पटना: पटनासिटी के दीदारगंज टोल प्लाजा के पास जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एनएच 30 को जामकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ सड़क पर आगजनी भी की. कार्यकर्ताओं ने मुखियाओं की हो रही हत्या (Mukhiya Murder In Bihar) पर अपना रोष जताया है.
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एसएसपी की गारंटी, खाद-बीज की आपूर्ति,बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, वार्ड सचिव की नौकरी स्थायी करने, पंचायत प्रतिनिधियों को पर्याप्त सुरक्षा देने सहित कई मांगों को लेकर सोमवार को कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सड़क पर टायर जलाकर विरोध दर्ज कराया गया.
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केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कार्यकर्ताओं ने आगजनी के साथ सड़क जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि, सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार सबसे पिछड़ा राज्य बन गया है. साथ ही कार्यकर्ताओं ने कहा कि, अगर सरकार मांगों पर विचार नहीं करती है तो सड़क से लेकर सदन तक उग्र आंदोलन किया जाएगा.
"किसानों को परेशानी हो रही है. सरकार से गुहार हम लगातार लगा रहे हैं. बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी हो गया है. नवनिर्वाचित मुखियाओं को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा."- भानु सिंह,जाप कार्यकर्ता
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आंकड़ों पर नजर डालें तो, नवंबर 2021 से अब तक कुल 4 मुखिया की हत्या हो चुकी है. 14 दिसंबर 2021 को पटना जिला के मुखिया नीरज कुमार (Mukhiya Shot Dead In Patna) की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. 11 दिसंबर 2021 को बाढ़ जिला के मुखिया रंजन कुमार उर्फ गोरेलाल की गोली मारकर हत्या अपराधियों ने कर दी थी.
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4 दिसंबर 2021 को जमुई जिले के दरखा पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया प्रकाश महतो की हत्या (Mukhiya Shot dead in jamui) कर दी गई. वहीं 14 नवंबर 2021 को आरा जिले के भोजपुर में दूसरी बार मुखिया बने संजय सिंह को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. यही नहीं नौबतपुर के लोदीपुर में नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य संजय वर्मा की भी गोलीमार हत्या कर दी गई थी. धनरूआ प्रखंड में चुनाव प्रचार में डीजे बजाने को लेकर हुए विवाद में पब्लिक और पुलिस के बीच में भिड़ंत हुई थी, जिसमें दोनों तरफ से फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई थी. बख्तियारपुर के सालिमपुर के रूपसपुर महाजी में चुनावी रंजिश के कारण अरविंद सिंह की हत्या कर दी गई थी.
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