पटना : पटना हाईकोर्ट ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के दिशानिर्देशों में संशोधन से संबंधित मामले पर सुनवाई की. जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने बिहार, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में स्थित कुछ शैक्षणिक संस्थानों की रिट याचिकाओं को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि कॉलेज/संस्थान को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है.
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'किसी संस्थान को SCC में याचिका दायर करने का अधिकार नहीं' : याचिकाकर्ताओं ने स्टूडेंट क्रेडिट कॉर्ड की पात्रता के संबंध में जारी अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, पटना द्वारा जारी संकल्प दिनांक 05.07.2019 और 16.07.2019 को रद्द करने के लिए याचिका दायर किया था. इस पर कोर्ट ने कहा कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना विद्यार्थियों के लिए है. ये रिट याचिका किसी भी छात्र ने क्रेडिट कार्ड देने के लिए राज्य की योजना के बारे में शिकायत करते हुए इस कोर्ट में दायर नहीं किया है.
उच्च अध्ययन करने वाले छात्र क्रेडिट कार्ड : राज्य सरकार की इस योजना के अंतर्गत 10+2 परीक्षा पूरी करने के बाद उच्च अध्ययन करने वाले छात्र क्रेडिट कार्ड के लिए पात्र हैं. कॉलेज/संस्थान छात्र क्रेडिट कार्ड देने के लिए पात्र नहीं है. इसलिए याचिकाकर्ताओं के पास इस रिट याचिका को दायर करने का कोई अधिकार नहीं है.
क्या है स्टूडेंट क्रेडिट येजना : बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम का लाभ ऐसे विद्यार्थी उठा सकते हैं, जो 12वीं की परीक्षा पास कर चुके हैं. बीएससीसीएस के तहत गरीब छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए बैंक से लोन मिलता है. बीएससीसीएस योजना की खास बात यह है कि इसके तहत लिए गए कर्ज की गांरटर राज्य सरकार खुद है.