पटनाः बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने जरूरी दवाओं की संख्या 378 से बढ़ाकर 611 कर दिया है. सभी अस्पतालों में इन दवाओं को निःशुल्क वितरण का निर्देश दिया है. इसके साथ ही बिहार स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के 38 जिलों में 1185 नए अस्पताल बनाने की घोषणा की है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो 620 अस्पताल साल के अंत तक तैयार हो जाएगी. 565 अस्पतालों की भूमि अधिग्रहण पर तेजी से काम चल रहा है.
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हर विधानसभा क्षेत्र में 5-5 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनेगाः स्वास्थ्य विभाग की माने तो 21.75 करोड़ की लागत से प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में 5-5 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर और एक-एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी निर्माण होगा. स्वास्थ विभाग के वरीय अधिकारियों का कहना है कि लोगों को टेलीमेडिसिन से जोड़ने के लिए ई संजीवनी OPD एप्लीकेशन सुचारू ढंग से काम कर रहा है. इस एप्लीकेशन को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सोमवार से शनिवार सुबह 9:00 से शाम 4:00 के बीच ओपीडी पर्ची कटा नए रोगी अपना पंजीकरण कर टोकन प्राप्त करेंगे. समय आने पर उन्हें चिकित्सीय परामर्श मिल रहा है.
हृदय रोगियों का प्रदेश में निशुल्क इलाजः स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जन्म से 18 वर्ष तक के बाल हृदय रोगियों का प्रदेश में निशुल्क इलाज चल रहा है और यह इलाज बाल हृदय योजना के अंतर्गत चल रहा है. बच्चों महिंद्र संबंधित समस्याओं के प्रमुख लक्षण हैं. सांस फूलना एवं धड़कन तेज चलना, अत्यधिक रोना, शरीर होटेव अजीब का नीला पड़ जाना, वजन नहीं बढ़ना, रुक रुक कर दूध पीना, अत्यधिक थकावट महसूस करना और पैर और आपके पास फूल जाना.
अस्पतालों में पोस्टर लगाया जा रहाः स्वास्थ्य विभाग लगातार इस संबंध में अस्पतालों में पोस्टर लगाया जा रहा. ताकि ऐसे लक्षण दिखने पर बच्चों के इलाज के लिए अभिभावक नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय परामर्श ले सकेंगे. इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सुबह 9:00 से दोपहर 2:00 के बीच ओपीडी पूर्व की भांति चल रही है. इसके अलावा शाम के समय 3:00 से 5:00 के बीच भी शीतकालीन ओपीडी चल रही है.