पटना: पटना हाईकोर्ट में आज कई मामलों पर सुनवाई हुई. इनमें कोटा व अन्य राज्यों से छात्रों व मजदूरों के वापस लाये जाने के साथ, निजी होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाये जाने की याचिकायें शामिल थीं. साथ ही कोर्ट ने पटना के खगौल रोड पर रहने वाले कुष्ठ रोगियों की सुविधा सुनिश्चित करने को चीफ सेक्रेटरी से कहा है.
कोटा व अन्य राज्यों से छात्रों के वापस बिहार लाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र व राज्य सरकारों ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की. अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर व अन्य की जनहित याचिकाओं पर जस्टिस हेमंत कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि छात्रों व प्रवासी मजदूरों को वापस बिहार लाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. उनके वापसी के लिए विशेष ट्रेनें शुरू कर दी गई हैं. साथ ही उन्हें वापस लाने के लिये बसों व निजी वाहनों के लिए पास देने की व्यवस्था भी की गई है. राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि छात्रों व मजदूरों की वापसी हो रही है. केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार उन सभी की मेडिकल टीम जांच कर रही है और उन्हें अपने घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है. इस मामले पर अगली सुनवाई फिर से 9 मई को होगी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई
पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए यह बताने को कहा कि निजी होटलों को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील करना कैसे वैध है? साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि निजी होटल के सभी फर्नीचर, साजो सामान आदि की एक लिस्ट संबंधित होटल के मालिक या मैनेजर की उपस्थिति में बनाई जाये. इस लिस्ट को एक सप्ताह के अंदर कोर्ट के समक्ष पेश किया जाये. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने भारत यादव की रिट याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए मुंगेर के डीएम सहित राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए. कोर्ट को बताया गया कि जमालपुर जंक्शन के पास होटल व्हाइट हाउस को मुंगेर जिला प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के लिये आनन फानन में टेक ओवर कर लिया. इस दौरान होटल की संपत्तियों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 2 जून को होगी.
चीफ सेक्रेटरी को निर्देश
हाई कोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया है कि पटना के खगौल रोड पर रहने वाले कुष्ठ रोगियों को रोजाना भोजन, स्वच्छ पेयजल और जरूरी दवा मिलना सुनिश्चित करें. साथ ही उनके कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये पूरे मोहल्ले को सेनेटाइज कराने को कहा. हाई कोर्ट ने इस मामले में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को पार्टी बनाया. कोर्ट ने प्राधिकार के सदस्य सचिव को निर्देश दिया कि खगौल के इन क्षेत्रों स्थित कुष्ठ रोगियों की देखभाल और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे कामों का ब्यौरा एक हफ्ते में प्रस्तुत करें. जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सम उत्थान नामक संस्था की जनहित याचिका पर ये सुनवाई की. मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी.