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औद्योगिक पॉलिसी में संशोधन की तैयारी में बिहार सरकार, रोजगार सृजन पर जोर

प्रदेश में कोरोना को लेकर सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. अधिकारियों की लगातार समीक्षा बैठकें हो रही है. सूचना सचिव अनुपम कुमार ने प्रेंस वार्ता में ये जानकारी दी है.

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Published : Jun 9, 2020, 8:17 PM IST

पटना: बिहार के सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा है कि कोरोना काल में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. राज्य सरकार का फोकस रोजगार सृजन पर भी है. अनुपम कुमार ने कहा कि औद्योगिक पॉलिसी में भी संशोधन की तैयारी हो रही है. वहीं, स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण से प्रदेश में दो और मौत हुई है. इस तरह अब मौत का आंकड़ा 33 पहुंच गया है.

रोजगार के लिए दो स्ट्रेटजी पर हो रहा काम
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि अब तक ब्लॉक क्वारंटीन सेंटर्स की संख्या 4,552 हैं. जिनमें 1 लाख 21 हजार 779 लोग रह रहे हैं. वहीं, ब्लॉक क्वारंटीन सेंटर्स में अब तक कुल 15 लाख 20 हजार 941 लोग आवासित हो चुके हैं. इनमें से 13 लाख 99 हजार 162 लोग क्वारंटीन की निर्धारित अवधि पूरा कर अपने घर वापस जा चुके हैं. वहीं, मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के अंतर्गत बाहर फंसे बिहार के 20 लाख 87 हजार 219 लोगों के खाते में प्रति व्यक्ति 1,000 रुपए की सहायता राशि भेजी जा चुकी है.

देखिए खास रिपोर्ट

किसानों को दी गई राहत राशि
सूचना सचिव ने कहा कि असामयिक वर्षापात और ओलावृष्टि के कारण फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने में किसानों की जो फसल बर्बाद हुई है, उसके लिए कृषि इनपुट अनुदान के तहत 730 करोड़ रुपये की राशि निर्गत की गई है. इसमें से अब तक 451 करोड़ रुपये की राशि 13 लाख 55 हजार किसानों के खाते में अंतरित की जा चुकी है. शेष किसानों के आवेदनों का निष्पादन तेजी से किया जा रहा है और जल्द ही कृषि इनपुट अनुदान की राशि प्रभवित किसानों के खाते में भेज दी जाएगी. वहीं, राशन कार्ड विहीन सुयोग्य परिवारों के लिए अब तक 15 लाख 76 हजार नये राशन कार्ड बनाए जा चुके हैं.

रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष ध्यान
अनुपम कुमार ने आगे बताया कि रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष ध्यान है. सभी संबंधित विभाग रोजगार सृजन को लेकर किए जा रहे कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक लगभग 4 लाख 48 हजार योजनाओं के अंतर्गत 5 करोड़ 61 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है. वहीं, बाहर से बिहार आए लोगों की मदद के लिए सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट लेवल काउंसलिंग सेंटर्स या हेल्प डेस्क बनाये जा रहे हैं. यह सेटअप होने की प्रक्रिया में है. सूचना सचिव ने आगे कहा कि डिस्ट्रिक्ट लेवल काउन्सिलिंग सेंटर्स/हेल्प डेस्क से रोजगार प्राप्त करने के संबंध में लोगों को जानकारी दी जाएगी. रोजगार देने के लिए दो तरह की स्ट्रैटजी अपनाई गई है.

सूचना सचिव ने दी जानकारी
सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि पहला यह कि सभी विभागों की जो स्कीम चल रही है, उनकी कैपेसिटी बढ़ाने को कहा गया है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. वहीं, दूसरी स्ट्रैटजी ये है कि अभी जो प्राइवेट इंडस्ट्रीज चल रही हैं और सरकार ने जो स्किल सर्वे कराया था, वह स्किल सर्वे का काम अभी भी चल रहा है. उसके डेटा के आधार पर जो इंडस्ट्री डिपार्टमेंट का पोर्टल है. वहां पर सभी इंडस्ट्रीज अपना रिक्वायरमेंट्स फीड करके रखते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमलोग उस पोर्टल पर स्किल सर्वे का डेटा फीड करते हैं. दोनों की मैचिंग ऑटोमेटिक या आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके जॉब मैचिंग होती है. सूचना सचिव ने बताया कि इस प्रकार के स्किल के मुताबिक संबंधित श्रमिकों को रोजगार के संबंध में स्वतः यह मैसेज चला जाता है कि उनके लिए रोजगार के लिए कहां-कहां अवसर उपलब्ध हैं. अपनी सुविधानुसार श्रमिक अपनी सहमति भेज देता है और उसको जॉब ऑफर हो जाता है. अनुपम कुमार ने कहा कि इसके अलावा जो इंडस्ट्रियल पॉलिसी है, उसमें मिड टर्म अमेडमेंट भी होने हैं. जिसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इस प्रकार जो इंसेंटिव देने होंगे या जिसकी आवश्यकता होगी, वह किया जाएगा.

