पटनाः होली का समय चल रहा है और 8 मार्च को होली है. ऐसे में रंग गुलाल और अबीर खेलने का दौर शुरू हो गया है. रंग गुलाल खेलने के दौरान कई लोगों को इस स्किन से जुड़ी समस्या होने लग रही हैं. ऐसे में पीएमसीएच के चर्म रोग विभाग के प्राध्यापक और प्रख्यात चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विकास शंकर बता रहे हैं कि होली के दौरान कैसे अपने स्किन का ख्याल रखेंगे और अगर रंग पानी से धोने पर नहीं उतर रहा है तो क्या उपाय करेंगे.
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होली पर ऑर्गेनिक अबीर गुलाल खरीदेंः डॉ विकास शंकर बताते हैं कि होली को लेकर जब रंग और अबीर खरीदने जाते हैं, तो दो चीजों का ध्यान रखें, केमिकल कलर्स को अवॉइड करें और ऑर्गेनिक अबीर गुलाल ही खरीदें. केमिकल कलर्स जिसमें लीड की मात्रा अधिक होती है उसे पहचानने का तरीका है कि हाथ से उसे एक बार टच करें और यदि वह रुखड़ा अधिक है तो वह केमिकल युक्त कलर है और हानिकारक है. यदि मुलायम है तो समझिए ऑर्गेनिक है. इसके अलावा किसी को रंग और गुलाल लगा रहे हैं तो जबरदस्ती ना करें, अगर कोई कह रहा है कि इस गुलाल से उन्हें परेशानी हो रही है तो छोड़ दें और उस व्यक्ति को ठंडे पानी से चेहरा धोने को कहें.
पिछले साल का रखा हुवा रंग इस्तेमाल ना करेंः डॉ विकास शंकर ने बताया कि होली के समय कई लोग पिछले साल के रखे हुए रंग और अबीर को इस्तेमाल करने लगते हैं, ऐसा बिल्कुल ना करें. यह इसलिए क्योंकि यह रंग एक्सपायर हो चुके होते हैं और आप जिसे लगाएंगे उसके स्किन पर इससे एलर्जी हो सकती है. कोशिश करें कि फूलों से होली खेले, ऑर्गेनिक कलर्स से होली खेले और घर में फूलों को मिलाकर एक अलग रंग तैयार करें और उसे होली खेले. डॉ विकास शंकर ने बताया कि पोस्ट कोविड कई लोगों को अभी भी सांस से जुड़ी समस्याएं रह गई है, ऐसे लोगों को फेफड़ों में संक्रमण जल्दी-जल्दी हो रहा है. ऐसे लोगों को अबीर गुलाल उड़ाकर खेलने की जरूरत नहीं है और जहां अबीर गुलाल उड़ाकर खेले जा रहे हैं वहां ना जाएं क्योंकि सीओपीडी की समस्या बढ़ सकती है. सांस लेने में तकलीफ बढ़ सकती है.
"होली के समय अपने स्किन का ख्याल रखने के लिए जरूरी है कि होली से 3-4 दिन पहले से ही पूरे शरीर में अच्छे से तेल का लेप लगाना शुरू कर दें. त्वचा पर अलमेंड ऑयल, ऑलिव ऑयल अथवा वर्जिन कोकोनोट ऑयल का लेप लगाएं या अच्छे क्वालिटी के मॉइस्चराइजर का प्रयोग करना शुरू कर दें. इसके साथ साथ प्रचुर मात्रा में पानी पिए ताकि त्वचा पूरी तरह हाइड्रेटेड रहे. बालों में भी होली के दो-तीन दिन पहले से तेल का मसाज शुरू कर दें और ध्यान रखें कि शैंपू ना करें. अगर दो-तीन दिन पहले से बालों में तेल का मसाज कर रहे हैं तो सिर पर तेल का एक लेप चढ़ जाता है और होली के दिन रंग गुलाल अबीर खेलने के बाद जब आप शैंपू करते हैं तो आसानी से रंग और अबीर धुल जाता है"- डॉक्टर विकास शंकर, चर्म रोग विशेषज्ञ
होली से पहले नाखून पर नेल पॉलिश लगा लेंः इसके अलावा कई लोगों के नाखून में रंग अधिक दिनों तक चढ़ा रह जाता है, इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं नाखून पर नेल पॉलिश चढ़ा लें और होली के बाद उसे नेल पॉलिश रिमूवर से साफ कर लें. पुरुषों के लिए वह कहेंगे कि रंग अबीर खेलते वक्त नाखून पर वैसलीन का लेप चढ़ा लें. इसके अलावा जब रंग खेलने जाए तो चेहरे पर 15 से 30 एसपीएफ का सनस्क्रीन क्रीम लगा ले. डॉ विकास शंकर ने बताया कि होली के समय रंग अबीर खेलने के बाद जल्दी रंग नहीं छूटता है तो कई लोग उसे काफी रगड़ने लगते हैं, जिससे त्वचा से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं. साबुन से एक से दो बार धो लें और उसे रगड़े नहीं. जितना रंग छूटता है छूट जाने दे और यदि रंग नहीं छूटता है तो चिंता ना करें . खूब पानी पिए आप देखेंगे कि दो-तीन दिन में त्वचा का पूरा रंग उतर गया है. त्वचा हाइड्रेटेड रहेगी तो रंग आसानी से त्वचा से उतर जाएगा.
होली पर आंखों को ऐसे बचाएंः इसके अलावा रंग गुलाल खेलते वक्त आंखों को बचाएं, आंखों में यदि रंग और गुलाल चला जाता है तो तुरंत ठंडे पानी से आंखों को धोएं, अगर आंखों में जलन की समस्या बनती है तो जल्द से जल्द नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें. इसके अलावा यदि किसी को रंग गुलाल खेलने के बाद त्वचा फटने की शिकायत खुजली की शिकायत दिया त्वचा पर दाना निकलने की शिकायत आती है तो उस पर मॉइश्चराइजर अथवा वर्जिन कोकोनट आयल लगाकर त्वचा को मुलायम करें और फिर भी समस्या बरकरार रहती है तो किसी नजदीकी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जाकर चर्म रोग विभाग में दिखाएं. किसी चर्म रोग विशेषज्ञ के पास जाकर दिखाएं और खुद से मेडिकेशन ना करें. इसके अलावा होली प्यार भाईचारा का त्यौहार है, किसी के साथ बिना जबरदस्ती की है खूब प्यार उत्साह और उमंग से होली मनाएं.