पटना: बिहार में लॉकडाउन 2 में थोड़ी बहुत छूट दी गई है. उद्योगों को चालू करने के दावे सरकार की ओर से किए जा रहे हैं, लेकिन 4 दिन बीत जाने के बाद भी उद्योग चालू नहीं किया जा सका है. मजदूरों को कोरोना वायरस का डर सता रहा है. इस कारण वे काम करने के लिए नहीं आ रहे है.
काम पर नहीं लौटना चाहते मजदूर
बिहार का उद्योग दोहरे संकट के मुहाने पर खड़ा है. राज्य के अंदर लॉकडाउन ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. औद्योगिक इकाइयों पर अभी भी ताला लटका है. बिहार सरकार लगातार यह दावे कर रही है कि राज्य के ज्यादातर उद्योगों को चालू किया जा चुका है, लेकिन हकीकत दावों से उलट है.
'बिहार में 1193 उद्योगों को किया गया चालू'
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक का कहना है कि राज्य के अंदर 923 ग्रामीण इलाकों के उद्योगों को चालू किया जा चुका है. मंत्री की मानें तो कुल 1193 उद्योगों को बिहार में चालू किया जा चुका है. राजधानी पटना के बिहटा औद्योगिक क्षेत्र में 50 से ज्यादा औद्योगिक इकाई हैं, लेकिन आज भी ज्यादातर बंद पड़े हैं. तीन या चार जो पहले से चल रहे थे वहीं, चालू अवस्था में हैं. बाकी औद्योगिक इकाइयों में ताला लटका है.
अभी काम पर नहीं लौटना चाहते है मजदूर
औद्योगिक इकाई में काम करने वाले मजदूर रामाशंकर का कहना है कि उद्योग अभी तक चालू नहीं हो सका है. मजदूरों की समस्या है और जब तक गाड़ियों का परिचालन शुरू नहीं हो जाता तब तक मजदूर यहां तक नहीं पहुंच सकते. औद्योगिक इकाई से जुड़े रविराज का कहना है कि हम लगातार मजदूरों से बात कर रहे हैं. उन्हें बुलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मजदूरों का कहना है कि अभी वह काम पर नहीं लौटेंगे, जब तक कोरोना वायरस का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता.