पटना: वर्तमान समय में कोरोना का कहर जारी है. बहुत से लोग घर पर रहकर ही परिवार के साथ समय बिता रहे हैं. ऐसे में योगा को कोरोना काल में काफी आवश्यक बताया जा रहा है. पतंजलि योगपीठ के योगाचार्य अजीत कुमार का मानना है कि कोरोना काल के दौरान योगासन करना कोरोना मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है.
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फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए योग
योगाचार्य अजीत कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण का पहला असर हमारे फेफड़ों पर होता है. ऐसे में हमारा फेफड़ा संक्रमित ना हो. अगर संक्रमण हो गया है तो इससे मुक्त कैसे हों, इसके लिए सबसे सरल प्राणायाम है अनुलोम-विलोम. इसमें हम डीप ब्रीदिंग करते हैं और इसके लिए हमें दाएं नासिका को पहले अंगूठे से बंद कर बाएं नासिका से श्वास लेना होगा और फिर दाईं नासिका से श्वास छोड़ना होगा. इसी प्रकार से हमें बाईं नासिका को बंद करना होगा और दाईं नासिका से श्वास लेकर बाईं नासिका से छोड़ना होगा. इस योग पद्धति से हम पूरे प्रकृति से अपने लंग्स को हवा आसानी से देते हैं.
कपालभाति से होगा फायदा
योगाचार्य अजीत कुमार ने बताया कि दूसरा जो योगासन है वह कपालभाति है. इस योग प्रक्रिया में हम जोर-जोर से श्वास बाहर छोड़ते हैं और इससे हमारी फेफड़े की स्ट्रेचिंग होती है. कोरोना संक्रमण से व्यक्ति के फेफड़े की स्ट्रेचिंग क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में यह योगा कोरोना मरीजों के लिए काफी मददगार है.
'तीसरा योगा जो है वह हमारे रेस्पिरेट्री सिस्टम को मजबूत बनाने वाला योगा अभ्यास है. इसके लिए हम उष्टासन कर सकते हैं, मकरासन कर सकते हैं, यह बहुत आसान है. इसके अलावा वक्ष विकास आसन भी कर सकते हैं. इस प्रक्रिया के लिए श्वास भड़ते हुए बाहें फैलाए और फिर श्वास छोड़ते हुए बाहें सामने लाएं. ऐसे छोटे-छोटे योगाभ्यास हमारे फेफड़े की सांस लेने की क्षमता को बढ़ाती है.'- वैद्य अजीत कुमार, योगाचार्य, राज्य प्रभारी, बिहार- झारखंड, पतंजलि योगपीठ
'योग के साथ ही खान-पान का रखें ध्यान'
योगाचार्य अजीत कुमार ने बताया कि कोरोना मरीजों के लिए इन योग आसन के अलावे कुछ आहार पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसके लिए सुबह सुबह खाली पेट दो लहसुन की कली सेवन करें क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट है. साथ ही दूध प्रतिदिन पिए और इसमें हल्दी डालकर पिए. इसके अलावा सुबह में प्रतिदिन गिलोय और अश्वगंधा का काढ़ा जरूर पिए.
चाय पीने की आदत है तो चाय में तुलसी पत्ता डालकर खौलाकर पिएं. इसके अलावे आयुर्वेद में वर्णित इम्यूनिटी बूस्टर जो दवाइयां हैं वह डॉक्टरों के परामर्श पर लेना चाहिए. पीने के लिए हमेशा गुनगुने पानी का प्रयोग करना चाहिए. अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज इस दिनचर्या को अपने संक्रमण के शुरुआती दिनों से ही अपनाता है तो निश्चित रूप से 7 से 8 दिनों में वह खुद को स्वस्थ बना सकता है.