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JDU 20th foundation Day: जदयू का 20 वां स्थापना दिवस आज, जानिए बिहार में पार्टी के नाम रही कौन-कौन सी उपलब्धियां - Patna news

पटना स्थित जदयू ऑफिस में आज पार्टी का स्थापना दिवस (JDU 20th foundation Day) बनाया गया. 20 साल पूरे होने की खुशी में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से नीतीश कुमार को बधाई दी है. साथ ही बिहार को विकसित प्रदेश बनाने का संकल्प दोहराया है.

JDU 20th foundation year today
जदयू का 20 वां स्थापना दिवस आज
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 30, 2023, 1:59 PM IST

पटना: बिहार की सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड की स्थापना 2003 में 30 नवंबर को की गई थी. ऐसे में आज पार्टी का 20 वर्ष पूरा हो गया है. पार्टी की ओर से 20 वर्ष में बिहार में कई उपलब्धियां हासिल की गई है. इस बीच सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि पिछले 17 सालों से जटयू पार्टी के लिडर ही बिहार में सरकार चला रहे है. जदयू पार्टी के कर्ता धर्ता नीतीश कुमार ने सबसे अधिक दिनों तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया है. 2005 से जदयू जिस गठबंधन के साथ रही उसी गठबंधन की बिहार में सरकार बनी है. 20 वर्ष पूरा होने पर ऐसे तो पार्टी की ओर से कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हो रहा है. लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई और लक्ष्य की चर्चा जरूर हो रही है.

इसे भी पढ़े- 'लालू के यहां गिरवी रख दी JDU.. इसलिए की BJP ज्वाइन'.. बोले ललन पासवान- 'ललन सिंह ने डुबोई जदयू की नैया'

2005 में गठबंधन के साथ मिला पूर्ण बहुमत: साल 2003 में नीतीश कुमार ने जदयू के गठन के बाद लालू प्रसाद यादव को बिहार की सत्ता से बीजेपी के साथ बेदखल किया. 2005 में दो बार विधानसभा का चुनाव हुआ पहली बार बहुमत नहीं मिला, लेकिन नवंबर में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल गई. इसके बाद तो फिर जदयू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. काम के बदौलत ही 2010 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को बड़ी बहुमत मिली. लेकिन उसके कुछ ही साल बाद भाजपा के साथ ताल मेल गड़बड़ा गया और गठबंधन से नीतीश कुमार बाहर निकल गए.

2014 में दो सीटों पर हासिल की जीत: वहीं, 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के विपरित जाकर जदयू ने अकेले चुनाव लड़ा और केवल दो सीटों पर सफलता हासिल कर पाई. यह जदयू की बिहार में सबसे खराब परफॉर्मेंस थी. इसके बाद 2015 में नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव से विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर लिया और एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ बिहार में सरकार बनाई. लेकिन 2017 में नीतीश कुमार लालू यादव से अलग हो गए और बीजेपी के साथ बिहार में सरकार बना ली.

इस बार तीसरे नंबर की पार्टी रही जदयू: इधर, 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी के कारण एनडीए को 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर जीत मिली. तो वहीं 2020 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी. हालांकि इस बार जदयू तीसरे नंबर की पार्टी हो गई. इसके लिए जदयू के तरफ से बीजेपी को दोषी ठहराए जाने लगा. दोनों के बीच फिर से विवाद होने लगा और 2022 में फिर से नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो गए. फिलहाल अभी महागठबंधन की सरकार उनके नेतृत्व में चल रही है.

जिधर जदयू उधर सरकार: इस साल अक्टूबर में ही नीतीश कुमार ने बिहार के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया है. लंबे समय तक बीजेपी के साथ गठबंधन होने के बावजूद जदयू बड़े भाई की भूमिका में रहा. लेकिन 2020 में जदयू को केवल विधानसभा में 43 सीट पर जीत मिली और तीसरे नंबर की पार्टी हो गई. आज जदयू अपने सबसे खराब दौड़ से गुजर रही है. जदयू और नीतीश कुमार का जनाधार लगातार घट रहा है. उनके नेतृत्व में जदयू को 2010 में 115 , 2015 में 75 और 2020 में 43 सीटें मिलीं.

