार बनाने वाली स्थिति की कोशिश में रहेंगे. नीतीश अकेले चुनाव में नहीं जाएंगे, अंत तक एनडीए के साथ बने रहने की भी कोशिश करेंगे.

नीतीश कुमार
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Published : Sep 25, 2019, 7:44 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 8:53 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर 2020 में चुनाव होने हैं. यहां एक तरफ एनडीए है तो दूसरी तरफ महागठबंधन. हालांकि किसी भी गठबंधन में सीएम कैंडिडेट पर अब तक आम सहमति नहीं बन पायी है. नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चेहर पर चुनाव लड़ने पर पशोपेश की स्थिति बनी हुई है. वहीं, एनडीए में बीजेपी नेताओं के आक्रामक रवैये से जदयू 2010 वाली स्थिति में नहीं है. विश्लेषण भी कहते हैं कि नीतीश कुमार अकेले लड़ने की स्थिति में नहीं हैं.

nitish kumar
सीएम नीतीश कुमार

आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए न केवल सीट बल्कि उम्मीदवारों के चयन में भी 2010 वाली स्थिति नहीं होगी. 2010 के चुनाव में एनडीए में नीतीश की तूती बोलती थी. यहां तक कि बीजेपी के कई उम्मीदवार नीतीश के कहने पर उस समय तय होते थे. हालांकि नीतीश कुमार पाला बदल कर 2015 में महागठबंधन के साथ चले गए, जहां वह गठबंधन के नेता थे. लेकिन अब स्थितियां बदलती जा रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की स्पेशल रिपोर्ट

नीतीश के साथ जनता- राजीव रंजन
वहीं, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि हर बार नीतीश कुमार ने सबको चौंकाया है, क्योंकि जनता उनके साथ है. चाहे वह जिस गठबंधन के साथ हों, जनता गठबंधन नहीं बल्कि नीतीश कुमार को देखती है.

rajeev ranjan jdu
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन

'2010 की तरह नीतीश अब भी NDA के नेता'
जदयू प्रवक्ता के इस चौंकाने वाले बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने टिप्पणी करने से परहेज किया. उन्होंने कहा कि 2010 में नीतीश कुमार एनडीए के नेता थे और अभी भी एनडीए के नेता हैं. जनता ने एनडीए को विकास के लिए अपना मत दिया था. संजय टाइगर ने बताया कि लोकसभा चुनाव में हमारा लक्ष्य 300 पार था. वहीं, विधानसभा के चुनाव में 200 पार लक्ष्य लेकर चलेंगे.

sanjay tiger in patna
बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर

सरकार बनाने की कोशिश में रहेंगे नीतीश
इसबार नीतीश कुमार के एनडीए में 2010 वाली स्थिति नहीं होने की बात पर राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर का कहना है कि नीतीश कुमार सोशल इंजीनियरिंग के माहिर हैं, इसलिए हमेशा सरकार बनाने वाली स्थिति की कोशिश में रहेंगे. नीतीश अकेले चुनाव में नहीं जाएंगे, अंत तक एनडीए के साथ बने रहने की भी कोशिश करेंगे. उनका ये भी कहना है कि बीजेपी नेताओं की बयानबाजी कहीं ना कहीं राष्ट्रीय नेतृत्व के इशारे पर है. इस बयानबाजी में पार्टी के कोई बड़े नेता शामिल नहीं होते हैं, लेकिन हां, इसके जरिए टोह लिया जा रहा है. संभावनाओं को तलाशा जा रहा है.

dm diwakar
विश्लेषक डीएम दिवाकर

2010 वाली स्थिति में नहीं हैं नीतीश
गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले उपचुनाव होने जा रहा है. हालांकि उपचुनाव को लेकर एनडीए में सहमति बन गई है. गठबंधन में किसी तरह की परेशानी की खबर नहीं है. लेकिन 2020 में स्थितियां बदल सकती है. इसको लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं. खासकर बीजेपी नेताओं के बयान के बाद यह चर्चा है कि नीतीश अब 2010 वाली स्थिति में नहीं हैं, इसलिए मुश्किलें बढ़ सकती है. लेकिन विश्लेषक कहते हैं कि नीतीश अकेले चुनाव में नहीं जाएंगे. अंत-अंत तक एनडीए के साथ रहने की कोशिश करेंगे, अगर बात नहीं बनी तो फिर दूसरा रास्ता तैयार करेंगे.

