पटना: पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पूरे बिहार में जल-जीवन-हरियाली मुहिम (Jal-Jeewan-Hariyali Yojna) चला रहे हैं. अभी तक इस मुहिम में लाखों पौधे लगे हैं. लेकिन इस योजना की कामयाबी को लेकर अभी कुछ कह पाना मुश्किल होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल-जीवन-हरियाली मुहिम को उन्हीं के अधिकारी नाकाम साबित करने पर तुले हैं.
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निर्माण कार्य के लिए काटे जा रहे पेड़
अगमकुआं थाना क्षेत्र के कुम्हरार स्थित पंचशील स्कूल के पास बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के भवन का निर्माण होना है. इसके लिए वहां लगे बरगद, पीपल, ताड़ के आदि दर्जनों पेड़ों को अधिकारी जेसीवी मशीन से कटवा रहे हैं. इसके अलावा पौधों के बचाने के लिए वन विभाग द्वारा लगाये गये तार के पिंजड़ों को ऐसे ही फेंक दिया गया है.
खामोश रहे अंचलाधिकारी
जब पटना के अंचलाधिकारी से पेड़ों की कटाई के बारे पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. काफी देर के बाद कहा कि कुछ नहीं बता सकते. इसकी जानकारी जिलाधिकारी से लीजिए.
क्या है जल-जीवन-हरियाली मुहिम ?
जल-जीवन-हरियाली योजना के जरिए बिहार सरकार पर्यावरण को स्वच्छ रखना चाहती है. इसके अलावा किसानों के लिए बारिश के जल का सरंक्षण को बढ़ावा देने के लिए ये योजना बनाई गई है. इस योजना के जरिए किसानों के आवेदन पर सरकार 75,500 रूपए की सब्सिडी देती है. इससे किसान अपने खेतों के आस-पास तालाब का निर्माण कर सकते हैं.