पटना: बिहार की राजधानी पटना में आरजेडी प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को जगदानंद सिंह ने अमित शाह के उस बयान पर प्रतिक्रिया (Jagdanand Singh reaction on Amit Shah ) दी, जिसमें उन्होंने एक जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर खोल देने की बात कही थी. जगदानंद सिंह ने कहा कि हमलोग 'जय श्रीराम' वाले नहीं 'हे राम' वाले हैं. उन्होंने कहा कि अब कण-कण से निकलकर पत्थर की चारदिवारी में राम चले गए हैं, जहां इंसानियत के बदले नफरत की जमीन पर राम के मंदिर का निर्माण हो रहा है.
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राम को कण-कण से समेटकर पत्थरों की चारदिवारी में कैद किया जा रहा है: जगदानंद सिंह ने कहा कि राम को कभी भी भारत के हृदय से छीन कर के पत्थर के आलीशान भवन में कैद नहीं किया जा सकता है. राम न अयोध्या में कैद हुए, न लंका में रावण को हराने के बाद राम का वहां वास हुआ. राम का असली वास शबरी की झोपड़ी में हुआ. वह वहीं पर हैं. हम लोग हे राम वाले हैं, जय श्रीराम वाले नहीं. अब गरीबों, तुलसी, अयोध्या के राम, शबरी के जूठन बेर खाने वाले राम, अब भारत में नहीं बल्कि कैद के राम रहेंगे. बाकी सब जगह से राम खत्म हो गए.
"राम को कभी भी भारत के लोगों के हृदय से निकालकर पत्थर के आलीशान भवन में कैद नहीं किया जा सकता है. हमलोग जय श्रीराम वाले नहीं हैं, हमलोग हे राम वाले हैं. अब कण-कण से सिमटकर पत्थरों की चारदिवारी में राम चले गए हैं. जहां नफरत की जमीन पर राम के मंदिर का निर्माण हो रहा है. अब भारत में सिर्फ उन्मादियों के राम बचेंगे. फिर भी भारत के राम कण-कण में बसेंगे और आरएसएस वालों के राम मंदिर में बैठेंगे"- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी
अब सिर्फ उन्मादियों के राम बचेंगेः जगदानंद सिंह ने कहा कि हम लोगों के यहां राम नहीं हैं. कण-कण से उठ कर के अब केवल पत्थरों की चारदीवारी में राम चले गए. भारत में अब इंसानियत के नहीं बल्कि उन्मादियों के राम बचेंगे. उनका यह भी कहना था कि एक तारीख से अब राम होंगे तो बाकी अब तक क्या थे? अब वह सब खत्म है. भारत की भूमि राममय, कृष्ण मय मानी जाती थी. भारत के राम यहां के कण-कण में रहेंगे.
'सालों से भारत के लोग रामायण लेकर बैठे हैं': उन्होंने कहा कि भारत के राम भारत के कण-कण में रहेंगे. आरएसएस वालों के राम जहां जा बैठे. देश की जनता तो सालों से रामायण लेकर बैठी है. सुबह से लेकर शाम तक अध्ययन करती है. अब पता नहीं इस मंदिर में बैठ जाएंगे या रामायण से भाग जाएंगे. या फिर कण-कण से राम हट जाएंगे. अब यह भारत राम का नहीं रहेगा. केवल एक मंदिर राम का रहेगा. या फिर वह पत्थरों के बीच में रहेंगे.