पटनाः बिहार के नवादा में गुलाम रसूल बलियावी के दिए गए बयान को जदयू ने गलत ठहराया है. खुद जेडीयू नेताओं ने ही उनके बयान पर आपत्ति जताई है. जिसके बाद जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि हमने सेना का अपमान नहीं किया है. बलियावी ने कहा कि मैंने तो प्रधानमंत्री और सत्ता में बैठे लोगों से सवाल किया है जो अडानी का नाम लेने से डर जाते हैं और मेरा सवाल उनसे है, जो चाइना का नाम लेने से डरते हैं.
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"सेना का अपमान तो उन्होंने किया जिसने सेना के जवानों की वर्दी का फोटो लगाकर उनके शहादत और बलिदान के नाम पर देश से वोट लिया. जिस पर सेना के वीर जवानों ने आपत्ति जताई थी. इसलिए हमारा सवाल सरकार से है अब माने मतलब जिसको जो निकालना है लगा ले."- गुलाम रसूल बलियावी, पूर्व विधान पार्षद
बयान पर जेडीयू नेता की आपत्तिः वहीं, जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने बलियावी के बयान पर आपत्ति जताई है और कहा है इतिहास गवाह है देश के सैनिक के पुरुषार्थ पर कोई धर्म और जाति के आधार पर विभाजन का रेखा कतई मंजूर नहीं है. साथ ही साथ सैन्य पुरुषार्थ के अग्निवीर के मसले पर जो हमारा विरोध था पेंशन और अन्य सुविधा की कटौती की गई है लेकिन सैन्य पुरुषार्थ पर जाति और धर्म के आधार पर सवाल उठाए वह कतई मंजूर नहीं है. ना तो देश का संविधान इसकी इजाजत देता है और ना ही जदयू का संविधान. ना तो ऐसे सवाल पर मनभेद रहता है और ना ही मतभेद की नीति है.
प्रवक्ता अभिषेक झा भी जताई आपत्तिः जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि हमारी पार्टी का हमेशा से मानना हैं कि सेना के शौर्य और पराक्रम को लेकर किसी को सवाल उठाने का हक नहीं है. सेना के प्रति हमारी पार्टी हमेशा सम्मान का भाव रखती है. यह राजनीति का विषय नहीं है सेना का मनोबल हमेशा बढ़ा रहना चाहिए. सेना ने हर परिस्थितियों में यह साबित भी किया है किसी भी स्थिति से निपटने में वह सक्षम है हजारों की संख्या में सेना के जवानों ने शहादत दी है. तब जाकर देश की सीमा सुरक्षित रहती है. गुलाम रसूल बलियावी किस हैसियत से बयान दे रहे हैं यह समझ से परे है.
"गुलाम रसूल बलियावी के बयानों से पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती है. जिम्मेदार पद पर रहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए ऐसे बयानों से बचना चाहिए. सेना ने हर परिस्थितियों में यह साबित भी किया है किसी भी स्थिति से निपटने में वह सक्षम है हजारों की संख्या में सेना के जवानों ने शहादत दी है. तब जाकर देश की सीमा सुरक्षित रहती है. गुलाम रसूल बलियावी किस हैसियत से बयान दे रहे हैं यह समझ से परे है"- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
क्या था बलियावी का बयानः असल में जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने नवादा में एक कार्यक्रम में सेना को लेकर बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान से निपटने में तीनों सेना सक्षम नहीं हो रही है तो 30% मुसलमानों की भर्ती करा दें और इसी पर विवाद छिड़ा हुआ है. उनके बयान पर बीजेपी नेता तो हमलावर हैं ही, खुद जदयू ने भी नाराजगी जताई है.
बाबा रामदेव पर भी उठाए थे सवालः आपको बता दें कि इसके साथ ही गुलाम रसूल बलियावी ने योग गुरु बाबा रामदेव और धीरेंद्र शास्त्री पर भी हमला किया था. उन्होंने बाबा रामदेव को विदेशी बताया और उनकी संपति जांच की मांग की. वहीं बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर भी हमला किया. यहां तक की बलियावी ने बाबा रामदेव के बारे में कहा कि वे भारतीय नहीं हैं. उनका आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद से संबंध है.