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शिक्षा पर तेजस्वी यादव के सवाल पर JDU का जवाब, कहा- RJD अपना कार्यकाल भी करें याद - Tejashwi raised issue of education

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश सरकार (Nitish Government) को घेरते हुए बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता के मुद्दे को उठाया. जिस पर अब जदयू (JDU) ने पलटवार किया है.

पटना
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Published : Jul 27, 2021, 7:43 PM IST

पटना: बिहार विधानमंडल (Bihar Legislature) के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा. साथ ही बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर भी सवाल उठाया.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी ने शिक्षा पर सरकार को घेरा, कहा- कोरोना का रोना कब तक रोइएगा?

नेता प्रतिपक्ष के शिक्षा पर उठाए सवाल पर जदयू ने पलटवार किया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जो लोग बिहार की शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें अपना कार्यकाल भी याद करना चाहिए. उस समय बिहार की देशभर में शिक्षा को लेकर क्या स्थिति थी.

नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

''नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर राजद के युवराज सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्हें याद करना चाहिए कि राजद के कार्यकाल में एक शिक्षक पर 122 बच्चों का अनुपात बिहार के स्कूलों में था. महज तीस हजार शिक्षकों की बहाली उस वक्त हुई थी. एनडीए सरकार ने बिहार में 4 लाख से ज्यादा शिक्षकों की बहाली की और यह बहाली की प्रक्रिया अब भी जारी है.''- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

ये भी पढ़ें- तेजस्वी के प्रस्ताव पर सरकार का जवाब- '23 मार्च की घटना लोकतंत्र को कलंकित करनेवाली थी'

पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि राजद के 15 साल के कार्यकाल के दौरान देशभर में उस समय योजना आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा के मामले में देश के 28 जिले जो सबसे निचले स्थान पर थे, उनमें 22 बिहार के थे.

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में कहा था कि शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया है कि बिहार सबसे निचले पायदान पर है, लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि लगातार हर साल बिहार पिछड़ता क्यों जा रहा है. आखिर इसका कारण क्या है. बिहार 28वें-29वें स्थान पर है. तो मंत्री बताएं कि गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. मात्र कोरोना का रोना रोने से बिहार का भविष्य सुधरने वाला नहीं है.

ये भी पढ़ें- बिहार विधानसभा: 30 जुलाई तक विपक्ष ने किया सदन का बहिष्कार, सरकार पर लगाया मनमानी का आरोप

पटना: बिहार विधानमंडल (Bihar Legislature) के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा. साथ ही बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर भी सवाल उठाया.

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नेता प्रतिपक्ष के शिक्षा पर उठाए सवाल पर जदयू ने पलटवार किया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जो लोग बिहार की शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें अपना कार्यकाल भी याद करना चाहिए. उस समय बिहार की देशभर में शिक्षा को लेकर क्या स्थिति थी.

नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

''नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर राजद के युवराज सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्हें याद करना चाहिए कि राजद के कार्यकाल में एक शिक्षक पर 122 बच्चों का अनुपात बिहार के स्कूलों में था. महज तीस हजार शिक्षकों की बहाली उस वक्त हुई थी. एनडीए सरकार ने बिहार में 4 लाख से ज्यादा शिक्षकों की बहाली की और यह बहाली की प्रक्रिया अब भी जारी है.''- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

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पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि राजद के 15 साल के कार्यकाल के दौरान देशभर में उस समय योजना आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा के मामले में देश के 28 जिले जो सबसे निचले स्थान पर थे, उनमें 22 बिहार के थे.

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में कहा था कि शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया है कि बिहार सबसे निचले पायदान पर है, लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि लगातार हर साल बिहार पिछड़ता क्यों जा रहा है. आखिर इसका कारण क्या है. बिहार 28वें-29वें स्थान पर है. तो मंत्री बताएं कि गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. मात्र कोरोना का रोना रोने से बिहार का भविष्य सुधरने वाला नहीं है.

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