पटना: बिहार में बीड़ी मजदूरों के लिए (Beedi workers In Patna ) चलाई जा रही सरकारी योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही है. श्रम मंत्रालय द्वारा बनाये गये अधिनियम के तहत उन सभी बीड़ी मजदूरों को निबंधित करते हुए उन्हें आवास योजना, स्वास्थ्य योजना समेत कई तरह की योजनाओं का लाभ देने के लिए कहा गया है. लेकिन आज भी राज्य के कई जिलों में बीड़ी मजदूरों को (Not Getting Benefit Of Scheme) इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने पटना के ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे बीड़ी मजदूरों का हाल जाना. मसौढ़ी अनुमंडल में 500 से अधिक बीड़ी मजदूर काम करते हैं. जिसमें 70 प्रतिशत महिला मजदूर हैं. बीड़ी श्रमिकों ने बताया कि अभी भी जैसे-तैसे दो वक्त का रोजी-रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं. हमें किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है.
'एक तरफ महंगाई की मार तो दूसरी तरफ करोना का कहर झेल रहे हैं. दो वक्त की रोजी-रोटी जुगाड़ कर पाना मुश्किल हो रहा है. हमें आज तक सरकारी योजनाओं को कोई लाभ नहीं मिला है.' :- नजमा खातून, बीड़ी मजदूर
बताया जाता है कि बीड़ी मजदूरों को निबंधित कर उन्हें परिचय पत्र देना होता है. सरकार की इस योजना का लाभ आजतक इन्हें मिल नहीं पाया है. बिहार मजदूर यूनियन के जिला सचिव ने कहा कि यह सरकार की योजना सिर्फ दिखावा है. योजना का लाभ इन मजूदरों तक नहीं पहुंच पाया है. ये सिर्फ सरकारी कागजों में ही सिमट कर रह गया है.
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वहीं बीड़ी मजदूर की बेबसी पर श्रम विभाग की मानें तो सरकार लगातार मजदूरों को लगातार जागरूक कर उन्हें पंजीकृत कर रही है. उन्हें लाभ दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं. लेकिन जमीनी स्तर बीड़ी श्रमिकों को कुछ लाभ नहीं मिल पाया है.