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बिहार के इन जिलों में भारी बारिश से बिगड़े हालात, लोगों को सता रहा सैलाब का खौफ

बिहार में बाढ़ के बाद धीरे-धीरे लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी थी,इसी बीच आफत की बारिश ने उसे बेपटरी कर दिया. नेपाल के तराई इलाके के साथ-साथ बिहार में हो रही भारी बारिश से कई जिलों पर बाढ़ का खतरा एक बार फिर से मंडराने लगा है. पढ़िए पूरी खबर

Flood in Bihar
Flood in Bihar
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Published : Oct 21, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 7:38 AM IST

पटना: बिहार के कई हिस्सों समेत नेपाल में हो रही लगातार बारिश (Heavy Rain In Bihar) से एक बार फिर से प्रदेश की नदियां उफान पर हैं. उत्तर बिहार में पिछले चार पांच दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इसके कारण एक बार फिर से लोग बाढ़ के खतरे से डरे हुए हैं. सूबे में पांचवीं बार इस तरह के हालात बन रहे हैं. लोगों के जेहन में बाढ़ की विभिषिका की तस्वीरें अभी भी ताजा हैं. उन भयावह तस्वीरों की यादें अभी धुंधली भी नहीं पड़ी, फिर से बाढ़ का डर सताने लगा है. अब तो लोग इंद्रदेव से गुहार लगाकर भी थक चुके हैं. अररिया,सुपौल, किशनगंज में हालात बिगड़ते जा रहे हैं.

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अररिया जिले में लगातार हो रही बारिश (Rain In Araria) से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इसके साथ अब नदियों का कटाव भी शुरू हो गया है. जिसके कारण कई सड़क क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कई लोग अपने ही मकान को तोड़कर हटाने में जुट गए हैं. जोकीहाट के मटियारी पंचायत की सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द बचाव कार्य नहीं किया गया, तो सड़क बर्बाद होगी ही साथ ही साथ पूरा गांव भी बाढ़ की चपेट में आ जाएगा.

देखें वीडियो

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लगातार हो रही बारिश के कारण जोगबनी शहरी इलाके में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. शहर के कई वार्डों में लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने थाने में लगे सायरन को बजाकर लोगों को सतर्क किया.

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वहीं सुपौल जिले में लगातार दो दिनों से सीमावर्ती क्षेत्र और नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी (Kosi River in Supaul) एक बार फिर से उफान पर है. लगातार बारिश (Incessant Rain) जारी रहने और कोसी का डिस्चार्ज बढ़ने से कई गांवों में नदी का पानी फैल गया है. हालात को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है.

यह भी पढ़ें- बाढ़ से नुकसान का आकलन के बहाने मंत्रियों को उतारकर कई निशाने साध रहे नीतीश

पिछले 24 घंटे में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने के क्रम में 02 लाख 69 हजार 150 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया. बराज के 42 फाटक खोल दिये गए. जिस कारण जिले के बाढ़ प्रभावित आधा दर्जन प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में नदी का पानी फैल गया है. पीड़ित परिवार ऊंचे स्थान पर शरण लेने लगे हैं. वहीं, तटबंध के भीतर हजारों एकड़ में लगी धान की फसल जलमग्न हो गई है.

यह भी पढ़ें- न नाव की व्यवस्था.. न कम्युनिटी किचन, 20 दिन से बाढ़ में फंसी सैकड़ों लोगों की जान

इधर किशनगंज जिले के महानंदा, मेची सहित कई नदियां भी खौफनाक रूप धारण किए हुए है. नतीजा ये है कि नदी किनारे स्थित घर-मकान, खेत-खलिहान कटाव की जद में आ रहे हैं. बुधवार को पानी की तेज धार में ठाकुरगंज का एक मंदिर विलीन हो गया. दरअसल, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के रुपादोह वार्ड नंबर-14 स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर मेची और महानंदा नदी के तट पर स्थित था. बीते दिनों हुई बारिश के कारण तटीय इलाकों में लगातार कटाव हो रहे हैं. इसी कड़ी में वर्षों पुराना मां दुर्गा मंदिर देखते ही देखते नदी में विलीन हो गया.

बिहार में मौसम (Bihar Weather) की गतिविधियों में बदलाव देखने को मिल रहा है. बीते कई दिनों से सूबे के अररिया समेत अन्य जिलो में भारी बारिश दर्ज की जा रही है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) ने बिहार के अररिया समेत सात जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है.