राष्ट्रीय पार्टी ना बनने का मलाल: पिछले 20 सालों में ऐसे तो जदयू ने बिहार में कई उपलब्धियां हासिल की है. मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, जैसे राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी मिला हुआ है. लेकिन राष्ट्रीय पार्टी न बनने का मलाल भी है. 20 साल पूरा होने पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से नीतीश कुमार को बधाई दी है और बिहार को विकसित प्रदेश बनाने का संकल्प दोहराया है.

पटना: बिहार की सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड की स्थापना 2003 में 30 नवंबर को की गई थी. ऐसे में आज पार्टी का 20 वर्ष पूरा हो गया है. पार्टी की ओर से 20 वर्ष में बिहार में कई उपलब्धियां हासिल की गई है. इस बीच सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि पिछले 17 सालों से जटयू पार्टी के लिडर ही बिहार में सरकार चला रहे है. जदयू पार्टी के कर्ता धर्ता नीतीश कुमार ने सबसे अधिक दिनों तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया है. 2005 से जदयू जिस गठबंधन के साथ रही उसी गठबंधन की बिहार में सरकार बनी है. 20 वर्ष पूरा होने पर ऐसे तो पार्टी की ओर से कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हो रहा है. लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई और लक्ष्य की चर्चा जरूर हो रही है.

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2005 में गठबंधन के साथ मिला पूर्ण बहुमत: साल 2003 में नीतीश कुमार ने जदयू के गठन के बाद लालू प्रसाद यादव को बिहार की सत्ता से बीजेपी के साथ बेदखल किया. 2005 में दो बार विधानसभा का चुनाव हुआ पहली बार बहुमत नहीं मिला, लेकिन नवंबर में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल गई. इसके बाद तो फिर जदयू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. काम के बदौलत ही 2010 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को बड़ी बहुमत मिली. लेकिन उसके कुछ ही साल बाद भाजपा के साथ ताल मेल गड़बड़ा गया और गठबंधन से नीतीश कुमार बाहर निकल गए.

2014 में दो सीटों पर हासिल की जीत: वहीं, 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के विपरित जाकर जदयू ने अकेले चुनाव लड़ा और केवल दो सीटों पर सफलता हासिल कर पाई. यह जदयू की बिहार में सबसे खराब परफॉर्मेंस थी. इसके बाद 2015 में नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव से विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर लिया और एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ बिहार में सरकार बनाई. लेकिन 2017 में नीतीश कुमार लालू यादव से अलग हो गए और बीजेपी के साथ बिहार में सरकार बना ली.

इस बार तीसरे नंबर की पार्टी रही जदयू: इधर, 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी के कारण एनडीए को 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर जीत मिली. तो वहीं 2020 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी. हालांकि इस बार जदयू तीसरे नंबर की पार्टी हो गई. इसके लिए जदयू के तरफ से बीजेपी को दोषी ठहराए जाने लगा. दोनों के बीच फिर से विवाद होने लगा और 2022 में फिर से नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो गए. फिलहाल अभी महागठबंधन की सरकार उनके नेतृत्व में चल रही है.

जिधर जदयू उधर सरकार: इस साल अक्टूबर में ही नीतीश कुमार ने बिहार के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया है. लंबे समय तक बीजेपी के साथ गठबंधन होने के बावजूद जदयू बड़े भाई की भूमिका में रहा. लेकिन 2020 में जदयू को केवल विधानसभा में 43 सीट पर जीत मिली और तीसरे नंबर की पार्टी हो गई. आज जदयू अपने सबसे खराब दौड़ से गुजर रही है. जदयू और नीतीश कुमार का जनाधार लगातार घट रहा है. उनके नेतृत्व में जदयू को 2010 में 115 , 2015 में 75 और 2020 में 43 सीटें मिलीं.

राष्ट्रीय पार्टी ना बनने का मलाल: पिछले 20 सालों में ऐसे तो जदयू ने बिहार में कई उपलब्धियां हासिल की है. मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, जैसे राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी मिला हुआ है. लेकिन राष्ट्रीय पार्टी न बनने का मलाल भी है. 20 साल पूरा होने पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से नीतीश कुमार को बधाई दी है और बिहार को विकसित प्रदेश बनाने का संकल्प दोहराया है.

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