पटना: 2012 में टीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थियों की वैधता अवधि 2 साल के लिए बढ़ाने का फैसला लिया गया है. 1 जून 2019 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई थी. इस बैठक में साल 2012 में संपन्न टीईटी और एसटीईटी के प्रमाण पत्र की 7 साल की वैधता अवधि समाप्त होने के विषय पर चर्चा हुई थी. इसीमें मुख्यमंत्री ने उन अभ्यर्थियों के लिए ये अहम फैसला लिया.
मुख्यमंत्री के फैसले के बाद शिक्षा विभाग के एडीशनल प्रिंसिपल सेक्रेट्री आरके महाजन ने बताया कि साल 2012 और साल 2017 में आयोजित टीईटी में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में 1 लाख 11 हजार 484 अभ्यर्थी नियोजित नहीं हुए हैं. इसमें प्रशिक्षित एवं प्रशिक्षित दोनों प्रकार के अभ्यर्थी हैं.
सीएम का फैसला
आरके महाजन ने बताया कि साल 2012 में कुल 69 हजार अभ्यर्थी नियुक्त नहीं हो पाए थे और उनकी वैधता मई में समाप्त हो गई थी. उन्होंने कहा कि कुछ कारणों से 2 साल से नियुक्तियां नहीं हो पाई थी, इसके लिए अभ्यर्थी जिम्मेदार नहीं हैं. इन बातों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने आज की बैठक में इन अभ्यर्थियों की 2 साल की वैधता आगे बढ़ाई है.
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82 हजार अभ्यर्थियों को मिलेगा लाभ
एडीशनल प्रिंसिपल सेक्रेट्री ने बताया कि साल 2012 में एसटीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या 16 हजार 196 है, जिनकी नियुक्ति नहीं हो पाई थी और 14 जून को इनकी अवधि समाप्त हो रही थी. अभ्यर्थियों के भविष्य के लिए इसे भी 2 वर्ष की अवधि के लिए विस्तारित करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के इस निर्णय से टीईटी एसटीईटी के लगभग 82 हजार 180 अभ्यर्थी लाभान्वित होंगे.