पटनाः बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर 2020 में चुनाव होने हैं. यहां एक तरफ एनडीए है तो दूसरी तरफ महागठबंधन. हालांकि किसी भी गठबंधन में सीएम कैंडिडेट पर अब तक आम सहमति नहीं बन पायी है. नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चेहर पर चुनाव लड़ने पर पशोपेश की स्थिति बनी हुई है. वहीं, एनडीए में बीजेपी नेताओं के आक्रामक रवैये से जदयू 2010 वाली स्थिति में नहीं है. विश्लेषण भी कहते हैं कि नीतीश कुमार अकेले लड़ने की स्थिति में नहीं हैं.

nitish kumar
सीएम नीतीश कुमार

आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए न केवल सीट बल्कि उम्मीदवारों के चयन में भी 2010 वाली स्थिति नहीं होगी. 2010 के चुनाव में एनडीए में नीतीश की तूती बोलती थी. यहां तक कि बीजेपी के कई उम्मीदवार नीतीश के कहने पर उस समय तय होते थे. हालांकि नीतीश कुमार पाला बदल कर 2015 में महागठबंधन के साथ चले गए, जहां वह गठबंधन के नेता थे. लेकिन अब स्थितियां बदलती जा रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की स्पेशल रिपोर्ट

नीतीश के साथ जनता- राजीव रंजन
वहीं, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि हर बार नीतीश कुमार ने सबको चौंकाया है, क्योंकि जनता उनके साथ है. चाहे वह जिस गठबंधन के साथ हों, जनता गठबंधन नहीं बल्कि नीतीश कुमार को देखती है.

rajeev ranjan jdu
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन

'2010 की तरह नीतीश अब भी NDA के नेता'
जदयू प्रवक्ता के इस चौंकाने वाले बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने टिप्पणी करने से परहेज किया. उन्होंने कहा कि 2010 में नीतीश कुमार एनडीए के नेता थे और अभी भी एनडीए के नेता हैं. जनता ने एनडीए को विकास के लिए अपना मत दिया था. संजय टाइगर ने बताया कि लोकसभा चुनाव में हमारा लक्ष्य 300 पार था. वहीं, विधानसभा के चुनाव में 200 पार लक्ष्य लेकर चलेंगे.

sanjay tiger in patna
बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर

सरकार बनाने की कोशिश में रहेंगे नीतीश
इसबार नीतीश कुमार के एनडीए में 2010 वाली स्थिति नहीं होने की बात पर राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर का कहना है कि नीतीश कुमार सोशल इंजीनियरिंग के माहिर हैं, इसलिए हमेशा सरकार बनाने वाली स्थिति की कोशिश में रहेंगे. नीतीश अकेले चुनाव में नहीं जाएंगे, अंत तक एनडीए के साथ बने रहने की भी कोशिश करेंगे. उनका ये भी कहना है कि बीजेपी नेताओं की बयानबाजी कहीं ना कहीं राष्ट्रीय नेतृत्व के इशारे पर है. इस बयानबाजी में पार्टी के कोई बड़े नेता शामिल नहीं होते हैं, लेकिन हां, इसके जरिए टोह लिया जा रहा है. संभावनाओं को तलाशा जा रहा है.

