पटना: जेल डीआईजी शिवेंद्र प्रियदर्शी पर गाज गिरी है. उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है. शिवेंद्र प्रियदर्शी बेऊर जेल के अधीक्षक भी रह चुके हैं. विशेष सतर्कता इकाई(SVU) ने साल 2017 में आय से अधिक संपत्ति मामले में शिवेंद्र प्रियदर्शी के ठिकानों पर छापा मारा था. बिहार लोक सेवा आयोग की सलाह के बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, क्योंकि उनके खिलाफ आरोप सही पाए गए. नीतीश कैबिनेट ने मंगलवार को शिवेंद्र प्रियदर्शी की बर्खास्तगी पर अपनी मुहर लगा दी.
जेल DIG शिवेंद्र प्रियदर्शी पर गिरी गाज: गृह विभाग ने सात पेज की अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के मुताबिक, एसवीयू ने 5 मई 2017 को जेल डीआईजी शिवेंद्र प्रियदर्शी के आवासीय परिसरों पर रेड की और उनकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति और निवेश का पता लगाया. एसवीयू ने जब छापा मारा उसके अगले ही दिन शिवेंद्र प्रियदर्शी के शादी की सालगिरह थी. एसवीयू की अधिकारियों ने पटना में लश काउंटी और वृंदावन अपार्टमेंट में स्थित उनके फ्लैटों पर छापेमारी की, जबकि विभिन्न मदों में उनका खर्च 39.79 लाख रुपये था. उस प्रकार उनकी संभावित बचत 61.47 लाख रुपये थी.
नीतीश कुमार ने किया बर्खास्त: एसवीयू को भारतीय स्टेट बैंक में 14 लाख रुपये की सावधि जमा के अलावा 17 खातों की भी जानकारी मिली थी. अधिसूचना का अनुसार, डीआईजी जेल ने एलआईसी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और बजाज आलियांज जैसी बीमा पॉलिसी में तीस लाख रुपये का निवेश किया. svu को 1.6 लाख रुपये नकद, एक लॉकर, चार पहिया वाहन टाटा सफारी और स्विफ्ट डिजायर, छह लाख के आभूषण, जय प्रकाश नगर में एक घर के अलावा फ्लैट नंबर भी मिला. आशियाना दीघा रोड पर वृंदावन अपार्टमेंट में 12.5 लाख रुपये के 207 और फ्लैट नंबर फ्रेंडस कॉलोनी में लश काउंटी अपार्टमेंट में 105 की कीमत बीस लाख रुपये हैं.
कौन हैं शिवेंद्र प्रियदर्शी?: शिवेंद्र प्रियदर्शी मूल रूप से झारखंड के हजारीबाग के रहने वाले हैं. बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 2014 में उन्हें डीआईजी के रूप में पदोन्नति मिली. इससे पहले वे बेऊर, सासाराम, भागलपुर और सिवान में तैनात थे. एसवीयू द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, प्रियदर्शी ने 2014 से वेतन के रूप में 68 लाख रुपये कमाए. उन्हें अपने वेतन का एक तिहाई हिस्सा बचाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने अपने और अपनी पत्नी रूबी प्रियदर्शी के नाम पर 1.2 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति अर्जित की.
भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों में हड़कंप: शिवेंद्र प्रियदर्शी ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी के पास भी अकूत संपत्ति है.सूत्रों के अनुसार रूबी के पास दो फ्लैट हैं, वहीं घर दोनों के नाम से है.शिवेंद्र प्रियदर्शी जेल विभाग के दूसरे अधिकारी हैं जिनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है. साल 2014 में निगरानी जांच ब्यूरो ने जेल विभाग के एक अधिकारी बीसीपी सिंह के परिसर पर रेड किया था. ये उद्योग विभाग में पूर्व निदेशक रह चुके हैं.