पटना: बिहार की राजधानी पटना के वेटरनरी कॉलेज मैदान पर 26 नवंबर को जदयू की भीम संसद का आयोजन किया जा रहा है. भीम संसद कार्यक्रम को लेकर राजधानी पटना को पोस्टर से पाट दिया गया है. पोस्ट में नीतीश कुमार की बड़ी तस्वीर लगाई गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी जगह दी गयी है. दलित वोट बैंक को साधने के लिए जदयू की तरफ से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
अशोक चौधरी को कार्यक्रम की जिम्मेवारीः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. पहले यह कार्यक्रम 5 नवंबर को होना था. लेकिन, शीतकालीन सत्र के कारण इसकी तिथि बढ़ा दी गयी. जदयू नेताओं का दावा है कि भीम संसद में एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे. भीम संसद कार्यक्रम के आयोजन की जिम्मेदारी भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को दी गई है. अशोक चौधरी ने इस कार्यक्रम की सफलता को लेकर पूरे बिहार में भ्रमण किया है.
नीतीश सरकार ने आरक्षण सीमा बढ़ायीः पार्टी के दलित मंत्री और दलित नेताओं को इस कार्यक्रम की तैयारी में विशेष रूप से लगाया गया है. बिहार में लोकसभा की 6 सीटें और विधानसभा की 40 सीटें एससी-एसटी के लिए सुरक्षित है. उस पर सभी दलों की नजर है. ऐसे में जब लोकसभा चुनाव नजदीक है तो वोटरों को गोलबंद करने की तैयारी शुरू हो गयी है. अभी हाल ही में नीतीश सरकार ने आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है. 50% से बढ़कर 65% आरक्षण किया गया है.
एससी-एसटी वोटरों पर जदयू की नजरः आरक्षण बढ़ाने के फैसले के बाद यह पहला कार्यक्रम हो रहा है. जदयू की तरफ से इस कार्यक्रम के बहाने दलित वोटरों पर निशाना साधा जा रहा है. महागठबंधन से जीतन मांझी के अलग होने और चिराग पासवान के आक्रामक रूख के कारण दलित वोट बैंक को लेकर जदयू की मुश्किलें पहले से ही बढ़ी हुई है. ऐसे में भीम संसद कार्यक्रम के माध्यम से दलित वर्ग को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है.
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