पटना: आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव में सीएम कैंडिडेट के रूप में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को प्रोजेक्ट किया है. जिसके बाद महागठबंधन के घटक दलों के बीच घमासान मचा है. आरजेडी के सहयोगी दल कांग्रेस और हम ने जगदानंद सिंह के बयान पर विरोध जताया है.
महागठबंधन में नेतृत्वकर्ता और सीएम फेस पर सियासत गरमायी हुई है. जगदानंद सिंह ने तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट किया. वहीं, कांग्रेस और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष के बयान को खारिज किया है. हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने जगदानंद सिंह के बयान का खुलकर विरोध किया है. पूर्व सीएम ने कहा कि किसी के कहने से कोई नेतृत्व नहीं करता. ये आरजेडी का अपना विचार हो सकता है. मांझी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पहले महागठबंधन के अंदर कोऑर्डिनेशन कमेटी बनेगी, फिर बैठक में नेतृत्व पर चर्चा होगी. उसके बाद ही तय होगा कि महागठबंधन का नेता कौन होगा.
मांझी के समर्थन में कांग्रेस
दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने मांझी के बयान का समर्थन किया है. आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कुछ भी फैसला बैठक के बाद लिया जायेगा. महागठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन कांग्रेस की भी बड़ी भूमिका रहेगी.
अपने बयान पर अडिग हैं जगदानंद
बता दें कि जगदानंद सिंह ने शुक्रवार को बयान दिया था कि सीएम कैंडिडेट आरजेडी से ही होगा. जिस पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नाराजगी जताई थी. हालांकि इसके बाद भी जगदानंद सिंह तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट बनाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. जगदानंद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'हमारा कल भी अंतिम फैसला था आज भी है और कल भी रहेगा. नेतृत्व को लेकर हमें किसी से बात करने की जरूरत नहीं है.'
मांझी की मांग- दलित या मुस्लिम बने सीएम
बता दें कि जैसे-जैसे चुनाव के दिन नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही है. नेतृत्व और सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में उठापटक शुरू हो गई है. शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दावा किया कि 80 से 85 विधानसभा की ऐसी सीटें हैं, जहां हम चुनाव जीत सकते हैं या फिर दूसरे सहयोगियों को जिता भी सकते हैं. वहीं, मांझी ने दलित या मुस्लिम को बिहार का सीएम बनाने की मांग की.