पटना : बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार बिहार में कार्यक्रम कर रहे हैं अब तक छह बार कार्यक्रम कर चुके हैं सीमांचल मिथिलांचल मगध जैसे महत्वपूर्ण इलाकों में जनसभा कर चुके हैं क्योंकि इन इलाकों में महागठबंधन मजबूत स्थिति में है. वहीं इस बार झंझारपुर रैली में अमित शाह के तेवर नीतीश कुमार के लिए बदले-बदले से नजर आ रहे थे.
ये भी पढ़ें : Bihar Politics: तेल पानी से लेकर बिहार में समय से पहले चुनाव के शाह के बयान पर सियासत, महागठबंधन ने दिया जवाब
नीतीश पर बदले दिखे अमित शाह के सुर : झंझारपुर से पहले जब भी बिहार में अमित शाह का कार्यक्रम हुआ. उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर तल्ख टिप्पणी ही की. यहां तक की बीजेपी का दरवाजा नीतीश कुमार के लिए बंद होने की बात भी करते रहे थे, लेकिन इस बार नीतीश कुमार को सलाह देते नजर आए. हालांकि, जदयू और राजद के नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं कि बीजेपी से नीतीश कुमार की नजदीकियां बढ़ रही है.
अमित शाह के कार्यक्रम के बाद चर्चाएं तेज : राष्ट्रपति के भोज में नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिहार में पहला कार्यक्रम हो रहा था. पहले से ही नीतीश और नरेंद्र मोदी की मुलाकात पर कई तरह के कयास लग रहे थे और इस बार अमित शाह ने झंझारपुर में अपने संबोधन में नीतीश कुमार पर खुलकर अटैक नहीं किया, सिर्फ सलाह देते नजर आए. इस कारण राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा शुरू है.
हर बार दिखी तल्खी, इस बार थोड़े नरम : बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद लगातार अमित शाह का दौरा हुआ है और नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोलते रहे हैं इस बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बार नीतीश कुमार को कई तरह की सलाह देते दिखे यह भी कहा कि लालू प्रसाद एक्टिव हो गए हैं. नीतीश कुमार इनएक्टिव. उन्होंने आरजेडी और जेडीयू का मिलन उसी तरह है जैसे तेल और पानी का मिलना है जो कभी मिल नहीं सकता है.
जेडीयू ने नजदीकियों से किया इंकार : ऐसे में नीतीश कुमार के नजदीकी और जदयू के एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि नीतीश कुमार में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इंडिया गठबंधन को उन्होंने आकार दिया है. पटना बेंगलुरु और मुंबई में बैठक हो चुकी है. अमित शाह के तेवर बदलने पर संजय गांधी ने कहा कि "उनका हो सकता है लेकिन मुख्यमंत्री तो इंडिया के माध्यम से बीजेपी को 2024 में सत्ता से बाहर करने में लगे हैं".
"नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव पानी और चीनी की तरह है जो मिलकर केवल मिठास देने का काम कर रहे हैं, बल्कि समाज के निर्माण में महत्व भूमिका निभा रहे हैं. जिस प्रकार से बिहार में महागठबंधन ने बीजेपी को सत्ता से बाहर किया है. इंडिया गठबंधन के माध्यम से केंद्र से भी बीजेपी को बाहर करेगी".- एजाज अहमद, प्रवक्ता आरजेडी
जल्दबाजी में नीतीश कुमार नहीं लेते फैसला : वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ प्रियरंजन भारती का कहना है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. नीतीश कुमार क्या फैसला लेंगे यह कोई नहीं जानता है लेकिन फिलहाल जल्दबाजी में कोई बड़ा फैसला लेंगे इसकी संभावना कम है. क्योंकि विपक्ष को एकजुट करने का अभियान उन्होंने ही शुरू किया है. अभी चुनाव में समय भी है. ऐसे में नीतीश कुमार राष्ट्रपति के भोज में जिस प्रकार से प्रधानमंत्री से मुलाकात की है साफ दिख रहा है कि इंडिया गठबंधन को भी मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं.
"बीजेपी के लिए बिहार में नीतीश कुमार ही चेहरा रहे हैं. 2015 में बीजेपी देख चुकी है कि नीतीश कुमार के बिना उसे कितना नुकसान हुआ था और भाजपा नेताओं में कहीं ना कहीं इसको लेकर चिंता जरूर है. इसके साथ यह भी सच्चाई है कि नीतीश कुमार जिस गठबंधन में रहते हैं उसके अलावा दूसरे गठबंधन के लिए भी अपने लिए जगह बनाकर रखते रहे हैं".- प्रियरंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