ETV Bharat / state

बच्चों को बेदखल कर जीवनभर की पूंजी की हाथियों के नाम, जानिए वजह - Ramnagar update news

बिहार के रहने वाले इमाम अख्तर रामनगर के सावल्दें में हाथियों का गांव बसाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने 5 करोड़ की अपनी जायदाद दान कर दी है. साथ ही वन विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र भी लिखा है.

imam-akhtar-donated-property-worth-in-crores-to-build-elephant-village-in-ramnagar
imam-akhtar-donated-property-worth-in-crores-to-build-elephant-village-in-ramnagar
author img

By

Published : Oct 13, 2020, 10:04 PM IST

रामनगर: आपने कई लोगों को जानवरों से प्रेम करते देखा होगा. कई लोगों को पशुओं की सेवा करते देखा होगा, लेकिन आज जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं. शायद उसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि बिहार निवासी इमाम अख्तर का हाथियों से प्रेम कुछ ऐसा है, जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

इमाम की हाथियों के प्रति अगाढ़ प्रेम का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने अपने दोनों बेटों को जायजाद से बेदखल कर 5 करोड़ की संपत्ति हाथियों के नाम कर दी है. वहीं, हाथी गांव बनाने के लिए वन विभाग के उच्च अधिकारियों को भी पत्र लिखे हैं.

इमाम इन दिनों रामनगर आए हुए हैं. उन्होंने अपनी 5 करोड़ रुपये की संपत्ति दो हाथियों के नाम कर दी है. उन्होंने बताया कि अपनी जायदाद से उन्होंने अपने दो बेटों को बेदखल कर दिया है और पूरी संपत्ति हाथियों के नाम लिख दी है. इमाम अख्तर हाथियों के लिए सावल्दें में एक हाथी गांव बनाना चाहते हैं, जहां दिव्यांग, बीमार हाथियों को रहने की जगह मिल सके. इसके लिए उन्होंने वन विभाग को पत्र भी लिख है. आपको बता दें कि पटना जिले के जानीपुर इलाके के निवासी इमाम अख्तर का प्रेम हाथियों के लिए इतना है कि उन्होंने रामनगर के सावल्दें गांव में लीज पर जमीन लेकर दो हाथी पाल रहे हैं. यहां पर दिन-रात हाथियों की सेवा में उनका जीवन व्यतीत हो रहा है.

पेश है रिपोर्ट

इमाम कहते हैं कि जहां भी हाथियों के ऊपर संकट आता है, वह वहां पहुंच जाते हैं. आपको बता दें एरावत संस्था के संचालक इमाम अख्तर ने बताया कि उनके पिताजी भी हाथी पाला करते थे. बचपन से ही वह हाथी के करीब रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें इनसे गहरा लगाव हो गया है. उन्होंने कहा कि अगर हाथियों का संरक्षण नहीं किया गया तो हमारी अगली पीढ़ी इस विशाल जानवर को सिर्फ किताबों में पढ़ा करेगी. इसलिए इमाम ने हाथियों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है.

इमाम अख्तर ने हाथी गांव बनाने के लिए वन विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र भी लिखे हैं. इमाम अख्तर के साथ काम कर रहे चंदन कुमार बताते है कि उनके पुरखों से ही हाथी पालने का चलन रहा है. यह जमींदार परिवार के वंशज हैं, इन्होंने अपने हिस्से की जमीन जो कि 5 करोड़ से ज्यादा की है, हाथियों के नाम की कर दी है. वह उत्तराखंड में हाथी गांव बसाना चाहते हैं. वह दिव्यांग, बीमार और बूढ़े हो चुके हाथियों को इस गांव में बसाना चाहते हैं, जहां वह इन हाथियों की सेवा कर सकें.

रामनगर: आपने कई लोगों को जानवरों से प्रेम करते देखा होगा. कई लोगों को पशुओं की सेवा करते देखा होगा, लेकिन आज जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं. शायद उसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि बिहार निवासी इमाम अख्तर का हाथियों से प्रेम कुछ ऐसा है, जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

इमाम की हाथियों के प्रति अगाढ़ प्रेम का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने अपने दोनों बेटों को जायजाद से बेदखल कर 5 करोड़ की संपत्ति हाथियों के नाम कर दी है. वहीं, हाथी गांव बनाने के लिए वन विभाग के उच्च अधिकारियों को भी पत्र लिखे हैं.

इमाम इन दिनों रामनगर आए हुए हैं. उन्होंने अपनी 5 करोड़ रुपये की संपत्ति दो हाथियों के नाम कर दी है. उन्होंने बताया कि अपनी जायदाद से उन्होंने अपने दो बेटों को बेदखल कर दिया है और पूरी संपत्ति हाथियों के नाम लिख दी है. इमाम अख्तर हाथियों के लिए सावल्दें में एक हाथी गांव बनाना चाहते हैं, जहां दिव्यांग, बीमार हाथियों को रहने की जगह मिल सके. इसके लिए उन्होंने वन विभाग को पत्र भी लिख है. आपको बता दें कि पटना जिले के जानीपुर इलाके के निवासी इमाम अख्तर का प्रेम हाथियों के लिए इतना है कि उन्होंने रामनगर के सावल्दें गांव में लीज पर जमीन लेकर दो हाथी पाल रहे हैं. यहां पर दिन-रात हाथियों की सेवा में उनका जीवन व्यतीत हो रहा है.

पेश है रिपोर्ट

इमाम कहते हैं कि जहां भी हाथियों के ऊपर संकट आता है, वह वहां पहुंच जाते हैं. आपको बता दें एरावत संस्था के संचालक इमाम अख्तर ने बताया कि उनके पिताजी भी हाथी पाला करते थे. बचपन से ही वह हाथी के करीब रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें इनसे गहरा लगाव हो गया है. उन्होंने कहा कि अगर हाथियों का संरक्षण नहीं किया गया तो हमारी अगली पीढ़ी इस विशाल जानवर को सिर्फ किताबों में पढ़ा करेगी. इसलिए इमाम ने हाथियों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है.

इमाम अख्तर ने हाथी गांव बनाने के लिए वन विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र भी लिखे हैं. इमाम अख्तर के साथ काम कर रहे चंदन कुमार बताते है कि उनके पुरखों से ही हाथी पालने का चलन रहा है. यह जमींदार परिवार के वंशज हैं, इन्होंने अपने हिस्से की जमीन जो कि 5 करोड़ से ज्यादा की है, हाथियों के नाम की कर दी है. वह उत्तराखंड में हाथी गांव बसाना चाहते हैं. वह दिव्यांग, बीमार और बूढ़े हो चुके हाथियों को इस गांव में बसाना चाहते हैं, जहां वह इन हाथियों की सेवा कर सकें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.