पटना: उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने सोमवार को पहली बार बजट पेश किया. बजट पेश होने के बाद ईटीवी भारत ने बिहार के उद्यमियों से बात की. उद्यमियों ने कहा कि सरकार उनकी उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतरी. हमें काफी उम्मीद थी कि उद्योग के लिए विशेष प्रावधान किया जाएगा. उद्योग विभाग को अधिक राशि मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
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बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बताया कि जैसी हमारी उम्मीद थी वैसा कुछ नहीं हुआ. सरकार ने महिलाओं के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जिसमें महिलाओं को 10 लाख रुपए का कर्ज मिलेगा. इतनी कम राशि से उद्योग नहीं लग सकता. लोगों को परमानेंट रोजगार भी नहीं मिल पाएगा. उद्योग विभाग को 1285.17 करोड़ रुपए मिला है. पिछले बजट में उद्योग को कुल बजट का 0.6 प्रतिशत हिस्सा मिला था. इस बार यह थोड़ा अधिक जरूर है, लेकिन इतने रुपए से राज्य का औद्योगिकरण नहीं हो सकता.
उद्योग पर नहीं सरकार का ध्यान
"2011 से 2021 तक जो नीतियां बनाई गईं थी उसका लाभ उद्यमियों को नहीं मिल पाया. हमें लगता है कि उसकी रकम ही 1000 करोड़ से अधिक होगी. जितना पैसा उद्योग विभाग को मिला है उससे तो लगता है कि सरकार का फोकस उद्योग पर नहीं है. सरकार चुनावी वादा पूरा करने पर ध्यान दे रही है. सरकार ने 20 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही थी."- रामलाल खेतान, अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
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आशा है कि आने वाला समय बेहतर होगा
उद्यमी ओपी सिंह ने कहा "हमें जो एक्सपेक्टेशन था वैसा कुछ बजट में नहीं दिखा. सरकार की नीति है कि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले. रोजगार उद्योग जगत से ही मिल सकता है. हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में स्थिति बेहतर होगी."
शाहनवाज से है उम्मीद
उद्यमी सुधीर कुमार अग्रवाल ने कहा "बजट में वित्त मंत्री के संबोधन के दौरान उद्योग के लिए कहीं कुछ नजर नहीं आया. सरकार ने बिहार में उद्योग को बढ़ाने के लिए काफी कुछ कहा था, लेकिन वैसा कुछ बजट में नजर नहीं आया. इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने और नई इंडस्ट्री लगाने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं दिखे."
"मुझे लगता है कि सरकार ने इसे ज्यादा जरूरी नहीं समझा. उद्योग ही एक ऐसा सेक्टर है जहां अधिक से अधिक रोजगार सृजित हो सकते हैं और अधिक संख्या में लोगों को काम मिल सकता है. बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. उनसे हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में उद्योग की जो नीतियां है उसपर बेहतर तरीके से काम करेंगे और बिहार में औद्योगिकरण हो सकेगा."- सुधीर कुमार अग्रवाल, उद्यमी