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पटना हाईकोर्ट में कदमकुआं वेंडिंग जोन मामले की सुनवाई, कोर्ट ने दिए ये निर्देश

कोर्ट को बताया गया कि इन दोनों सरकारी विभागों ने ना सिर्फ कदमकुआं वेंडिंग जोन परियोजना को रद्द किया, बल्कि आठ अन्य परियोजनाओं को भी रद्द कर दिया है. इनमें प्लास्टिक बेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट और जलापूर्ति व्यवस्था की परियोजनाएं शामिल हैं.

Patna High Court
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Published : Feb 18, 2022, 2:48 PM IST

पटना: राजधानी पटना का चर्चित कदमकुआं वेंडिंग जोन का निर्माण बंद होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग (Urban Development Department) के प्रधान सचिव और पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) के आयुक्त को तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने डॉ आशीष कुमार सिन्हा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को वेडिंग जोन के लिए टेंडर की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें: Patna High Court News: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा वापस लेंगे आशा वर्कर, 28 फरवरी को अगली सुनवाई

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जानना चाहा था कि राज्य के नगर विकास और आवास विभाग ने इस योजना को कैसे रोक दिया. साथ ही यह भी बताने को कहा था कि वेंडिग जोन का निर्माण कब तक पूरा होगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि नगर निगम स्वायत्त संस्था है, जिसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त है. कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि कदमकुआं वेंडिंग जोन के लिए फिर कब टेंडर जारी किया जाएगा और ये कब तक पूरा हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: समस्तीपुर में महीनों से PDS लाइसेंस रद्द रखने पर हाईकोर्ट में सुनवाई, आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव तलब

पटना नगर निगम ने कदमकुआं वेंडिंग जोन का निर्माण रोके जाने के मामले में एक हलफनामा दायर किया था. इसमें यह बताया गया कि नगर निगम को दो करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर जारी करने का अधिकार नहीं है. साथ ही इस तरह के निर्माण के लिए बुडको से सहमति लेनी आवश्यक है. कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि इन सरकारी विभागों ने निगम के टेंडर को कैसे रद्द कर दिया, जबकि नगर निगम संवैधानिक दर्जा प्राप्त स्वायत्त संस्था है. साथ ही नगर निगम को बुडको की सहमति लेने की क्यों जरूरत है.

अधिवक्ता मयूरी ने याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया था कि इन दोनों सरकारी विभागों ने ना सिर्फ कदमकुआं वेंडिंग जोन परियोजना को रद्द किया, बल्कि आठ अन्य परियोजनाओं को भी रद्द कर दिया है. इनमें प्लास्टिक बेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट और जलापूर्ति व्यवस्था की परियोजनाएं शामिल हैं. इस मामले में अगली सुनवाई अब 3 मार्च 2022 को होगी.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में वकीलों की सुविधाओं को लेकर सुनवाई, कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से जताई कार्रवाई की उम्मीद

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पटना: राजधानी पटना का चर्चित कदमकुआं वेंडिंग जोन का निर्माण बंद होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग (Urban Development Department) के प्रधान सचिव और पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) के आयुक्त को तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने डॉ आशीष कुमार सिन्हा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को वेडिंग जोन के लिए टेंडर की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया है.

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कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जानना चाहा था कि राज्य के नगर विकास और आवास विभाग ने इस योजना को कैसे रोक दिया. साथ ही यह भी बताने को कहा था कि वेंडिग जोन का निर्माण कब तक पूरा होगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि नगर निगम स्वायत्त संस्था है, जिसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त है. कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि कदमकुआं वेंडिंग जोन के लिए फिर कब टेंडर जारी किया जाएगा और ये कब तक पूरा हो जाएगा.

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पटना नगर निगम ने कदमकुआं वेंडिंग जोन का निर्माण रोके जाने के मामले में एक हलफनामा दायर किया था. इसमें यह बताया गया कि नगर निगम को दो करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर जारी करने का अधिकार नहीं है. साथ ही इस तरह के निर्माण के लिए बुडको से सहमति लेनी आवश्यक है. कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि इन सरकारी विभागों ने निगम के टेंडर को कैसे रद्द कर दिया, जबकि नगर निगम संवैधानिक दर्जा प्राप्त स्वायत्त संस्था है. साथ ही नगर निगम को बुडको की सहमति लेने की क्यों जरूरत है.

अधिवक्ता मयूरी ने याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया था कि इन दोनों सरकारी विभागों ने ना सिर्फ कदमकुआं वेंडिंग जोन परियोजना को रद्द किया, बल्कि आठ अन्य परियोजनाओं को भी रद्द कर दिया है. इनमें प्लास्टिक बेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट और जलापूर्ति व्यवस्था की परियोजनाएं शामिल हैं. इस मामले में अगली सुनवाई अब 3 मार्च 2022 को होगी.

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