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उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ संपन्न, धूमधाम से भगवान भाष्कर का किया गया विसर्जन

लोक आस्था का पर्व छठ ( Chhath Puja 2021) आज चार दिवसीय अनुष्ठान के बाद संपन्न हो गया. जिसके बाद श्रद्धालुओं ने मसौढ़ी में धूमधाम से भगवान भाष्कर की प्रतिमा का विसर्जन किया.

भगवान भाष्कर
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Published : Nov 11, 2021, 7:06 PM IST

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा ( Chhath Puja 2021 ) उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. जिसके बाद भगवान भाष्कर की प्रतिमा का गुरुवार को विसर्जन किया गया. मसौढ़ी में धूमधाम से नाचते और गाते हुए भक्तों ने भगवान भाष्कर की प्रतिमा का विसर्जन ( Immersion the Idol of Lord Bhaskar ) किया.

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बता दें कि मसौढ़ी अनुमंडल में 13 जगहों पर छठी मइया के रूप में भगवान भाष्कर की प्रतिमा पूजा पांडालों में स्थापित की गयी थी. जिसे चार दिनों बाद छठ पर्व के समापन के विभिन्न घाटों पर विसर्जन किया गया. हालांकि जिला प्रशासन ने नदियों मे मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाया था. जिसको लेकर तालाब या कृत्रिम रूप से बने पोखर में भगवान भाष्कर की प्रतिमा को विसर्जित किया गया. इस दौरान सभी जगहों पर दंडाधिकारी मौजूद रहे.

देखें वीडियो

भगवान भास्कर की प्रतिमा विसर्जन के दौरान युवाओं में काफी उत्साह देखा गया. लोग प्रेम से नाचते गाते हुए प्रतिमा को लेकर घाट पर पहुंचे. डालों में स्थापित भगवान सूर्य की प्रतिमा को विसर्जन से पूर्व मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिमा उठाया गया. इस दौरान भगवान भास्कर के जयघोष से पूरा इलाका गुंजायमान हो उठा. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किया गया था.

ये भी पढ़ें- खरना के दिन नालंदा में युवती से गैंगरेप, 'BF' के साथ प्रसाद खाने गई थी पीड़िता

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा ( Chhath Puja 2021 ) उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. जिसके बाद भगवान भाष्कर की प्रतिमा का गुरुवार को विसर्जन किया गया. मसौढ़ी में धूमधाम से नाचते और गाते हुए भक्तों ने भगवान भाष्कर की प्रतिमा का विसर्जन ( Immersion the Idol of Lord Bhaskar ) किया.

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बता दें कि मसौढ़ी अनुमंडल में 13 जगहों पर छठी मइया के रूप में भगवान भाष्कर की प्रतिमा पूजा पांडालों में स्थापित की गयी थी. जिसे चार दिनों बाद छठ पर्व के समापन के विभिन्न घाटों पर विसर्जन किया गया. हालांकि जिला प्रशासन ने नदियों मे मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाया था. जिसको लेकर तालाब या कृत्रिम रूप से बने पोखर में भगवान भाष्कर की प्रतिमा को विसर्जित किया गया. इस दौरान सभी जगहों पर दंडाधिकारी मौजूद रहे.

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भगवान भास्कर की प्रतिमा विसर्जन के दौरान युवाओं में काफी उत्साह देखा गया. लोग प्रेम से नाचते गाते हुए प्रतिमा को लेकर घाट पर पहुंचे. डालों में स्थापित भगवान सूर्य की प्रतिमा को विसर्जन से पूर्व मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिमा उठाया गया. इस दौरान भगवान भास्कर के जयघोष से पूरा इलाका गुंजायमान हो उठा. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किया गया था.

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