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पिछले साल से कितना अलग बिहार बजट 2021-22, देखें रिपोर्ट

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Published : Feb 23, 2021, 11:13 PM IST

वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार विधानसभा में बजट पेश किया. उन्होंने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2 लाख 18 हजार 303 करोड़ रुपये का बजट पेश किया.

पटना
पटना

पटना: सोमवार को राज्य के वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2021-22 का बजट पेश किया. जैसी उम्मीद लगायी जा रही थी ठीक उसी प्रकार का कमोबेश बजट रहा.

ये भी पढ़ें- सीएम नीतीश का नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी पर तंज, 'जब हम केन्द्र में थे तो आप गोद में थे'

हर बार कि तरह इस बार भी शिक्षा का बजट सबसे ज्यादा रखा गया. आधरभूत संरचना और सात निश्चय पार्ट 2 पर जोर दिया गया. लोग सहसा ही अटकले लगा रहे हैं कि आखिर फिछली बार की बजट से इस बार का बजट कितना अलग रहा.

वैसे तो पिछली बार यानी 2020-21 के बजट से महज 8 हजार करोड़ का ज्यादा बजट पेश किया गया. पर इसमें सबसे अहम रहा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर और गोवंश विकास संस्थान के लिए बजट.

देखिए रिपोर्ट

अगर कोई पुरुष युवा स्टार्ट अप करना चाहता है तो उसे 10 लाख का लोन दिया जाएगा. इसमें 5 लाख के अनुदान पर कोई टैक्स नहीं और अगले पांच लाख पर सिर्फ एक प्रतिशत का टैक्स. वहीं अगर कोई महिला ऐसा करती है तो बिना टैक्स उन्हें लोन उपलब्ध कराया जाएगा.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी की मांग- कृषि मंत्री को बर्खास्त करें CM, अमरेंद्र ने कहा- उनकी समझदारी को नहीं दे सकता चुनौती

शेरो-शायरी से तारकिशोर ने बहुत कुछ कहा:-

''नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते हैं, सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते हैं, कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं, दिशा को बदलो तो किनारे खुद-ब-खुद बदल जाते हैं''

''बाधाएं आती हैं आएं घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पांवों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों से हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा, कदम मिलाकर चलना होगा''

बजट : किसे कितना मिला

  • शिक्षा विभाग के लिए सबसे अधिक 38035.93 करोड़
  • पेंशन मद में 21817.14 करोड़ की व्यवस्था
  • ग्रामीण विकास विभाग के लिए 16409.66 करोड़
  • सूद भुगतान के लिये 14517.41 करोड़ की व्यवस्था
  • गृह विभाग के लिये 13973.25 करोड़
  • स्वास्थ्य विभाग के लिए 13264.87 करोड़
  • पंचायती राज के लिए 9544.93 करोड़
  • ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 9424.14 करोड़
  • ऊर्जा विभाग के लिए 8560 करोड़
  • समाज कल्याण के लिए 8159.15 करोड़
  • नगर विकास आवास विभाग के लिए 7767.13 करोड़
  • पथ निर्माण के लिए 5803.60 करोड़
  • भवन निर्माण के लिए 5321.41 करोड़
  • जल संसाधन के लिए 4074.38 करोड़
  • कृषि विभाग के लिए 3335.47 करोड़
  • उद्योग विभाग के लिए 1285.17 करोड़
  • मछली उत्पादन की योजना के लिए 500 करोड़
  • गौवंश विकास संस्थान की स्थापना के लिए 500 करोड़
  • वाटर ड्रेनेज के लिए 450 करोड़ का प्रावधान
  • बाल हृदय योजनाओं के लिये 300 करोड़
  • शहरी क्षेत्र में बाईपास निर्माण के लिए 200 करोड़

पटना: सोमवार को राज्य के वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2021-22 का बजट पेश किया. जैसी उम्मीद लगायी जा रही थी ठीक उसी प्रकार का कमोबेश बजट रहा.

ये भी पढ़ें- सीएम नीतीश का नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी पर तंज, 'जब हम केन्द्र में थे तो आप गोद में थे'

हर बार कि तरह इस बार भी शिक्षा का बजट सबसे ज्यादा रखा गया. आधरभूत संरचना और सात निश्चय पार्ट 2 पर जोर दिया गया. लोग सहसा ही अटकले लगा रहे हैं कि आखिर फिछली बार की बजट से इस बार का बजट कितना अलग रहा.

वैसे तो पिछली बार यानी 2020-21 के बजट से महज 8 हजार करोड़ का ज्यादा बजट पेश किया गया. पर इसमें सबसे अहम रहा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर और गोवंश विकास संस्थान के लिए बजट.

देखिए रिपोर्ट

अगर कोई पुरुष युवा स्टार्ट अप करना चाहता है तो उसे 10 लाख का लोन दिया जाएगा. इसमें 5 लाख के अनुदान पर कोई टैक्स नहीं और अगले पांच लाख पर सिर्फ एक प्रतिशत का टैक्स. वहीं अगर कोई महिला ऐसा करती है तो बिना टैक्स उन्हें लोन उपलब्ध कराया जाएगा.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी की मांग- कृषि मंत्री को बर्खास्त करें CM, अमरेंद्र ने कहा- उनकी समझदारी को नहीं दे सकता चुनौती

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''नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते हैं, सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते हैं, कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं, दिशा को बदलो तो किनारे खुद-ब-खुद बदल जाते हैं''

''बाधाएं आती हैं आएं घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पांवों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों से हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा, कदम मिलाकर चलना होगा''

बजट : किसे कितना मिला

  • शिक्षा विभाग के लिए सबसे अधिक 38035.93 करोड़
  • पेंशन मद में 21817.14 करोड़ की व्यवस्था
  • ग्रामीण विकास विभाग के लिए 16409.66 करोड़
  • सूद भुगतान के लिये 14517.41 करोड़ की व्यवस्था
  • गृह विभाग के लिये 13973.25 करोड़
  • स्वास्थ्य विभाग के लिए 13264.87 करोड़
  • पंचायती राज के लिए 9544.93 करोड़
  • ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 9424.14 करोड़
  • ऊर्जा विभाग के लिए 8560 करोड़
  • समाज कल्याण के लिए 8159.15 करोड़
  • नगर विकास आवास विभाग के लिए 7767.13 करोड़
  • पथ निर्माण के लिए 5803.60 करोड़
  • भवन निर्माण के लिए 5321.41 करोड़
  • जल संसाधन के लिए 4074.38 करोड़
  • कृषि विभाग के लिए 3335.47 करोड़
  • उद्योग विभाग के लिए 1285.17 करोड़
  • मछली उत्पादन की योजना के लिए 500 करोड़
  • गौवंश विकास संस्थान की स्थापना के लिए 500 करोड़
  • वाटर ड्रेनेज के लिए 450 करोड़ का प्रावधान
  • बाल हृदय योजनाओं के लिये 300 करोड़
  • शहरी क्षेत्र में बाईपास निर्माण के लिए 200 करोड़
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