1 लाख 5 हजार 588 सैंपल्स की जांच
वहीं, इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कुल 1 लाख 5 हजार 588 सैंपल्स की जांच की गई है. अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 5,364 हो गई है. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 188 नए पॉजिटिव मामले सामने आये हैं. 24 घंटे में 228 लोग स्वस्थ हुए हैं. लोकेश कुमार ने बताया कि अब तक कुल 2,770 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके हैं.

बिहार में कोरोना के कितने एक्टिव केस?
लोकेश कुमार ने बताया कि बिहार के 38 जिलों में कोरोना संक्रमण के 2,560 एक्टिव मामले हैं. 3 मई के बाद बाहर से बिहार आने वाले लोगों में से 3,853 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, जो कुल संक्रमित व्यक्तियों का 72 प्रतिशत है. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि होम क्वारंटीन में रहने वाले लोगों पर भी निगरानी रखी जा रही है. डोर टू डोर स्क्रीनिंग में ऐसे व्यक्तियों की 14 दिनों तक मॉनिटरिंग भी की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि स्क्रीनिंग टीम प्रतिदिन प्रवासियों के घरों पर जाकर स्वास्थ्य की जानकारी ले रही है और ये भी देख रही है कि वे होम क्वारंटीन की गाइडलाइन्स का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं. साथ ही स्क्रीनिंग दल यह भी देख रहा है कि उनमें कोविड के लक्षण हैं अथवा नहीं?

स्वास्थ्य सचिव ने दी जानकारी
स्वास्थय सचिव ने कहा कि बाहर से आए हुए लोग होम क्वारंटीन का कड़ाई से पालन करें और यदि कोविड-19 का लक्षण दिखाई दे तो उसे छुपाये नहीं बल्कि सर्वेक्षण दल को जरुर बताएं. ताकि समय से जांच कराकर इलाज कराया जा सके. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से मौत के दो नए मामले सामने आए हैं. पहला मामला सारण जिले से संबंधित है और दूसरा मामला औरंगाबाद जिले का है. दोनों अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे.

1 जून से 2 करोड़ 2 लाख फाइन वसूली
पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 जून 2020 से गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 1 जून से अब तक कुल 18 एफआईआर दर्ज की गई है और 38 लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं. जितेंद्र कुमार ने बताया कि 7,314 वाहन जब्त किए गए हैं. इससे कुल 2 करोड़ 2 लाख रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई है. बता दें कि पिछले 24 घंटे में अवरोध पैदा करने के कारण 5 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, 776 वाहन जब्त किए गए हैं और 22 लाख 84 हजार 800 रुपये जुर्माने के रूप में वसूले गए हैं. पुलिस मुख्यालय ने आगे बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों और नई दिशा निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं.

पटना: बिहार के सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा है कि कोरोना काल में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. राज्य सरकार का फोकस रोजगार सृजन पर भी है. अनुपम कुमार ने कहा कि औद्योगिक पॉलिसी में भी संशोधन की तैयारी हो रही है. वहीं, स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण से प्रदेश में दो और मौत हुई है. इस तरह अब मौत का आंकड़ा 33 पहुंच गया है.

रोजगार के लिए दो स्ट्रेटजी पर हो रहा काम
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि अब तक ब्लॉक क्वारंटीन सेंटर्स की संख्या 4,552 हैं. जिनमें 1 लाख 21 हजार 779 लोग रह रहे हैं. वहीं, ब्लॉक क्वारंटीन सेंटर्स में अब तक कुल 15 लाख 20 हजार 941 लोग आवासित हो चुके हैं. इनमें से 13 लाख 99 हजार 162 लोग क्वारंटीन की निर्धारित अवधि पूरा कर अपने घर वापस जा चुके हैं. वहीं, मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के अंतर्गत बाहर फंसे बिहार के 20 लाख 87 हजार 219 लोगों के खाते में प्रति व्यक्ति 1,000 रुपए की सहायता राशि भेजी जा चुकी है.

देखिए खास रिपोर्ट

किसानों को दी गई राहत राशि
सूचना सचिव ने कहा कि असामयिक वर्षापात और ओलावृष्टि के कारण फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने में किसानों की जो फसल बर्बाद हुई है, उसके लिए कृषि इनपुट अनुदान के तहत 730 करोड़ रुपये की राशि निर्गत की गई है. इसमें से अब तक 451 करोड़ रुपये की राशि 13 लाख 55 हजार किसानों के खाते में अंतरित की जा चुकी है. शेष किसानों के आवेदनों का निष्पादन तेजी से किया जा रहा है और जल्द ही कृषि इनपुट अनुदान की राशि प्रभवित किसानों के खाते में भेज दी जाएगी. वहीं, राशन कार्ड विहीन सुयोग्य परिवारों के लिए अब तक 15 लाख 76 हजार नये राशन कार्ड बनाए जा चुके हैं.

रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष ध्यान
अनुपम कुमार ने आगे बताया कि रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष ध्यान है. सभी संबंधित विभाग रोजगार सृजन को लेकर किए जा रहे कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक लगभग 4 लाख 48 हजार योजनाओं के अंतर्गत 5 करोड़ 61 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है. वहीं, बाहर से बिहार आए लोगों की मदद के लिए सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट लेवल काउंसलिंग सेंटर्स या हेल्प डेस्क बनाये जा रहे हैं. यह सेटअप होने की प्रक्रिया में है. सूचना सचिव ने आगे कहा कि डिस्ट्रिक्ट लेवल काउन्सिलिंग सेंटर्स/हेल्प डेस्क से रोजगार प्राप्त करने के संबंध में लोगों को जानकारी दी जाएगी. रोजगार देने के लिए दो तरह की स्ट्रैटजी अपनाई गई है.

सूचना सचिव ने दी जानकारी
सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि पहला यह कि सभी विभागों की जो स्कीम चल रही है, उनकी कैपेसिटी बढ़ाने को कहा गया है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. वहीं, दूसरी स्ट्रैटजी ये है कि अभी जो प्राइवेट इंडस्ट्रीज चल रही हैं और सरकार ने जो स्किल सर्वे कराया था, वह स्किल सर्वे का काम अभी भी चल रहा है. उसके डेटा के आधार पर जो इंडस्ट्री डिपार्टमेंट का पोर्टल है. वहां पर सभी इंडस्ट्रीज अपना रिक्वायरमेंट्स फीड करके रखते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमलोग उस पोर्टल पर स्किल सर्वे का डेटा फीड करते हैं. दोनों की मैचिंग ऑटोमेटिक या आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके जॉब मैचिंग होती है. सूचना सचिव ने बताया कि इस प्रकार के स्किल के मुताबिक संबंधित श्रमिकों को रोजगार के संबंध में स्वतः यह मैसेज चला जाता है कि उनके लिए रोजगार के लिए कहां-कहां अवसर उपलब्ध हैं. अपनी सुविधानुसार श्रमिक अपनी सहमति भेज देता है और उसको जॉब ऑफर हो जाता है. अनुपम कुमार ने कहा कि इसके अलावा जो इंडस्ट्रियल पॉलिसी है, उसमें मिड टर्म अमेडमेंट भी होने हैं. जिसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इस प्रकार जो इंसेंटिव देने होंगे या जिसकी आवश्यकता होगी, वह किया जाएगा.

1 लाख 5 हजार 588 सैंपल्स की जांच
वहीं, इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कुल 1 लाख 5 हजार 588 सैंपल्स की जांच की गई है. अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 5,364 हो गई है. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 188 नए पॉजिटिव मामले सामने आये हैं. 24 घंटे में 228 लोग स्वस्थ हुए हैं. लोकेश कुमार ने बताया कि अब तक कुल 2,770 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके हैं.

बिहार में कोरोना के कितने एक्टिव केस?
लोकेश कुमार ने बताया कि बिहार के 38 जिलों में कोरोना संक्रमण के 2,560 एक्टिव मामले हैं. 3 मई के बाद बाहर से बिहार आने वाले लोगों में से 3,853 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, जो कुल संक्रमित व्यक्तियों का 72 प्रतिशत है. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि होम क्वारंटीन में रहने वाले लोगों पर भी निगरानी रखी जा रही है. डोर टू डोर स्क्रीनिंग में ऐसे व्यक्तियों की 14 दिनों तक मॉनिटरिंग भी की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि स्क्रीनिंग टीम प्रतिदिन प्रवासियों के घरों पर जाकर स्वास्थ्य की जानकारी ले रही है और ये भी देख रही है कि वे होम क्वारंटीन की गाइडलाइन्स का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं. साथ ही स्क्रीनिंग दल यह भी देख रहा है कि उनमें कोविड के लक्षण हैं अथवा नहीं?

स्वास्थ्य सचिव ने दी जानकारी
स्वास्थय सचिव ने कहा कि बाहर से आए हुए लोग होम क्वारंटीन का कड़ाई से पालन करें और यदि कोविड-19 का लक्षण दिखाई दे तो उसे छुपाये नहीं बल्कि सर्वेक्षण दल को जरुर बताएं. ताकि समय से जांच कराकर इलाज कराया जा सके. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से मौत के दो नए मामले सामने आए हैं. पहला मामला सारण जिले से संबंधित है और दूसरा मामला औरंगाबाद जिले का है. दोनों अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे.

1 जून से 2 करोड़ 2 लाख फाइन वसूली
पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 जून 2020 से गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 1 जून से अब तक कुल 18 एफआईआर दर्ज की गई है और 38 लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं. जितेंद्र कुमार ने बताया कि 7,314 वाहन जब्त किए गए हैं. इससे कुल 2 करोड़ 2 लाख रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई है. बता दें कि पिछले 24 घंटे में अवरोध पैदा करने के कारण 5 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, 776 वाहन जब्त किए गए हैं और 22 लाख 84 हजार 800 रुपये जुर्माने के रूप में वसूले गए हैं. पुलिस मुख्यालय ने आगे बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों और नई दिशा निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं.

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