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बिहार के इस दिग्गज बिजनेसमैन का मुंबई में निधन, फोर्ब्स की लिस्ट में भी आया था नाम

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Published : Jul 27, 2019, 1:19 PM IST

Updated : Jul 27, 2019, 6:06 PM IST

वर्ष 2017 में प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स में उनका नाम आया था और उन्हें 43वां स्थान प्राप्त हुआ था. फोर्ब्स ने उनकी दौलत करीब 3.3 अरब डॉलर आंकी थी.

संप्रदा सिंह का निधन

पटना: बिहार के बड़े उद्योगपति और दवा कंपनी एल्केम ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक संप्रदा सिंह का निधन हो गया है. तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें मुम्बई के लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. संप्रदा सिंह ने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.

संप्रदा सिंह के निधन पर शोक
संप्रदा सिंह के निधन पर बिहार में जीतनराम मांझी समेत कई राजनेताओं ने शोक जताया है. शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि उनके निधन से बिहार को बड़ी क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि संप्रदा सिंह महान समाजसेवी थे. वो हमेशा से बिहार के गौरव रहे हैं. वहीं, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि संप्रदा सिंह की कमी हमेशा खलेगी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि उनकी मृत्यु व्यक्तिगत क्षति है. उनके निधन के बाद उद्योग जगत में शोक की लहर है.

जानकारी देते ईटीवी भारत के संवाददाता

कौन थे संप्रदा सिंह
संप्रदा सिंह का जन्‍म 1925 में बिहार के जहानाबाद के मोदनगंज प्रखंड के ओकरी गांव में हुआ था. उनके पिता एक साधारण किसान थे. उन्‍होंने पटना यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई की. इसके बाद उन्‍होंने पॉलिटिकल साइंस में पोस्‍ट ग्रेजुएशन भी किया. पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद संप्रदा सिंह खेती करना चाहते थे. संप्रदा सिंह के पिता के पास करीब 25 बीघा जमीन थी. पढ़ाई पूरी कर वो गांव आए और आधुनिक तरीके से खेती करने की कोशिश की. खेती शुरू की तो उनके सामने सबसे बड़ी परेशानी सिंचाई की आई. संप्रदा ने डीजल से चलने वाला वाटर पंप लोन पर लिया और उससे सब्जी की सिंचाई करने की कोशिश की. लेकिन वह सफल नहीं हुए. उसी साल अकाल पड़ गया. इंसानों और जानवरों के पीने के लिए पानी नहीं मिलता था तो खेती कहां से होती.

'मगध फार्मा' से शुरू किया काम
संप्रदा सिंह ने 1953 में रिटेल केमिस्‍ट के तौर पर एक छोटी शुरुआत की. लक्ष्मी शर्मा के साथ पटना में दवा की दुकान शुरू की. 1960 पटना में मगध फार्मा के बैनर तले उन्‍होंने फार्मा डिस्‍ट्रीब्‍यूशन का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे अपनी मेहनत के बल पर उन्‍होंने कई मल्‍टीनेशनल कंपनियों की डिस्‍ट्रीब्‍यूशटरशिप ले ली. कुछ ही दिनों में उन्‍होंने भारत के पूर्वी क्षेत्र का दूसरा बड़ा डिस्‍ट्रीब्‍यूशन नेटवर्क खड़ा कर दिया. संप्रदा सिंह की दवा एजेंसी अच्छी चल रही थी, लेकिन वह इतने से संतुष्ट होने वाले नहीं थे. वह कारोबार को विस्‍तार देने के इरादे से मुंबई चले गए.

अनिल अंबानी को पीछे छोड़ा
वर्ष 2017 में प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स में उनका नाम आया था और उन्हें 43वां स्थान प्राप्त हुआ था. फोर्ब्स ने उनकी दौलत करीब 3.3 अरब डॉलर आंकी थी. संप्रदा सिंह के इस लिस्ट में इतनी अच्छी जगह बनाने की वजह से बिहार का नाम पूरे देश में रोशन हो गया था. यह इसलिए भी सुर्खियों में रहा था क्योंकि इस लिस्ट में मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी 45वें स्थान पर थे.

