पटना: बिहार अध्यापक नियमावली 2023 (Bihar Teacher Manual 2023) को लेकर टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम और पूर्व प्राथमिक शिक्षा निदेशक आईएएस रंजीत कुमार सिंह (IAS Ranjit Kumar Singh) के बीच सोशल मीडिया पर उपजा विवाद अब पुलिस तक पहुंच गया है. पूर्व प्राथमिक शिक्षा निदेशक आईएएस रंजीत कुमार सिंह जो मिशन IAS के नाम से कोचिंग संस्थान चलाते हैं, ने एक वीडियो डालकर हाई कोर्ट में नई अध्यापक नियमावली के खिलाफ किए गए याचिकाओं को निराधार बताया था और कहा था कि यह नियमावली यथावत रहेगी. इसमें कोई परिवर्तन नहीं हो सकेगा. जिसके बाद अमित विक्रम ने कमेंट किया था. अब मामला बढ़ते-बढ़ते थाने तक पहुंच गया है.
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अमित विक्रम के खिलाफ मामला दर्ज: अमित विक्रम ने कहा कि जब आइएएस रंजीत कुमार सिंह ने पोस्ट किया था, तब उसके जवाब में अमित विक्रम ने कहा था कि जिस प्रकार से आपके उस आदेश को हमने निरस्त करवाया, जिसमें आपने विद्यालयों में बच्चों को निशुल्क पुस्तक दिए जाने की व्यवस्था को समाप्त कर उन्हें डायरेक्ट कैश देने का निर्देश दिया था. उसी प्रकार हम लोग वर्तमान अध्यापक नियमावली 2023 को भी निरस्त करवा देंगे. इसी बात को लेकर विवाद बढ़ गया है.
"सोमवार को हमको एक नंबर से फोन करके आईएएस रंजीत कुमार सिंह के खिलाफ ट्वीट करने के बदले गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई. फोन करने वाले का नाम जानना चाहा तो उन्होंने नाम बताने से इंकार कर दिया. लेकिन कहा कि आप जो ट्वीट कर रहे हैं, उसको डिलीट कीजिए नहीं तो आपके साथ कुछ भी हो सकता है. इसी बात पर जब उन्होंने कॉल रिकॉर्डिंग ऑन कर दिया. तब उस व्यक्ति ने अपना स्वर बदलते हुए कहा कि आप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएंगे और आप उसके लिए तैयार हो जाइए. इसके उत्तर में मैने कहा कि आपको जो भी करना हो, आप करें. लेकिन हमने कोई भी बात तथ्यों सहित कही है. इसलिए हम अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे."- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ
कोतवाली थाना से मिली जानकारी: इस घटना के बाद दिन में दो बजे कोतवाली थाना पटना से संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम को फोन आया कि उनके खिलाफ आईएएस रंजीत कुमार सिंह के द्वारा एक लिखित शिकायत की गई है. जिसमें उनके द्वारा ट्विटर पर किए गए ट्वीट्स का जिक्र है और उन्हें यथाशीघ्र कोतवाली थाना में आकर अपना पक्ष रखने को कहा गया. इस पर अमित विक्रम ने कहा कि अभी वह संगठन के कार्यों से बाहर हैं. कल वह आकर थाने में अपना पक्ष रखेंगे.
अपनी बातों पर अडिग हैं अमित विक्रम: पूरे घटनाक्रम के संबंध में टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि मैंने आईएएस रंजीत कुमार सिंह के बारे में कोई भी झूठा आरोप या अनर्गल बात नहीं लिखी है. जो भी ट्वीट मैंने किए हैं, वह पूर्व के मीडिया रिपोर्ट के आधार पर है और वर्तमान नियमावली को लेकर जो हमारी राय है. उसको लेकर हमारा संघ पूर्व से ही हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुका है. इसलिए हम इस बात पर अडिग हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आईएएस रंजीत कुमार सिंह ने ही शिक्षा निदेशक के पद पर रहते हुए स्कूली बच्चों को किताब देने की व्यवस्था बंद की थी. इसके खिलाफ उन्होंने लोक शिकायत निवारण में शिकायत भी दर्ज की थी और कई सारे मीडिया में इस संबंध में उनके बयान भी छपे थे. इसलिए वह अपनी इस बात पर भी कायम हैं.
अमित विक्रम ने आईएएस पर लगाया आरोप: अमित विक्रम ने आईएएस रंजीत कुमार सिंह पर आरोप लगाया कि वह एक आईएएस के पद पर रहते हुए कोचिंग संस्थान चलाते हैं और अपने निजी आर्थिक लाभ के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों एवं शिक्षकों को गुमराह करते हैं. पूर्व में उनका नाम बीपीएससी पेपर लीक में भी आया था, जिसकी जांच अभी भी चल रही है. आखिर क्या कारण है कि एक आईएएस के पद पर रहते हुए वह एक निजी कोचिंग संस्थान चला रहे हैं? बिहार सरकार को इस पर गंभीरता पूर्वक सोचना चाहिए कि एक ऐसा पदाधिकारी जो शिक्षा विभाग के प्रमुख पद पर रह चुका हो, वह कोचिंग संस्थान चला रहा है तो इसके क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं.
"संघ यह मांग करता है कि उक्त आईएएस अधिकारी के द्वारा चलाए जा रहे कोचिंग संस्थान को यथाशीघ्र बंद किया जाए और उन्हें विभागीय कार्यों में ध्यान देने हेतु निर्देश दिया जाए. संघ की ओर से एक प्रदेश स्तरीय टीम अपने वकीलों के साथ जाकर मंगलवार को कोतवाली थाना में अपना पक्ष रखेगी और आईएएस रंजीत कुमार सिंह के खिलाफ संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम को फोन कर डराने धमकाने के मामले में शिकायत भी दर्ज करवाएगी."- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