पटना: अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. कोविड-19 की ड्यूटी को छोड़कर सभी विभागों में जूनियर डॉक्टरों ने कार्य ठप कर दिया है. प्रदेश के मेडिकल कॉलेज सिर्फ जूनियर डॉक्टरों के भरोसे ही है. ऐसे में इलाज की प्रक्रिया प्रभावित हुई है. यही हाल पटना के पीएमसीएच का भी है.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर
कोविड 19 की ड्यूटी छोड़कर सभी विभागों में जूनियर डॉक्टरों ने कार्य ठप कर दिया है. बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इसका असर भी देखने को मिल रहा है.
'स्टाइपेंड वृद्धि की मांग को लेकर हम हड़ताल पर हैं और प्रदेश के सभी 9 मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न भी इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. साल 2017 में सरकार की तरफ से यह आदेश निर्गत हुआ था कि हर 3 साल पर जूनियर डॉक्टरों और इंटर्न का स्टाइपेंड वीडियो होगा और इंक्रीमेंट किया जाएगा. लेकिन ऐसे नहीं किया गया. इस बाबत कई बार राज्य के स्वास्थ्य सचिव से मिलने की कोशिश की गई, लेकिन अधिकारी मिलना तक नहीं चाहते हैं. ऐसे में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ा है.'- डॉक्टर हरेंद्र, अध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन
'अस्पताल में कोविड-19 की ड्यूटी को छोड़कर इमरजेंसी, ओपीडी और वार्ड ड्यूटी, सभी में वह काम बंद कर दिया गया है. सिर्फ कोविड-19 में ड्यूटी अभी किया जा रहा है. कई बार इस मसले पर सचिवालय जाकर अधिकारियों से मिलने की कोशिश की गई, मगर हर बार उन्हें यही आश्वासन मिला कि इस मसले पर आगे बात किया जाएगा. लेकिन आजतक कुछ नहीं किया गया.'- डॉ कुंदन सुमन, ज्वाइंट सेक्रेट्री, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन
चरमरायी स्वास्थ्य सेवाएं
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण प्रदेश की मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इसका असर भी देखने को मिल रहा है. क्योंकि प्रदेश के मेडिकल कॉलेज सिर्फ जूनियर डॉक्टरों के भरोसे ही है. यही हाल पटना के पीएमसीएच का भी है. जहां जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बने रहेंगे. और इस हड़ताल का खामियाजा एक बार मरीजों को ही झेलना पड़ रहा है.