पटना: कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन है. बिहार सरकार ने लॉकडाउन 2 में आम लोगों को थोड़ी बहुत रियायत दी है. ढील के बाद राज्य के अंदर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है और चेन लगातार बढ़ता ही जा रहा है. राजधानी पटना भी रेड जोन में शामिल हो चुका है.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि बिहार के अंदर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या धड़ल्ले से क्यों बढ़ रही है. लॉकडाउन में ढील के बाद ही कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी क्यों हुई है. ये सवाल सरकार के लिए टेंशन बढ़ाने वाला है. क्योंकी आंकड़ा 190 को पार कर चुका है.
शुक्रवार के दिन 'कोविड 19' के कुल 27 नए मामले अब तक सामने आ चुके है. ऐसे में लॉकडाउन 2 में छूट के बाद अब तक 107 नए पॉजिटिव केस की पुष्टि हुई.
19 अप्रैल तक राज्य के अंदर 'कोविड 19' पॉजिटिव मरीजों की संख्या 96 थी, जो आज की तारीख में बढ़कर 197 तक पहुंच गई. बिहार में लॉकडाउन में छूट के बाद से औसतन हर रोज 20 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए. लेकिन दूसरी तरफ पटना में भी पॉजिटिव मामले बढ़ते जा रहे है.
कोरोना मरीजों की संख्या
- 20 अप्रैल 17 नए मामले
- 21 अप्रैल 13 नए मामले
- 22 अप्रैल 17 नए मामले
- 23 अप्रैल 27 नए मामले
- 24 अप्रैल 27 नए मामले
क्यों बढ़ रहे तेजी से मरीज
पटना के सिविल सर्जन राज किशोर चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजधानी पटना को लेकर विभाग की चिंता बढ़ गई है. हम लगातार कई लेयर पर लोगों की स्क्रीनिंग करा रहे हैं. लॉकडाउन में छूट को लेकर उन्होंने कहा कि थोड़ी बहुत इसकी संभावना रहती है कि छूट के बाद मामलों में इजाफा हो.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री?
हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे कहते है कि लॉकडाउन में रियायत नहीं दी गई है. लेकिन जो मामले बढ़े थे, उसे कंट्रोल कर लिया गया है.
फिलहाल, प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव के ताजा आंकड़ों ने इन 30 दिनों को तेज रफ्तार में पछाड़ दिया. ऐसे में बढ़ रहे पॉजिटिव मामले ने पूरे बिहार में टेंशन बढ़ा दी है.