पटना: मंगलवार को राजधानी पटना में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता कर कहा कि 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट हुई विपक्षी पार्टियों के 'इंडिया' गठबंधन को 2024 चुनाव के लिए मणिपुर मामले को मुद्दा बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 2002 का गुजरात मामले को 2004 चुनाव में मुद्दा बनाया गया और एनडीए सरकार के खिलाफ जनता ने मतदान किया, ठीक उसी प्रकार मणिपुर मामले को लेकर इंडिया गठबंधन को मुद्दा बनाकर अभी से ही तैयारियों में लग जाना होगा.
"मणिपुर की घटना ने देश को शर्मसार किया है. यह देखने को मिला है कि कहीं भी दंगा भड़कता है, अथवा किसी प्रकार की कोई हिंसा भड़कती है तो इसकी शिकार महिलाएं सबसे अधिक होती हैं. मेरा मानना है कि 2024 चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया को मुद्दा बनाने की जरूरत है"- दीपांकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव, भाकपा माले
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए: मणिपुर की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी बीजेपी का चरित्र उजागर कर रही है. 2017 के पीएम मोदी के भाषण की बात करें तो उस समय जब वहां कांग्रेस की सरकार थी तो प्रधानमंत्री करते थे कि जो सरकार हिंसा को नियंत्रित नहीं कर सके उसे सरकार में बने रहने का कोई नैतिक हक नहीं है. यही बात इस बार भी बिरेन सिंह की सरकार पर लागू हो रही है. मणिपुर मामले पर वहां के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह और देश के गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की वह मांग करते हैं.
INDIA पीएम मोदी के लिए चुनौती: दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जिस प्रकार बेंगलुरु में विपक्षी पार्टियां ने एकजुट होकर इंडिया गठबंधन का नाम दिया है, उससे बीजेपी के अंदर बौखलाहट है. प्रधानमंत्री ने जिस तरह से इंडिया गठबंधन को ईस्ट इंडिया कंपनी से जोड़ने की कोशिश की है, उससे उनकी बौखलाहट दिख रही है.
बंगाल और बिहार का मामला मणिपुर से अलग: वहीं बिहार के बेगूसराय और बंगाल के मालदा की घटनाओं पर बोलते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बेगूसराय की घटना के बारे में उनके पास अभी जानकारी नहीं है लेकिन जहां तक मालदा की घटना की बात है तो मालदा की घटना और मणिपुर की घटना दोनों का चरित्र बिल्कुल अलग है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जिस प्रकार से लोग हिंसा का कल्चर बढ़ा है, इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है क्योंकि अल्पसंख्यक समाज के कई युवकों के साथ मॉब लिंचिंग हुई है लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया.