पटना: राजधानी के प्रतिष्ठित पीएमसीएच हॉस्पिटल में आईएमए पीएमसीएच शाखा ने कैंपस में वायरोलॉजी लैब बढ़ाने की मांग रखी है. इस संबंध में आईएमए पीएमसीएच शाखा के सेक्रेटरी सह माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रभारी डॉ. सच्चिदानंद कुमार ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से उन्होंने पीएमसीएच कैंपस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में वायरोलॉजी लैब को बढ़ाने की दिशा में विचार करने की बात कही है.
मौजूदा समय में पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी में मात्र एक ही वायरोलॉजी लैब है, जहां आरटी पीसीआर मशीन के माध्यम से कोरोना सैंपलों का जांच होती है. पीएमसीएच आईएमए शाखा के सचिव डॉक्टर सच्चिदानंद कुमार ने पत्र के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि लगभग पिछले 150 दिनों से वायरोलॉजी लैब का आरटी पीसीआर मशीन निरंतर काम कर रहा है. अब तक इसकी सर्विसिंग भी नहीं हो पाई है. साथ ही और प्रॉपर सैनिटाइजेशन भी नहीं हुआ है.
बढ़ रहा है संक्रमण खतरा
डॉ. सच्चिदानंद कुमार ने कहा कि पीएमसीएच में पिछले 20 दिनों में माइक्रोबायोलॉजी और वायरोलॉजी से जुड़े 22 डॉक्टर और लैब टेक्नीशियन कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. वायरोलॉजी लैब में 7 लोग ही कार्यरत हैं. जिसमें 6 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है. मात्र 1 लैब टेक्नीशियन ही बची है जो कि पीसीआर मशीन पर काम करने के लिए सक्षम है.
'बनाए जाने चाहिए एडिशनल लैब'
ऐसे में बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए डॉ. सच्चिदानंद कुमार ने कहा है कि जिस प्रकार पटना के अन्य संस्थानों के पास 3-4 वायरोलॉजी लैब हैं उसी प्रकार पीएमसीएच में भी एडिशनल 2-3 लैब होने चाहिए. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से आग्रह किया है कि पीएमसीएच में तुरंत तत्काल प्रभाव से एडिशनल वायरोलॉजी की स्थापना की जाए. साथ ही वर्तमान में चल रहे वायरोलॉजी लैब को बंद कर 10 दिनों के लिए लैब का प्रॉपर सैनिटाइजेशन किया जाए और मशीन का सर्विसिंग हो.