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बोले प्रशांत किशोर-18 फरवरी के बाद करूंगा बात, अटकलें ना लगाएं - nitish kumar and pk

दिल्ली चुनाव नतीजे के बाद चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर चर्चा में हैं. दरअसल, आम आदमी पार्टी की ब्रांडिंग का प्रबंधन उन्होंने ही संभाला था. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका अगला पड़ाव बिहार हो सकता है.

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर
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Published : Feb 14, 2020, 12:37 AM IST

पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत से फिर से सुर्खियों में आए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उनके फिर से बिहार की सियासत में उतरने और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) या कांग्रेस में उनके जाने चल रही चर्चा को सिरे से नकार दिया है.

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है और इसको लेकर सभी दलों ने अपनी रणनीति अभी से बनानी शुरू कर दी है. इस बीच सत्ताधारी जेडीयू से निकाले गए, उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर (पीके) और उनकी कंपनी इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है.

प्रशांत किशोर ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, 'यह सब बकवास है. मैं 18 फरवरी के बाद इन मुद्दों पर बात करूंगा. कृपया अटकलें ना लगाएं.' बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करने को लेकर प्रशांत किशोर को हाल ही में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

इसके बाद राजद नेता तेजप्रताप यादव ने प्रशांत किशोर को आरजेडी में आने का खुला आमंत्रण दे दिया. इस कारण कयास लगाया जाने लगा कि पीके इस साल होने वाले चुनाव में राजद के लिए रणनीति बना सकते हैं.

क्या pk बिहार में कांग्रेस के साथ काम करेंगे?

इस बीच, कांग्रेस को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस के लिए बिहार चुनाव में रणनीति बनाते नजर आएंगे. जब बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से सवाल किया गया कि, बिहार में कांग्रेस को रिवाइव करने के लिए पार्टी प्रशांत किशोर को अप्रोच कर रही है? तो शक्ति सिंह गोहिल ने इस सवाल को सिरे से खारिज कर दिया. गोहिल ने कहा कि प्रशांत किशोर से इस मामले में कोई बात नहीं है और अभी तक ना कोई प्लानिंग है.

बता दें कि प्रशांत किशोर की आई-पैक ने इससे पहले 2015 में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला था. इस चुनाव में सफलता मिलने के बाद पीके और नीतीश में नजदीकियां बढ़ी थीं. प्रशांत किशोर ने ना केवल जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी, बल्कि उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बना दिया गया था.

प्रशांत किशोर ने वर्ष 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए, वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए और 2019 में आंध्र प्रदेश में वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी.

पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत से फिर से सुर्खियों में आए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उनके फिर से बिहार की सियासत में उतरने और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) या कांग्रेस में उनके जाने चल रही चर्चा को सिरे से नकार दिया है.

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है और इसको लेकर सभी दलों ने अपनी रणनीति अभी से बनानी शुरू कर दी है. इस बीच सत्ताधारी जेडीयू से निकाले गए, उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर (पीके) और उनकी कंपनी इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है.

प्रशांत किशोर ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, 'यह सब बकवास है. मैं 18 फरवरी के बाद इन मुद्दों पर बात करूंगा. कृपया अटकलें ना लगाएं.' बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करने को लेकर प्रशांत किशोर को हाल ही में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

इसके बाद राजद नेता तेजप्रताप यादव ने प्रशांत किशोर को आरजेडी में आने का खुला आमंत्रण दे दिया. इस कारण कयास लगाया जाने लगा कि पीके इस साल होने वाले चुनाव में राजद के लिए रणनीति बना सकते हैं.

क्या pk बिहार में कांग्रेस के साथ काम करेंगे?

इस बीच, कांग्रेस को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस के लिए बिहार चुनाव में रणनीति बनाते नजर आएंगे. जब बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से सवाल किया गया कि, बिहार में कांग्रेस को रिवाइव करने के लिए पार्टी प्रशांत किशोर को अप्रोच कर रही है? तो शक्ति सिंह गोहिल ने इस सवाल को सिरे से खारिज कर दिया. गोहिल ने कहा कि प्रशांत किशोर से इस मामले में कोई बात नहीं है और अभी तक ना कोई प्लानिंग है.

बता दें कि प्रशांत किशोर की आई-पैक ने इससे पहले 2015 में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला था. इस चुनाव में सफलता मिलने के बाद पीके और नीतीश में नजदीकियां बढ़ी थीं. प्रशांत किशोर ने ना केवल जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी, बल्कि उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बना दिया गया था.

प्रशांत किशोर ने वर्ष 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए, वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए और 2019 में आंध्र प्रदेश में वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी.

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