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Bihar News: 13000 किलोमीटर सड़कों के मेंटेनेंस पर खर्च होंगे 1000 करोड़

बिहार के पथ निर्माण विभाग ने इस साल 1,000 करोड़ से अधिक की राशि रोड मेंटेनेंस पर खर्च करने का फैसला लिया है. इससे दूर-दराज के लोग महज 5 घंटे में राजधानी तक की दूरी तय कर सकेंगे.

नितिन नवीन
नितिन नवीन
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Published : Jun 9, 2021, 6:58 PM IST

पटना: बिहार के पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) ने सुदूर इलाकों से राजधानी पटना (Patna) पहुंचने का लक्ष्य 5 घंटे रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है.

सरकार ने सड़क निर्माण के साथ ही मेंटेनेंस में भी पूरी ताकत लगाई है. इसके कारण स्टेट हाईवे और मेजर रोड की स्थिति एनएच से भी बेहतर होने का दावा किया जाने लगा है.

इसे भी पढ़ें: 'ग्रामीण सड़क निर्माण में 10 हजार लोगों को प्रतिदिन काम देने का प्रयास कर रही है सरकार'

पॉलिसी का बढ़ाया गया समय
बता दें कि 2012 में रोड मेंटेनेंस (Road Maintenance) की 5 साल की पॉलिसी थी. जिसे 17-18 में बढ़ाकर नीतीश सरकार ने 7 साल कर दिया. अभी एजेंसियों के माध्यम से मेंटेनेंस कराया जा रहा है. इस साल 1,000 करोड़ से अधिक की राशि रोड मेंटेनेंस पर खर्च होगी. लेकिन मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अब आने वाले समय में पथ निर्माण विभाग खुद पथों का मेंटेनेंस करें.

67,00 करोड़ की राशि होगी खर्च
बता दें कि 7 सालों में 13,000 किलोमीटर की सड़कें, जो स्टेट हाईवे की है और मेजर जिला रोड (Major District Road) है, उस पर लगभग 67,00 करोड़ की राशि खर्च होने वाली है.

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण पिछले 2 साल से पथ निर्माण विभाग के बड़े प्रोजेक्ट्स चाहे वह एनएचके हो या फिर स्टेट हाईवे के या फिर नदियों पर बन रहे मेगा ब्रिज, सभी पर असर पड़ा है.

ये भी पढ़ें: पूर्णिया: जनप्रतिनिधि ने नहीं सुनी मांग, लोगों ने चंदा इकट्ठा कर बनाई सड़क

बिहार में सड़कों की लंबाई कुछ इस प्रकार से है-

  • स्टेट हाईवे की लंबाई- 4005 किलोमीटर.
  • मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड की लंबाई- 12797 किलोमीटर.
  • नेशनल हाईवे की लंबाई- 5300 किलोमीटर.
  • ग्रामीण सड़कों की लंबाई- 95000 किलोमीटर.

स्टेट हाईवे और मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड में से 13,000 किलोमीटर की लंबाई में पथ निर्माण विभाग एजेंसियों के माध्यम से मेंटेनेंस करवा रहा है.

'विभाग का पूरा ध्यान सड़कों के मेंटेनेंस पर है. जिससे लोगों को आवागमन में किसी तरह की परेशानी न हो और सरकार इस पर बड़ी राशि खर्च कर रही है.' -नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग

'बिहार में नीतीश कुमार ने मेंटेनेंस पॉलिसी लाकर एक दूरगामी पहल की है. विकसित देशों में इस पर पहले से काम हो रहे हैं और बिहार में भी लगातार अब सड़कों की स्थिति बेहतर हुई है. स्टेट हाईवे और मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड कई मामलों में एनएच से भी बेहतर हैं.'-सुनील कुमार चौधरी, अध्यक्ष, बिहार अभियंत्रण सेवा

सुनील चौधरी का कहना है कि जिले में कम से कम एक और अधिक से अधिक तीन एजेंसियां मेंटेनेंस में लगी हैं. साथ ही साथ सालों भर रख-रखाव करती हैं. पथों के मेंटेनेंस के लिए बिहार में 71 रोड एंबुलेंस भी घूम रही है.

  • बिहार में स्टेट हाईवे और मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड 13,000 किलोमीटर का मेंटेनेंस.
  • इस साल 1000 करोड़ की राशि होगी खर्च.
  • जिले में कम से कम एक और अधिक से अधिक तीन एजेंसियां रोड मेंटेनेंस के काम में लगे हैं.
  • बिहार में 71 रोड एंबुलेंस की गाड़ियां रोड मेंटेनेंस में लगाई गई हैं.

31,00 करोड़ से अधिक की राशि खर्च
दक्षिण बिहार की 5,331 किलोमीटर से अधिक की लंबाई की सड़कों का मेंटेनेंस पथ निर्माण विभाग कर रहा है. इस पर 31,00 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है. वहीं, उत्तर बिहार की 7,700 किलोमीटर मीटर की लंबाई से अधिक की सड़कों पर 3,600 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है.