पटना: बिहार के बड़े उद्योगपति और दवा कंपनी एल्केम ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक संप्रदा सिंह का निधन हो गया है. तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें मुम्बई के लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. संप्रदा सिंह ने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.

संप्रदा सिंह के निधन पर शोक
संप्रदा सिंह के निधन पर बिहार में जीतनराम मांझी समेत कई राजनेताओं ने शोक जताया है. शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि उनके निधन से बिहार को बड़ी क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि संप्रदा सिंह महान समाजसेवी थे. वो हमेशा से बिहार के गौरव रहे हैं. वहीं, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि संप्रदा सिंह की कमी हमेशा खलेगी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि उनकी मृत्यु व्यक्तिगत क्षति है. उनके निधन के बाद उद्योग जगत में शोक की लहर है.

जानकारी देते ईटीवी भारत के संवाददाता

कौन थे संप्रदा सिंह
संप्रदा सिंह का जन्‍म 1925 में बिहार के जहानाबाद के मोदनगंज प्रखंड के ओकरी गांव में हुआ था. उनके पिता एक साधारण किसान थे. उन्‍होंने पटना यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई की. इसके बाद उन्‍होंने पॉलिटिकल साइंस में पोस्‍ट ग्रेजुएशन भी किया. पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद संप्रदा सिंह खेती करना चाहते थे. संप्रदा सिंह के पिता के पास करीब 25 बीघा जमीन थी. पढ़ाई पूरी कर वो गांव आए और आधुनिक तरीके से खेती करने की कोशिश की. खेती शुरू की तो उनके सामने सबसे बड़ी परेशानी सिंचाई की आई. संप्रदा ने डीजल से चलने वाला वाटर पंप लोन पर लिया और उससे सब्जी की सिंचाई करने की कोशिश की. लेकिन वह सफल नहीं हुए. उसी साल अकाल पड़ गया. इंसानों और जानवरों के पीने के लिए पानी नहीं मिलता था तो खेती कहां से होती.

'मगध फार्मा' से शुरू किया काम
संप्रदा सिंह ने 1953 में रिटेल केमिस्‍ट के तौर पर एक छोटी शुरुआत की. लक्ष्मी शर्मा के साथ पटना में दवा की दुकान शुरू की. 1960 पटना में मगध फार्मा के बैनर तले उन्‍होंने फार्मा डिस्‍ट्रीब्‍यूशन का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे अपनी मेहनत के बल पर उन्‍होंने कई मल्‍टीनेशनल कंपनियों की डिस्‍ट्रीब्‍यूशटरशिप ले ली. कुछ ही दिनों में उन्‍होंने भारत के पूर्वी क्षेत्र का दूसरा बड़ा डिस्‍ट्रीब्‍यूशन नेटवर्क खड़ा कर दिया. संप्रदा सिंह की दवा एजेंसी अच्छी चल रही थी, लेकिन वह इतने से संतुष्ट होने वाले नहीं थे. वह कारोबार को विस्‍तार देने के इरादे से मुंबई चले गए.

अनिल अंबानी को पीछे छोड़ा
वर्ष 2017 में प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स में उनका नाम आया था और उन्हें 43वां स्थान प्राप्त हुआ था. फोर्ब्स ने उनकी दौलत करीब 3.3 अरब डॉलर आंकी थी. संप्रदा सिंह के इस लिस्ट में इतनी अच्छी जगह बनाने की वजह से बिहार का नाम पूरे देश में रोशन हो गया था. यह इसलिए भी सुर्खियों में रहा था क्योंकि इस लिस्ट में मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी 45वें स्थान पर थे.

Intro:बिहार से जुड़े देश के जाने माने उद्योगपति संप्रदा सिंह का निधन हो गया। संप्रदा सिंह ने मुंबई में 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर बिहार में जीतनराम मांझी समेत कई राजनेताओं ने शोक जताया है शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि उनके निधन से बिहार को बड़ी क्षति हुई है।


Body:कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा संप्रदा सिंह महान समाजसेवी थे और वह बिहार के गौरव ही रहे हैं वहीं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि संप्रदा सिंह की कमी हमेशा खलेगी।


Conclusion:पीटीसी
Last Updated : Jul 27, 2019, 6:06 PM IST
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