पटना: मंगलवार को बिहार विधानसभा में उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बिहार का बजट पेश किया. इस बजट में सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है. 2020-21 का बजट 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ रुपये का रहा.
'हर बार चुनौतियों को ऐसे हराते हैं हम, जख्म जितना भी गहरा हो मुस्कुराते हैं हम.' इस शायराना अंदाज के साथ बिहार विधानसभा में उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बजट पेश किया. बजट में शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा 35 हजार 191 करोड़ का बजट रखा गया है. वहीं, इस बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए 10 हजार 937 करोड़ का प्रावधान किया गया है. बजट 2020-21 की अहम बातें:
सड़क निर्माण :
वित्तीय वर्ष 2020-21 में नीतीश सरकार सड़क निर्माण पर 17, 435 करोड़ रुपये खर्च करेगी. ताकि राज्य के सड़कों की स्थिति में सुधार हो सके.
कृषि में लाभ :
2020-21 का बजट चुनावी बजट रहा. इसमें कृषि को खास महत्व दिया गया. अब किसानों को सस्ती बिजली और कई योजनाओं का लाभ मिलेगा. जिसमें डीजल अनुदान पर 3 हजार 342 करोड़, सूखा पीड़ितों को 314 करोड़, 12 जिलों में जैविक कृषि प्रोत्साहन योजना, किसानों को सस्ती बिजली देने का प्रवधान, राज्य में मौसम के अनुसार खेती पर जोर दिया जाएगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास :
इस साल के बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए 15 हजार 955 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. साथ ही पंचायती राज पर 10 हजार 615 करोड़ का व्यय अनुमानित रखा है. ताकि गांवों की स्थिति सुधरे.
नगर विकास :
बजट 2020-21 में नगर विकास एवं आवास पर 7 हजार 213 करोड़ रुपये व्यय अनुमानित राशि रखी गई है. जिससे शहरों के विकास में तेजी लाई जा सके.
स्वास्थ्य क्षेत्र :
स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए 10 हजार 937 करोड़ का बजट पेश किया गया. जिसके तहत प्रदेश में कई मेडिकल कॉलेज और संस्थान खोले जाएंगे. इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, शेखपुरा, पटना (आईजीआईएमएस) को सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करने की बात कही गई है.
शिक्षा :
बजट में इस बार शिक्षा को लेकर कुछ अहम घोषणाएं की गई. शिक्षा के क्षेत्र में 35 हजार 191 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है. उन्नयन योजना के तहत शिक्षा के क्षेत्र में विकास किया जाएगा.
जल, जीवन, हरियाली पर खास ध्यान :
सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल-जीवन हरियाली के लिए भी इसमें प्रावधान किया गया है. इस अभियान पर सरकार 1 हजार 567 करोड़ की राशि खर्च करने वाली है. इस साल चुनावी साल भी है, ऐसे में बजट में जल जीवन हरियाली अभियान की छाप साफ देखने को मिली है. सरकार ने शिक्षा कृषि और स्वास्थ्य के साथ मुख्य रूप से जल जीवन हरियाली पर फोकस किया है.