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मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल मामला : HC ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का दिया निर्देश - चीफ जस्टिस संजय करोल

पटना हाईकोर्ट में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी. पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Nov 28, 2022, 6:06 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के आपरेशन में कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी थी. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था.

ये भी पढ़ें- राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किये जाने के मामले पर टली सुनवाई

मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल मामले पर सुनवाई: आज राज्य सरकार ने कोर्ट में जांच के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत किया. इस पर कोर्ट ने 6 दिसम्बर, 2022 तक हलफनामा दायर करने निर्देश राज्य सरकार को दिया. पूर्व की सुनवाई में मुजफ्फरपुर के एसएसपी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया था. मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है. पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वीके सिंह ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में दर्ज प्राथमिकी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.

कोर्ट ने रिपोर्ट सौंपने को कहा: कोर्ट ने इससे पहले की सुनवाई में कहा था कि इस मामलें में गठित डॉक्टरों की कमिटी को चार सप्ताह मे अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करें. इसमें कोर्ट को बताया गया था कि आंखों की रोशनी गंवाने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक-एक लाख रुपए दिए गए हैं. साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफआईआर दर्ज कराया गया था, लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने लगाया आरोप: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया था कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आंखें की रोशनी खोनी पड़ी. याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ी.

6 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई: इस जनहित याचिका पर अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने याचिकाकर्ता की ओर से पक्षों को रखा, जबकि कोर्ट द्वारा कोर्ट के सहायता के लिए नियुक्त एमिकस क्यूरी अधिवक्ता आशीष गिरि ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया. इस मामले पर अगली सुनवाई 6 दिसंबर, 2022 को की जाएगी.

ये भी पढ़ें- पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना मामले पर पटना हाईकोर्ट में एक सप्ताह बाद होगी सुनवाई

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के आपरेशन में कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी थी. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था.

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मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल मामले पर सुनवाई: आज राज्य सरकार ने कोर्ट में जांच के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत किया. इस पर कोर्ट ने 6 दिसम्बर, 2022 तक हलफनामा दायर करने निर्देश राज्य सरकार को दिया. पूर्व की सुनवाई में मुजफ्फरपुर के एसएसपी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया था. मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है. पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वीके सिंह ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में दर्ज प्राथमिकी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.

कोर्ट ने रिपोर्ट सौंपने को कहा: कोर्ट ने इससे पहले की सुनवाई में कहा था कि इस मामलें में गठित डॉक्टरों की कमिटी को चार सप्ताह मे अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करें. इसमें कोर्ट को बताया गया था कि आंखों की रोशनी गंवाने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक-एक लाख रुपए दिए गए हैं. साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफआईआर दर्ज कराया गया था, लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने लगाया आरोप: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया था कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आंखें की रोशनी खोनी पड़ी. याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ी.

6 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई: इस जनहित याचिका पर अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने याचिकाकर्ता की ओर से पक्षों को रखा, जबकि कोर्ट द्वारा कोर्ट के सहायता के लिए नियुक्त एमिकस क्यूरी अधिवक्ता आशीष गिरि ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया. इस मामले पर अगली सुनवाई 6 दिसंबर, 2022 को की जाएगी.

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