पटना: दानापुर स्थित बिहार रेजिमेंट सेंटर में बुधवार को भारत-चीन की सीमा गलवान के बलवान शहीदों के लिये सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्यालय झारखंड-बिहार सब एरिया के तत्वावधान में यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया.
आश्रितों को किया गया शामिल
दानापुर स्थित बिहार रेजिमेंट सेंटर में आयोजित सम्मान समारोह 70वें पैदल सेना दिवस के मौके पर आयोजित की गई थी. इस सम्मान समारोह में 16 बिहार रेजिमेंट के सभी 12 गलवान के बलवान वीर शहीदों के उत्तराधिकारी और आश्रितों को पहली बार शामिल किया गया. साथ ही 16 बिहार रेजिमेंट के शहिद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी. संतोष बाबू की पत्नी भी शामिल हुईं.
वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि
इस सम्मान समारोह की शुरुआत वीर शहीदों के उत्तराधिकारी को बिहार रेजिमेंट के बिग्रेडियर आलोक खुराना ने वीर स्मृति में वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के साथ की. इसके बाद अखौडा ऑडिटोरियम में वीर नारियों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर अखौड़ा ऑडिटोरियम में सम्मान समारोह में सेना के मुख्य और सिनियर अधिकारी मौजूद रहे.
उत्तराधिकारियों का किया गया स्वागत
कार्यक्रम में युद्ध सेवा मेडल, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मुख्यालय झारखंड और बिहार सब एरिया मेजर जनरल राजपाल पुनिया मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. इस समारोह के शुरूआत में सभी वीर शहीदों के उत्तराधिकारियों का स्वागत किया गया. उसके बाद ब्रिगेडियर आलोक खुराना, समादेष्टा बिहार रेजिमेंट केंद्र ने सभी वीर शहीदों के उत्तराधिकारियों को सम्मानित किया.
शहीदों की कुर्बानी नहीं होगी व्यर्थ
इस विशेष सम्मान समारोह के समापन में मुख्य अतिथि मेजर जनरल राजपाल पुनिया ने सभी को सम्बोधित किया. उन्होंने गलवान के बलवान वीर शहीदों की वीरता और पराक्रम का गुणगान करते हुये बताया कि गलवान में शहीद हुए शहीदों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी. चाइना आज बैक फुट पर है. आगे भी बैकफुट पर रहेगा.
शहीदों ने शहादत दी है. वह व्यर्थ नहीं जाएगी, यह मैं देश को भरोसा दिलाता हूं. साथ ही देशवासियों से गुजारिश करता हूं जिस-जिस प्रांत से हमारे शहीद हुए हैं, उनको भुलाए नहीं, उनको याद रखें. उन्होंने देश के भविष्य के लिए अपनी कुर्बानी दी है.
देश की रक्षा के लिए दी जान
इस सम्मान समारोह में गलवान में शहीद हुए कर्नल बी.संतोष बाबू की पत्नी बी.संतोषी ने बताया कि उस दिन गलवान घाटी में जो लोग शहीद हुए, सारे शहीदों ने देश के लिए अच्छा काम किया है. हम सब को पता है कि परिवार के लिए दुख की बात है. लेकिन खुशी भी है कि सारे लोग भारत मां की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी. यह कहते हुए वो रो पड़ीं.
ऑडिटोरियम हॉल में गलवान के शहीदों के लिए इस सम्मान समारोह में पहुंचे शहीदों के आश्रितों ने अपने-अपने वीर सपूतों और पति को याद कर एक बार फिर उनकी आंखों में आंसू आ गये. वहीं दूसरी तरफ इस सम्मान के बाद उन्हें गर्व भी महसूस हुआ.