पटना: बिहार के पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास (IPS Amitabh Das) इन दिनों फिर सुर्खियाों में हैं. दरअसल इस बार वे अपनी खास पुस्तक (Book) लिट्टी चोखा डॉट कॉम को लेकर चर्चा में हैं. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपने हाथों से इस पुस्तक की रचना की है. जानकारी और डिजाइन के लिहाज से पुस्तक अपने आप में अनोखा है. ऐसे में ईटीवी भारत के संवाददाता ने अमिताभ दास से इस पुस्तक के बारे में खास बातचीत की.
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पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास वीआरएस ले चुके हैं. वे खाली समय में लेखन का काम भी करते रहते हैं. इस बार अमिताभ कुमार दास ने आपदा को अवसर में बदलने का काम किया है. लॉकडाउन के उन्होंने लोगों की जानकारी बढ़ाने के लिए पुस्तक लिखने का फैसला लिया. करीब 1 साल की मेहनत के बाद अमिताभ दास की पुस्तक लिट्टी चोखा डॉट कॉम बाजार में उपलब्ध हो गई है.
ईटीवी भारत संवादाता से खास बातचीत के दौरान अमिताभ कुमार दास ने कहा कि पुस्तक को पढ़ने के बाद बिहार को लोग अलग नजरिए से समझ सकेंगे. इसके जरिए कई ऐतिहासिक सांस्कृतिक और धार्मिक तथ्य से लोग रूबरू हो सकेंगे. उन्होंने बताया कि लखीसराय में खुदाई के दौरान जो साक्ष्य मिले हैं. उससे स्पष्ट है कि बौद्ध विहार में महिलाएं भी रहती थी. इसके अलावा नालंदा में खुदाई के दौरान प्राचीन विश्वविद्यालय के प्रमाण भी मिले हैं.
बता दें कि ये पुस्तक खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. आम लोगों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अमेजॉन पर ये उपलब्ध है. बुक की खासियत यह है कि ये पूरी तरह हाथों से लिखा गया है. साथ ही इसमें बड़े ही बारिकी तरीके से कलाकृतियों के साथ रंग भी भरा गया है. जिससे लोगों की बिहार की सांस्कृतिक महत्व की बारे में रोचक जानकारी मिलेगी.
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