पटना: पटना हाईकोर्ट ने मुख्य नहर के बांध और चार्ट भूमि पर लोगों के द्वारा किये गए कब्जे को जल्द से जल्द हटाने के लिए सूबे की सरकार से उम्मीद जाहिर की है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन खंडपीठ के समक्ष राज किशोर श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई में उक्त आदेश के साथ ही इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.
ये भी पढ़ें: Bihar Shikshak Niyojan: TET शिक्षक संघ ने नई शिक्षक नियमावली रद्द करवाने को लेकर दायर की याचिका
कोर्ट ने दिया था आदेश: पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने हाईकोर्ट द्वारा विगत 5 मई 2023 को इस मामले में पारित किए गए आदेश का हवाला दिया था. उन्होंने बताया कि दानापुर के अंचलाधिकारी ने अन्य बातों के अलावा चार सप्ताह में कम से कम 70 फीसदी अतिक्रमण को हटाने की बात कही थी. इस बीच कोर्ट ने राज्य सरकार को विकल्प तलाशने को भी कहा था.
कार्यपालक अभियंता ने लिखा था पत्र: उन्होंने बताया कि इस नहर बांध व चार्ट भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति को दानापुर के सीओ ने भी स्वीकार किया था. सोन नहर प्रमंडल, खगौल, पटना द्वारा अतिक्रमण वाद दायर करने के लिए दानापुर के सीओ को लिखा गया था. उन्होंने कोर्ट को बताया कि सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता द्वारा दानापुर के अंचलाधिकारी को अतिक्रमणकारियों की सूची दी थी.
कोर्ट ने जनहित याचिका को किया निष्पादित: कार्यपालक अभियंता ने पत्र में मुख्य नहर के बांध व चार्ट भूमि पर किये गए अतिक्रमण को मुक्त कराने के विरुद्ध अतिक्रमण वाद दायर कर पहले कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया था, ताकि विभागीय भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त हो सके. पटना हाईकोर्ट ने आज अपने आदेश में इस क्षेत्र से जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने का आदेश देते हुए इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.