पटनाः बिहार के पटना आईआईटी का 15वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर इंडो-जापान मीट का आयोजन किया गया. अब पटना में जापानी भाषा की भी पढ़ाई कराई जाएगी. यही नहीं यहां जापान के छात्र भी आकर हिंदी भाषा की पढ़ाई कर पाएंगे. इसको लेकर सोमवार को जापान के डेलीगेट्स पहुंचे हैं.
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तकनीकी विकास में आईआईटी पटना का अहम योगदानः बता दें कि पिछले डेढ़ दशकों में आईआईटी पटना ने प्रगति की नयी ऊंचाई को छुआ है. शिक्षा, शोध, नयी खोज, विज्ञान, प्रद्योगिकी, तकनीक, उद्यमिता जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं. वर्ष 2008 में स्थापना के बाद से अब तक के 15 वर्षों में देश के तकनीकी विकास में आईआईटी पटना अभिन्न योगदान रहा है. विभिन्न क्षेत्रों में आईआईटी पटना ने कई मील के पत्थर पार किया है.
जापानी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रमः आईआईटी पटना व मासायुमे इंडिया जापानी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है. जापानी भाषा के कौशल की जांच के जेएलपीटी नियमों के अनुरूप शिक्षा मंत्रालय (मोम्बुशो), जापान के अंतर्गत कार्य करेगा. 17 अगस्त 2023 से इसका पहला बैच आरंभ हो जाएगा, जिसमें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त जापानी भाषा प्रशिक्षक छात्रों को प्रशिक्षण देंगे. इससे आईआईटी करने के बाद जापान में नौकरी करना चाहते हैं तो इसमें मदद मिलेगी.
ज्ञान की परम्परा बढ़ा रहा आईआईटी पटनाः आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. (डॉ.) टीएन सिंह ने कहा कि दो देशों के बीच इस प्रकार के संबंधों से तकनीक और ज्ञान के आदान प्रदान के नए अवसर पनपते हैं. ज्ञान की परम्परा को आगे बढ़ाना ही आईआईटी पटना की पहचान है. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे सहयोग और सीओई की स्थापना रोजगार के नए अवसरों को भी जन्म देती है, जो कि भारत के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है.
"इससे भारत जापान की रिश्ते में भी मजबूती आएगी. भारत से जो भी छात्र-छात्राएं जापान में नौकरी करने जाएंगे तो अब उन्हें भाषा का प्रॉब्लम नहीं होगा, क्योंकि जापान में रोजगार के काफी अवसर हैं. जापानी भाषा की परेशानी को आईआईटी पटना दूर करने का काम करेगा. आईआईटी के छात्र-छात्राओं को भी काफी सहयोग मिलेगा. जापान से भी छात्र यहां हिन्दी सीखने के लिए आएंगे." -प्रो. टीएन सिंह, निदेशक, IIT पटना