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, प्रदेश में कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड से शिफ्ट होकर बिहार के ऊपरी हिस्सों पर बना हुआ है. इसके साथ ही चक्रवाती हवाएं उत्तर प्रदेश से होते हुए बिहार तक बह रही हैं. ऐसे में मौसम विभाग ने बिहार के किशनगंज, कटिहार, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया और अररिया जिले के कई स्थानों हल्की बारिश की संभावना है. जबकि पटना और दक्षिण पश्चिम के जिलों के अलावा दक्षिण मध्य बिहार में मौसम शुष्क रहेगा. वहीं, 23 अक्टूबर से पूरे बिहार में मौसम शुष्क होने का पूर्वानुमान है.

पटना: बिहार के कई हिस्सों समेत नेपाल में हो रही लगातार बारिश (Heavy Rain In Bihar) से एक बार फिर से प्रदेश की नदियां उफान पर हैं. उत्तर बिहार में पिछले चार पांच दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इसके कारण एक बार फिर से लोग बाढ़ के खतरे से डरे हुए हैं. सूबे में पांचवीं बार इस तरह के हालात बन रहे हैं. लोगों के जेहन में बाढ़ की विभिषिका की तस्वीरें अभी भी ताजा हैं. उन भयावह तस्वीरों की यादें अभी धुंधली भी नहीं पड़ी, फिर से बाढ़ का डर सताने लगा है. अब तो लोग इंद्रदेव से गुहार लगाकर भी थक चुके हैं. अररिया,सुपौल, किशनगंज में हालात बिगड़ते जा रहे हैं.

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अररिया जिले में लगातार हो रही बारिश (Rain In Araria) से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इसके साथ अब नदियों का कटाव भी शुरू हो गया है. जिसके कारण कई सड़क क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कई लोग अपने ही मकान को तोड़कर हटाने में जुट गए हैं. जोकीहाट के मटियारी पंचायत की सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द बचाव कार्य नहीं किया गया, तो सड़क बर्बाद होगी ही साथ ही साथ पूरा गांव भी बाढ़ की चपेट में आ जाएगा.

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लगातार हो रही बारिश के कारण जोगबनी शहरी इलाके में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. शहर के कई वार्डों में लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने थाने में लगे सायरन को बजाकर लोगों को सतर्क किया.

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वहीं सुपौल जिले में लगातार दो दिनों से सीमावर्ती क्षेत्र और नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी (Kosi River in Supaul) एक बार फिर से उफान पर है. लगातार बारिश (Incessant Rain) जारी रहने और कोसी का डिस्चार्ज बढ़ने से कई गांवों में नदी का पानी फैल गया है. हालात को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है.

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पिछले 24 घंटे में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने के क्रम में 02 लाख 69 हजार 150 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया. बराज के 42 फाटक खोल दिये गए. जिस कारण जिले के बाढ़ प्रभावित आधा दर्जन प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में नदी का पानी फैल गया है. पीड़ित परिवार ऊंचे स्थान पर शरण लेने लगे हैं. वहीं, तटबंध के भीतर हजारों एकड़ में लगी धान की फसल जलमग्न हो गई है.

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इधर किशनगंज जिले के महानंदा, मेची सहित कई नदियां भी खौफनाक रूप धारण किए हुए है. नतीजा ये है कि नदी किनारे स्थित घर-मकान, खेत-खलिहान कटाव की जद में आ रहे हैं. बुधवार को पानी की तेज धार में ठाकुरगंज का एक मंदिर विलीन हो गया. दरअसल, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के रुपादोह वार्ड नंबर-14 स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर मेची और महानंदा नदी के तट पर स्थित था. बीते दिनों हुई बारिश के कारण तटीय इलाकों में लगातार कटाव हो रहे हैं. इसी कड़ी में वर्षों पुराना मां दुर्गा मंदिर देखते ही देखते नदी में विलीन हो गया.

बिहार में मौसम (Bihar Weather) की गतिविधियों में बदलाव देखने को मिल रहा है. बीते कई दिनों से सूबे के अररिया समेत अन्य जिलो में भारी बारिश दर्ज की जा रही है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) ने बिहार के अररिया समेत सात जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है.

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, प्रदेश में कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड से शिफ्ट होकर बिहार के ऊपरी हिस्सों पर बना हुआ है. इसके साथ ही चक्रवाती हवाएं उत्तर प्रदेश से होते हुए बिहार तक बह रही हैं. ऐसे में मौसम विभाग ने बिहार के किशनगंज, कटिहार, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया और अररिया जिले के कई स्थानों हल्की बारिश की संभावना है. जबकि पटना और दक्षिण पश्चिम के जिलों के अलावा दक्षिण मध्य बिहार में मौसम शुष्क रहेगा. वहीं, 23 अक्टूबर से पूरे बिहार में मौसम शुष्क होने का पूर्वानुमान है.

Last Updated : Oct 22, 2021, 7:38 AM IST
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