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Dead Body Thrown In River: हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, कहा-'पुलिस को संवेदनशील बनाने की पहल करे सरकार'

मुजफ्फरपुर में पुलिस द्वारा एक शव को नदी में फेंके जाने के मामले में बिहार सरकार की किरकिरी हो रही है. इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को कुछ कड़े निर्देश दिये हैं. हालांकि महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. पढ़ें, विस्तार से.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 9, 2023, 8:56 PM IST

Updated : Oct 9, 2023, 9:10 PM IST

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पटनाः पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटना में मारे गये शख्स के शव को बगैर अस्पताल पहुंचाए नदी में फेंके जाने के मामले पर कड़ी आपत्ति जतायी है. कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को दिशा निर्देश जारी करने के लिए कहा है. चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन एवं जस्टिस राजीव रॉय की खंडपीठ ने इस मामले पर राज्य सरकार से कहा कि राज्य की पुलिस को संवेदनशील बनाने हेतु तमाम कदम उठाने चाहिए.

इसे भी पढ़ेंः ADG Jitendra Singh Gangwar: मुजफ्फरपुर में लाश फेंकनेवाले 3 पुलिसकर्मी निलंबित, साइबर अपराधियों को दी सलाह

महाधिवक्ता ने कार्रवाई के बारे में बतायाः सुनवाई के दौरान कोर्ट में महाधिवक्ता पीके शाही एवं राज्य सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल डा. केएन सिंह उपस्थित थे. महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सरकार द्वारा संज्ञान लिया जा चुका है और दोषी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हाई कोर्ट ने बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया, जिसमें कोविड के दौरान शवों को नदी में बहाए जाने की बात उजागर हुई थी.

क्या है मुजफ्फरपुर वाला मामलाः बिहार के मुजफ्फरपुर के फकूली ओपी क्षेत्र के मुजफ्फरपुर-पटना मुख्य मार्ग 22 (NH-22) स्थित ढोढ़ी नहर पुल के पास रविवार की सुबह एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. दुर्घटना की सूचना मिलने पर फकूली ओपी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. दुर्घटना इतनी भयावह थी कि मानव शरीर के हिस्से इधर-उधर बिखरे पड़े थे. कुछ तो सड़क पर चिपक गए थे. बताया जाता है कि पुलिस टीम वहां पहुंचकर दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के शव को उठाकर नदी में फेंक दिया और शव के कुछ हिस्से को सुरक्षित जांच के लिए रख लिया. किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.

पुलिस की कार्यशैली पर उठे थे सवाल : वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि तीन पुलिस कर्मी सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के डेड बॉडी के पार्ट को नहर में फेंक रहे हैं. सवाल यह है कि जब सब कुछ उठा लिया गया तो पोस्टमार्टम के बदले मृतक की बॉडी को पुलिस ने इतनी क्रूरता से नहर में क्यों फेंक दिया. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग की कार्यशैली के ऊपर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. इस तरह फजीहत होते देख पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी थी.

तीन पुलिसवालों पर गिरी गाजः मुजफ्फरपुर में 8 अक्टूबर को सड़क हादसे में मृत व्यक्ति के शव के कुछ हिस्से को पुलिस ने नहर में फेंक दिया गया था. इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल होने लगा. इसके बाद इस कृत्य में शामिल एक सिपाही चालक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. जबकि अन्य दो होमगार्ड के जवान को उनकी सेवा से बर्खास्त करने की तैयारी की जा रही है. एक पुलिस पदाधिकारी जिनकी वहां ड्यूटी लगी थी मगर वह मौके पर मौजूद नहीं था, उससे स्पष्टीकरण पूछा गया है.

पटनाः पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटना में मारे गये शख्स के शव को बगैर अस्पताल पहुंचाए नदी में फेंके जाने के मामले पर कड़ी आपत्ति जतायी है. कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को दिशा निर्देश जारी करने के लिए कहा है. चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन एवं जस्टिस राजीव रॉय की खंडपीठ ने इस मामले पर राज्य सरकार से कहा कि राज्य की पुलिस को संवेदनशील बनाने हेतु तमाम कदम उठाने चाहिए.

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महाधिवक्ता ने कार्रवाई के बारे में बतायाः सुनवाई के दौरान कोर्ट में महाधिवक्ता पीके शाही एवं राज्य सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल डा. केएन सिंह उपस्थित थे. महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सरकार द्वारा संज्ञान लिया जा चुका है और दोषी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हाई कोर्ट ने बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया, जिसमें कोविड के दौरान शवों को नदी में बहाए जाने की बात उजागर हुई थी.

क्या है मुजफ्फरपुर वाला मामलाः बिहार के मुजफ्फरपुर के फकूली ओपी क्षेत्र के मुजफ्फरपुर-पटना मुख्य मार्ग 22 (NH-22) स्थित ढोढ़ी नहर पुल के पास रविवार की सुबह एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. दुर्घटना की सूचना मिलने पर फकूली ओपी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. दुर्घटना इतनी भयावह थी कि मानव शरीर के हिस्से इधर-उधर बिखरे पड़े थे. कुछ तो सड़क पर चिपक गए थे. बताया जाता है कि पुलिस टीम वहां पहुंचकर दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के शव को उठाकर नदी में फेंक दिया और शव के कुछ हिस्से को सुरक्षित जांच के लिए रख लिया. किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.

पुलिस की कार्यशैली पर उठे थे सवाल : वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि तीन पुलिस कर्मी सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के डेड बॉडी के पार्ट को नहर में फेंक रहे हैं. सवाल यह है कि जब सब कुछ उठा लिया गया तो पोस्टमार्टम के बदले मृतक की बॉडी को पुलिस ने इतनी क्रूरता से नहर में क्यों फेंक दिया. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग की कार्यशैली के ऊपर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. इस तरह फजीहत होते देख पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी थी.

तीन पुलिसवालों पर गिरी गाजः मुजफ्फरपुर में 8 अक्टूबर को सड़क हादसे में मृत व्यक्ति के शव के कुछ हिस्से को पुलिस ने नहर में फेंक दिया गया था. इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल होने लगा. इसके बाद इस कृत्य में शामिल एक सिपाही चालक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. जबकि अन्य दो होमगार्ड के जवान को उनकी सेवा से बर्खास्त करने की तैयारी की जा रही है. एक पुलिस पदाधिकारी जिनकी वहां ड्यूटी लगी थी मगर वह मौके पर मौजूद नहीं था, उससे स्पष्टीकरण पूछा गया है.

Last Updated : Oct 9, 2023, 9:10 PM IST
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