पटना: जन अधिकार पार्टी ( JAP ) की कोर कमिटी की बैठक आज बुलाई गयी है, जिसमें पार्टी के नेता शामिल होंगे. इस बात की जानकारी जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ( Pappu Yadav ) ने मंगलवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी थी. उन्होंने कहा था कि बुधवार की सुबह होने वाली कोर कमिटी की बैठक में पूर्व सांसद रंजीत रंजन भी शामिल होंगी.
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मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए पप्पू यादव ने तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर होने वाले उपचुनाव में खुलकर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था. इस घोषणा के बाद पप्पू यादव ने सिर्फ उन अटकलों को खारिज कर दिया है, जिसमें यहां तक कहा जाने लगा कि जाप सुप्रीमो तारापुर से उम्मीदवार हो सकते हैं, बल्कि राहुल गांधी से मुलाकात के बाद आगे का फैसला लेने की बात कहकर गठबंधन या विलय को हवा दे दी.
पप्पू यादव ने यह सवाल उठाकर कि बिहार में कांग्रेस बैसाखी के सहारे कब तक चलेगी? लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उनका कांग्रेस से साथ गठबंधन तभी संभव है जब वह आरजेडी के साथ रिश्ते तोड़े. तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस के बिना सहमति के आरजेडी के द्वारा उम्मीदवार उतारने के बाद आरजेडी-कांग्रेस के बीच रिश्ते तो टूट ही गया समझिए. जब दोनों जगह RJD लड़ रही है और दोनों जगह कांग्रेस भी उम्मीदवार देगी, तो फिर बचा क्या?
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अब बस इंतजार है तो पप्पू यादव और राहुल गांधी की मुलाकात की. पटना में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पप्पू यादव ने कहा कि बुधवार को वे अपनी पार्टी के कोर कमिटी की बैठक करेंगे. इसके बाद राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वे तय करेंगे कि बिहार में उन्हें किस भूमिका में रहना है.
इधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने भी पप्पू यादव के कांग्रेस में विलय के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि जाप पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अखलाक अहमद से पार्टी मर्जर पर बातचीत हो रही है. और जल्द ही इस विषय पर पप्पू यादव से भी बात होगी.
अखलाक अहमद चाहते हैं कि दिल्ली में जाप और कांग्रेस पार्टी का मर्जर हो जाए. उनका कहना है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बाद पप्पू यादव यादवों के बड़े नेता हैं पप्पू यादव की पार्टी के कांग्रेस में मर्ज होने से बड़ा फायदा होगा. बता दें कि पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस में हैं और वह कांग्रेस की सांसद भी रह चुकी हैं.
बता दें कि इस पूरे प्रकरण के पीछे सियासी रणनीतकार प्रशांत किशोर का हाथ बताया जा रहा है. इससे पहले उनके पास कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल कराने की जिम्मेदारी थी. जिसे उन्होंने बखूबी निभाया है. पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन, सुपौल से कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं. अभी वे कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं.
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अब बस नजर उस मुलाकात पर है, जो राहुल गांधी और पप्पू यादव के बीच होगी. क्योंकि तय तो वहीं से होगा कि बिहार में जाप और कांग्रेस के रिश्ते कितना जुड़ पाते हैं. क्या दोनों पार्टियों का गठबंधन होगा या फिर जाप का कांग्रेस में विलय ये देखना बेहद दिलचस्प होगा. क्योंकि कांग्रेस में विलय के सवाल पर पप्पू यादव ने कह ही दिया है कि 'कांग्रेस पार्टी तो राजा है और मैं रंक हूं'.