पटना : वैसे तो पार्टियां कहती हैं कि वह जाति की राजनीति नहीं करते. पर बिहार की सच्चाई यह है कि यहां जाति वाली ही राजनीति होती है. सभी दल जाति के आधार पर संभावनाओं की तलाश करते हैं. जदयू की ओर से अब ईसाई मिलन समारोह का भी आयोजन किया जा रहा है. वो भी क्रिसमस से पहले.
जदयू का ईसाई मिलन समारोह : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर ईसाई समुदाय के वोट बैंक पर भी है. पहली बार इस तरह का आयोजन पार्टी कार्यालय में किया गया. वैसे तो यह आयोजन दो दिन पहले हुआ, इसके लिए पोस्टर भी पार्टी कार्यालय में और कई स्थान पर लगाए गए लेकिन इसकी चर्चा अब हो रही है. क्योंकि जदयू के नेता लगातार कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार जाति की नहीं जमात की राजनीति करते हैं.
भीम संसद से कर्पूरी जयंती तक का आयोजन : अगर गौर से देखा जाए तो जेडीयू की ओर से लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, जो किसी खास वर्ग से संबंध रखता है, जैसे भीम संसद का कार्यक्रम दलितों को रिझाने के लिए आयोजित किया गया. 24 जनवरी को अति पिछड़ा वर्ग को लुभाने के लिए कर्पूरी जयंती का आयोजन हो रहा है. इस तरह ईसाई समुदाय को लुभाने के लिए ईसाई मिलन समारोह का भी आयोजन किया गया.
क्रिसमस से पहले ईसाई मिलन समारोह : बिहार में ईसाई वर्ग की बहुत ज्यादा आबादी नहीं है लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में ईसाई समुदाय के लोगों का अभी भी काफी महत्वपूर्ण योगदान है. इस मिलन समारोह में कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया. पार्टी नेताओं के अनुसार जल्द ही ईसाई समुदाय से संबंधित कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा. वैसे क्रिसमस से पहले ईसाई मिलन समारोह कर इस वर्ग को एक मैसेज देने की पार्टी की तरफ से कोशिश की गई है.
कौन-कौन रहे मौजूद : जदयू कार्यालय कर्पूरी सभागार में ईसाई मिलन समारोह में मुख्य रूप से मनोज कुमार, रेणु राजी, अभिषेक पॉल, राजी जेम्स, विजय डेविड विलयम्स, एन्ड विलियम, अपिल जियतु और बड़ी संख्या में ईसाई धर्मावलंबी शामिल हुए. कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री जमा खान, एमएलसी ललन सराफ भी शामिल हुए.
ये भी पढ़ें-