पौधों के मेंटेनेंस की भी पॉलिसी
पथ निर्माण विभाग अभी तो एजेंसियों के माध्यम से 7 साल की मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत स्टेट हाईवे और मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड का मेंटेनेंस करवा रहा है. ग्रामीण विकास कार्य विभाग ने पौधों के मेंटेनेंस की भी पॉलिसी बनाई है. लेकिन अब मुख्यमंत्री ने दोनों विभागों को निर्देश दिया है कि सड़कों के मेंटेनेंस का कार्य विभाग खुद देखे. इससे राशि की भी बचत होगी और लोगों को बेहतर रोड मिल सकेगा.

पटना: बिहार के पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) ने सुदूर इलाकों से राजधानी पटना (Patna) पहुंचने का लक्ष्य 5 घंटे रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है.

सरकार ने सड़क निर्माण के साथ ही मेंटेनेंस में भी पूरी ताकत लगाई है. इसके कारण स्टेट हाईवे और मेजर रोड की स्थिति एनएच से भी बेहतर होने का दावा किया जाने लगा है.

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पॉलिसी का बढ़ाया गया समय
बता दें कि 2012 में रोड मेंटेनेंस (Road Maintenance) की 5 साल की पॉलिसी थी. जिसे 17-18 में बढ़ाकर नीतीश सरकार ने 7 साल कर दिया. अभी एजेंसियों के माध्यम से मेंटेनेंस कराया जा रहा है. इस साल 1,000 करोड़ से अधिक की राशि रोड मेंटेनेंस पर खर्च होगी. लेकिन मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अब आने वाले समय में पथ निर्माण विभाग खुद पथों का मेंटेनेंस करें.

67,00 करोड़ की राशि होगी खर्च
बता दें कि 7 सालों में 13,000 किलोमीटर की सड़कें, जो स्टेट हाईवे की है और मेजर जिला रोड (Major District Road) है, उस पर लगभग 67,00 करोड़ की राशि खर्च होने वाली है.

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण पिछले 2 साल से पथ निर्माण विभाग के बड़े प्रोजेक्ट्स चाहे वह एनएचके हो या फिर स्टेट हाईवे के या फिर नदियों पर बन रहे मेगा ब्रिज, सभी पर असर पड़ा है.

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बिहार में सड़कों की लंबाई कुछ इस प्रकार से है-

  • स्टेट हाईवे की लंबाई- 4005 किलोमीटर.
  • मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड की लंबाई- 12797 किलोमीटर.
  • नेशनल हाईवे की लंबाई- 5300 किलोमीटर.
  • ग्रामीण सड़कों की लंबाई- 95000 किलोमीटर.

स्टेट हाईवे और मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड में से 13,000 किलोमीटर की लंबाई में पथ निर्माण विभाग एजेंसियों के माध्यम से मेंटेनेंस करवा रहा है.

'विभाग का पूरा ध्यान सड़कों के मेंटेनेंस पर है. जिससे लोगों को आवागमन में किसी तरह की परेशानी न हो और सरकार इस पर बड़ी राशि खर्च कर रही है.' -नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग

'बिहार में नीतीश कुमार ने मेंटेनेंस पॉलिसी लाकर एक दूरगामी पहल की है. विकसित देशों में इस पर पहले से काम हो रहे हैं और बिहार में भी लगातार अब सड़कों की स्थिति बेहतर हुई है. स्टेट हाईवे और मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड कई मामलों में एनएच से भी बेहतर हैं.'-सुनील कुमार चौधरी, अध्यक्ष, बिहार अभियंत्रण सेवा

सुनील चौधरी का कहना है कि जिले में कम से कम एक और अधिक से अधिक तीन एजेंसियां मेंटेनेंस में लगी हैं. साथ ही साथ सालों भर रख-रखाव करती हैं. पथों के मेंटेनेंस के लिए बिहार में 71 रोड एंबुलेंस भी घूम रही है.

  • बिहार में स्टेट हाईवे और मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड 13,000 किलोमीटर का मेंटेनेंस.
  • इस साल 1000 करोड़ की राशि होगी खर्च.
  • जिले में कम से कम एक और अधिक से अधिक तीन एजेंसियां रोड मेंटेनेंस के काम में लगे हैं.
  • बिहार में 71 रोड एंबुलेंस की गाड़ियां रोड मेंटेनेंस में लगाई गई हैं.

31,00 करोड़ से अधिक की राशि खर्च
दक्षिण बिहार की 5,331 किलोमीटर से अधिक की लंबाई की सड़कों का मेंटेनेंस पथ निर्माण विभाग कर रहा है. इस पर 31,00 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है. वहीं, उत्तर बिहार की 7,700 किलोमीटर मीटर की लंबाई से अधिक की सड़कों पर 3,600 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है.

पौधों के मेंटेनेंस की भी पॉलिसी
पथ निर्माण विभाग अभी तो एजेंसियों के माध्यम से 7 साल की मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत स्टेट हाईवे और मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड का मेंटेनेंस करवा रहा है. ग्रामीण विकास कार्य विभाग ने पौधों के मेंटेनेंस की भी पॉलिसी बनाई है. लेकिन अब मुख्यमंत्री ने दोनों विभागों को निर्देश दिया है कि सड़कों के मेंटेनेंस का कार्य विभाग खुद देखे. इससे राशि की भी बचत होगी और लोगों को बेहतर रोड मिल सकेगा.

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