पटना: प्रत्येक वर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. यह परंपरा पटना इस्कॉन मंदिर की ओर से सन् 2000 से ही चली आ रही है. 20 वर्षों में इस वर्ष पहली बार ऐसा होगा जब यात्रा धूमधाम से नहीं निकाली जाएगी.
दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए और भक्त जनों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस्कॉन मंदिर में यह फैसला लिया है कि इस वर्ष रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी. मंदिर के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने बताया कि पहली बार ऐसा होगा जब भव्य तरीके से रथयात्रा महोत्सव का आयोजन नहीं होगा. लेकिन वर्षों से चली आ रही परंपरा को हम टूटने नहीं देंगे.
नहीं टूटेगी सालों से चली आ रही परंपरा
इस्कॉन मंदिर प्रवक्ता नंद गोपाल दास की मानें तो जिस विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ होती आ रही है, वह कायम रहेगी. इसके लिए पूरे विधि-विधान के साथ पूजा कार्यक्रम होगा. जिसमें सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का पूरा पालन किया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए मंदिर के अंदर रहने वाले भक्त सांकेतिक रूप से रथ यात्रा करेंगे.
की जाएगी खास व्यवस्था
बता दें कि सांकेतिक यात्रा को लेकर मंदिर के अंदर ही मौसी बाड़ी बनाया जाएगा. छोटे से रथ के जरिए भगवान को मंदिर के प्रांगण में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा. जिसके बाद पूरी विधि से उनका श्रृंगार, पूजा, आरती और 56 भोग लगेगा. इस वर्ष श्रद्धालु भगवान के दर्शन नहीं कर पाएंगे. साथ ही बाहरी किसी भी व्यक्ति का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा. इस्कॉन मंदिर प्रवक्ता ने कहा कि मंगलवार की पूजा में वे भगवान से विश्व को कोरोना से निजात दिलाने की प्रार्थना करेंगे.