dm diwakar
विश्लेषक डीएम दिवाकर

2010 वाली स्थिति में नहीं हैं नीतीश
गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले उपचुनाव होने जा रहा है. हालांकि उपचुनाव को लेकर एनडीए में सहमति बन गई है. गठबंधन में किसी तरह की परेशानी की खबर नहीं है. लेकिन 2020 में स्थितियां बदल सकती है. इसको लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं. खासकर बीजेपी नेताओं के बयान के बाद यह चर्चा है कि नीतीश अब 2010 वाली स्थिति में नहीं हैं, इसलिए मुश्किलें बढ़ सकती है. लेकिन विश्लेषक कहते हैं कि नीतीश अकेले चुनाव में नहीं जाएंगे. अंत-अंत तक एनडीए के साथ रहने की कोशिश करेंगे, अगर बात नहीं बनी तो फिर दूसरा रास्ता तैयार करेंगे.

Intro:पटना-- बिहार में 2020 में विधानसभा का चुनाव होना है और उससे पहले विधानसभा का उपचुनाव होने जा रहा है उपचुनाव में तो एनडीए में सहमति बन गई और अब तक किसी तरह के झंझट की खबर नहीं आई है लेकिन 2020 में स्थितियां बदल सकती है और इसको लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं खासकर बीजेपी नेताओं के बयान के बाद यह चर्चा है कि नीतीश की अब 2010 वाली स्थिति नहीं है इसलिए मुश्किलें बढ़ सकती है लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि नीतीश सोशल इंजीनियरिंग के माहिर हैं अकेले चुनाव में नहीं जाएंगे अंत अंत तक एनडीए के साथ रहने की कोशिश करेंगे और नहीं बना तो फिर कोई और रास्ता तैयार करेंगे।
देखिये खास रिपॉर्ट---


Body:बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर 2020 में जब चुनाव होगा तो नीतीश कुमार के लिए न केवल सीट बल्कि उम्मीदवारों के चयन में भी 2010 वाली स्थिति नहीं होगी 2010 में एनडीए में नीतीश की तूती बोलती थी यहां तक कि बीजेपी के कई उम्मीदवार नीतीश के कहने पर उस समय तय होते थे और फिर 2015 में भी जब नीतीश महागठबंधन के साथ थे तो उसके नेता थे लेकिन अब स्थितियां बदलती जा रही है लेकिन जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि हर बार नीतीश कुमार ने सबको चौंकाया है क्योंकि जनता उनके साथ है चाहे वह जिस गठबंधन के साथ हो जनता गठबंधन नहीं नीतीश कुमार को देखती है।
बाईट--राजीव रंजन, जदयू प्रवक्ता
जदयू के चौंकाने वाले बयान पर बीजेपी के प्रवक्ता कुछ तो नहीं बोलते हैं लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि 2010 में भी नीतीश कुमार ही एनडीए के नेता थे और अभी भी एनडीए के नेता हैं जनता ने एनडीए को विकास के लिए अपना मत दिया था लोकसभा चुनाव में हम लोग 300 के पार लक्ष्य रखा था और विधानसभा के चुनाव में 200 के पार लक्ष्य लेकर चलेंगे।
बाईट-संजय टाइगर, प्रवक्ता।
नीतीश कुमार के एनडीए में 2010 वाली स्थिति नहीं होने की बात पर विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि नीतीश सोशल इंजीनियरिंग के माहिर माने जाते हैं इसलिए हमेशा सरकार बनाने वाली स्थिति की कोशिश करेंगे अकेले चुनाव में नहीं जाएंगे अंत तक एनडीए के साथ बने रहने की भी कोशिश करेंगे।
बाईट--डी एम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ


Conclusion:विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जिस प्रकार से बीजेपी के नेता बयानबाजी कर रहे हैं कहीं ना कहीं राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से कुछ ना कुछ इशारा रहता होगाम । बयानबाजी में इसलिये कोई बड़े नेता शामिल नहीं होते हैं। लेकिन इसके बहाने अपना सिद्ध साधने की कोशिश भी करते हैं और यह सभी दलों की ओर से की जाती है।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Sep 25, 2019, 8:53 PM IST
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