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लॉकडाउन में मत्स्य कारोबारियों को हुआ भारी नुकसान, नहीं बिक रहीं मछलियां

कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन में मत्स्य व्यवसायियों को भारी नुकसान हुआ है. मछलियों की बिक्री नहीं हो रही है. इससे फिर से मछली पालन में समस्या आ रही है.

पटना
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Published : Apr 10, 2020, 6:24 PM IST

बाढ़: कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण मछली व्यापारियों में भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. बाजार में मछलियों की बिक्री नहीं होने से तालाबों में ही मछलियां बड़ी हो रही है. इससे मत्स्य पालक काफी चिंतित है.

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लॉकडाउन से मत्स्य व्यवसाय को लगा भारी घाटा

बता दें कि जिले के बूढनपुरा गांव में मछली पालन किया जाता है. हर बार मछली का उत्पादन अच्छी-खासी होती है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण मछली तालाब में ही बड़ी हो रही है. खरीददार नहीं मिल पाने से मछली पालन करने वाले व्यापारियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. मछली पालक महेश सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्टिंग और खरीदारी नहीं होने के कारण मछली तालाब में ही हैं. जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.

पटना
मछली पालने वालों को लॉकडाउन से काफी घाटा हुआ

सरकार से मदद की गुहार
मछली पालकों ने बताया कि इस समय तक मछली तलाब से निकालकर मंडी में बिकने के लिए चली जाती थी. वहीं, तलाब के सुखाने के बाद फिर से पानी डालकर उसमें दोबारा मछली पालन का कार्य शुरू किया जाता था. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते पुरानी मछली ही अभी तक तलाब में पड़ी हुई है. इसके अलावे मत्स्य पालकों ने बताया कि जितनी लागत उन्होंने मछली पालने में लगाया था. उतनी लागत मुल्य भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है. इसी वजह से उनलोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

बाढ़: कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण मछली व्यापारियों में भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. बाजार में मछलियों की बिक्री नहीं होने से तालाबों में ही मछलियां बड़ी हो रही है. इससे मत्स्य पालक काफी चिंतित है.

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लॉकडाउन से मत्स्य व्यवसाय को लगा भारी घाटा

बता दें कि जिले के बूढनपुरा गांव में मछली पालन किया जाता है. हर बार मछली का उत्पादन अच्छी-खासी होती है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण मछली तालाब में ही बड़ी हो रही है. खरीददार नहीं मिल पाने से मछली पालन करने वाले व्यापारियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. मछली पालक महेश सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्टिंग और खरीदारी नहीं होने के कारण मछली तालाब में ही हैं. जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.

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मछली पालने वालों को लॉकडाउन से काफी घाटा हुआ

सरकार से मदद की गुहार
मछली पालकों ने बताया कि इस समय तक मछली तलाब से निकालकर मंडी में बिकने के लिए चली जाती थी. वहीं, तलाब के सुखाने के बाद फिर से पानी डालकर उसमें दोबारा मछली पालन का कार्य शुरू किया जाता था. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते पुरानी मछली ही अभी तक तलाब में पड़ी हुई है. इसके अलावे मत्स्य पालकों ने बताया कि जितनी लागत उन्होंने मछली पालने में लगाया था. उतनी लागत मुल्य भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है. इसी वजह से उनलोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

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