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Human Trafficking In Bihar: मानव तस्करी रोकने को लेकर पुलिस सख्त, साल 2022 में तस्करों की ज्यादा गिरफ्तारी

बिहार में बाल तस्करी (Child Trafficking Cases In Bihar) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. पुलिस के अुसार सूबे में चाइल्ड ट्रैकफिंग और मानव तस्करी में लगातार इजाफा हो रहा है. हालांकि साल 2020 की तुलना में साल 2022 में तस्करों की ज्यादा गिरफ्तारी के साथ-साथ महिलाओं के साथ अत्याचार मामले में अपराधियों को सजा दिलाई गई है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में बाल तस्करी की घटनाओं में लगातार वृद्धि
बिहार में बाल तस्करी की घटनाओं में लगातार वृद्धि
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Published : Feb 3, 2023, 4:56 PM IST

जितेंद्र सिंह गंगवार,एडीजी, पुलिस मुख्यालय

पटना: बिहार में मानव तस्करी (Human Trafficking In Bihar) और बाल तस्करी की घटनाएं बढ़ गई हैं. मानव व्यापार निरोधक विषयक एवं बाल श्रम जैसे गंभीर विषय पर बिहार पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. मुख्यालय स्तर पर कमजोर वर्ग अपराध अनुसंधान विभाग निरंतर इस मामले की जांच कर रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार साल 2020 में जहां 75 प्राथमिक दर्ज की गई, वहीं नए साल 2021 में 111 तथा साल 2022 के नवंबर तक कुल 203 मामले दर्ज किए गए हैं.

ये भी पढ़ें- Bihar Crime: अपराधियों पर शिकंजा कसेगी बिहार पुलिस, साल 2023 में अभियान चलाकर दिलाई जाएगी सजा

बिहार में मानव तस्करी के मामलों में इजाफा : बिहार पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 2020 में 102, वर्ष 2021 में 149 जबकि वर्ष 2022 के नवंबर तक 172 महिलाओं को मुक्त करवाया गया है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार वर्ष 2020 में 79, वर्ष 2021 में 225 जबकि 2022 के नवंबर महीने तक 365 पुरुषों को मुक्त कराया गया है. वहीं वर्ष 2020 में 247, वर्ष 2021 में 331 जबकि 2022 के नवंबर तक 350 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है.

मानव तस्करी को लेकर पुलिस सख्त : गौरतलब है कि महिलाओं और बच्चों से संबंधित साइबर अपराध की रोकथाम के लिए साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट विमेन एंड चाइल्ड सेल की स्थापना आर्थिक अपराध इकाई बिहार पटना के द्वारा की गई थी. जिसमें किशोरियों में महिलाओं में जागरूकता के लिए अभियान चलाकर महिला महाविद्यालय, कन्या विद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों में सशक्तिकरण सभा का भी आयोजन किया जा रहा है.

मानव तस्करों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई : बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों की बात करें तो साल 2020 में 92 कांड दर्ज किया गय. जिसमें 126 अपराधियों को सजा दिलवाई गई. साल 2021 में 270 मामले दर्ज कर 317 अपराधियों को सजा दिलाई गई. इनमें चार को मौत की सजा हुई. साल 2022 में 526 मामले दर्ज कर 649 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. जिसमें 5 अपराधी को मौत की सजा बाकी को आजीवन कारावास और 10 वर्ष की सजा हुई है.

जितेंद्र सिंह गंगवार,एडीजी, पुलिस मुख्यालय

पटना: बिहार में मानव तस्करी (Human Trafficking In Bihar) और बाल तस्करी की घटनाएं बढ़ गई हैं. मानव व्यापार निरोधक विषयक एवं बाल श्रम जैसे गंभीर विषय पर बिहार पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. मुख्यालय स्तर पर कमजोर वर्ग अपराध अनुसंधान विभाग निरंतर इस मामले की जांच कर रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार साल 2020 में जहां 75 प्राथमिक दर्ज की गई, वहीं नए साल 2021 में 111 तथा साल 2022 के नवंबर तक कुल 203 मामले दर्ज किए गए हैं.

ये भी पढ़ें- Bihar Crime: अपराधियों पर शिकंजा कसेगी बिहार पुलिस, साल 2023 में अभियान चलाकर दिलाई जाएगी सजा

बिहार में मानव तस्करी के मामलों में इजाफा : बिहार पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 2020 में 102, वर्ष 2021 में 149 जबकि वर्ष 2022 के नवंबर तक 172 महिलाओं को मुक्त करवाया गया है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार वर्ष 2020 में 79, वर्ष 2021 में 225 जबकि 2022 के नवंबर महीने तक 365 पुरुषों को मुक्त कराया गया है. वहीं वर्ष 2020 में 247, वर्ष 2021 में 331 जबकि 2022 के नवंबर तक 350 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है.

मानव तस्करी को लेकर पुलिस सख्त : गौरतलब है कि महिलाओं और बच्चों से संबंधित साइबर अपराध की रोकथाम के लिए साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट विमेन एंड चाइल्ड सेल की स्थापना आर्थिक अपराध इकाई बिहार पटना के द्वारा की गई थी. जिसमें किशोरियों में महिलाओं में जागरूकता के लिए अभियान चलाकर महिला महाविद्यालय, कन्या विद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों में सशक्तिकरण सभा का भी आयोजन किया जा रहा है.

मानव तस्करों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई : बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों की बात करें तो साल 2020 में 92 कांड दर्ज किया गय. जिसमें 126 अपराधियों को सजा दिलवाई गई. साल 2021 में 270 मामले दर्ज कर 317 अपराधियों को सजा दिलाई गई. इनमें चार को मौत की सजा हुई. साल 2022 में 526 मामले दर्ज कर 649 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. जिसमें 5 अपराधी को मौत की सजा बाकी को आजीवन कारावास और 10 वर्ष की सजा हुई है.

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